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(GMT+08:00) 2008-01-14 18:01:34    
ईरानी नाभिकीय समस्या में परिवर्तन होगा या नहीं

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ईरानी उप राष्ट्रपति एवं ईरानी परमाणु ऊर्जा संस्था के अध्यक्ष श्री आगाजादेह ने 13 तारीख को तेहरान में कहा कि ईरान आशा करता है कि इस वर्ष की फरवरी में उस की नाभिकीय योजना की सभी अनसुलझी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।

यह बात शअरी आगाजादेह ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के महा निदेशक श्री बारादेई की ईरान यात्रा के बाद कही । श्री बारादेई ने 11 और 12 तारीख को ईरान की यात्रा की थी। वर्ष 2006 के अप्रैल के बाद उन की प्रथम ईरान यात्रा है। यात्रा के दौरान, उन्होंने अलग-अलग तौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता श्री खुमैनी , राष्ट्रपति अहमदी नेजाद आदि उच्च स्तरीय नेताओं से मुलाकात की। वार्ता में भाग लेने वाले राजनयिकों ने कहा कि वार्ता सक्रिय व रचनात्मक रही है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता श्री हुसैन ने 13 तारीख को कहा कि ईरान मार्च से पहले सभी अनसुलझी समस्याओं का समाधान करेगा। उसी दिन, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के महा निदेशक बारादेई की प्रवक्ता सुश्री फ्लेमिंग ने वक्तव्य जारी करके कहा कि ईरान व अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था ने एक स्वर में कहा कि दोनों पक्षों द्वारा गत वर्ष की जुलाई में संपन्न कार्यवाई योजना आगामी चार हफ्तों में पूरी हो जाएगी। वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि ईरान ने श्री बारादेई को स्वं अनुसंधान से तैयार की गयी नयी युरेनियम संवर्द्धन सेन्ट्रफ्यूज मशीन के बारे में सूचना दी है।

वास्तव में सेन्ट्रफ्यूज मशीन ईरान द्वारा अनुसंधान की जाने वाली पी दो सेन्ट्रफ्यूज मशीन है। इस सेन्ट्रफ्यूज मशीन की संबंधित सूचना भी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था द्वारा द्वारा मांगी जा रही सूचनाओं में से एक है, इस से अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था को यह जानकारी मिल सकेगी कि ईरान की नाभिकीय योजना किस हद तक विकसित हुई है। लेकिन, पश्चिम के राजनयिकों को अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के वक्तव्य पर संदेह है और इस बात पर भी श्री बारादेई ईरान को अपनी युरेनियम संवर्द्धन कार्यवाई को अंततः बंद करने के लिए समझा सकेंगे।कुछ विश्लेषकों का मानना है कि निकट भविष्य में ईरानी नाभिकीय योजना में सभी अनसुलझी समस्याओं का समाधान करना असंभव होगा। उन का मानना है कि सर्वप्रथम, कई वर्षों की जांच के बाद भी अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था ने अभी भी ईरानी नाभिकीय कार्यवाई में सब से कुंजीभूत सूचना हासिल नहीं की है। उन्होंने बताया कि ईरान व अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था ने गत वर्ष के अगस्त माह में कार्यवाई योजना पर समझौता संपन्न किया था।समझौते के अनुसार, ईरान को गत वर्ष के अंत से पहले इस संस्था को नाभिकीय समस्या की संबंधित संवेदनशील सूचनाएं और सभी अनसुलझे सवालों का जवाब दे देना चाहिए था, लेकिन, अभी तक, ईरान द्वारा दिए गए वचन का पूरा पालन नहीं हुआ है।

दूसरी ओर, श्री बारादेई की वर्तमान यात्रा का मुख्य मकसद ईरान व अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के बीच सहयोग को आगे बढ़ाना है, लेकिन, उन्होंने ईरान से युरेनियम संवर्द्धन कार्यवाई को बंद करने की मांग नहीं की है। अमरीका तथा उस के पश्चिमी मित्र देशों को यह स्थिति अस्वीकार होगी। लेकिन युरेनियम संवर्द्धन समस्या का समाधान न होने से यह तय नहीं किया जा सकता है कि भविष्य में ईरानी नाभिकीय समस्या का सुभीतापूर्ण रुप से समाधान किया जा सकेगा या नहीं।

तीसरा, श्री बारादेई की वर्तमान यात्रा की उपलब्धि प्रत्यक्ष रुप से मार्च में उन के द्वारा जारी की गयी ईरानी नाभिकीय समस्या की रिपोर्ट में प्रतिबिंबित हुई थी, जबकि यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा ईरान के खिलाफ नया प्रतिबंध लगाने या न लगाने का महत्वपूर्ण सबूत बनेगी। ईरान ने इस समय श्री बारादेई को नाभिकीय तकनीक की महत्वपूर्ण सूचना दी है। क्या ईरान ने बारादेई की रिपोर्ट पर असर डालने के लिए यह सूचना दी है, यह संदेहजनक है।

चौथा, ईरानी नाभिकीय समस्या संबंधी श्री बारादेई की पहले की सभी रिपोर्टों में स्पष्ट रुप से इस पर कोई स्पष्ट राय नहीं दी गई है कि ईरान नाभिकीय हथियारों का विकास कर रहा है या नहीं। जबकि दो महीनों के बाद श्री बारादेई को नयी रिपोर्ट देनी है। इतने कम समय में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था को यह निश्चित रुप से बताना है कि ईरानी नाभिकीय योजना का मकसद शांतिपूर्ण है या नहीं , यह भी एक समस्या है। श्री बारादेई की वर्तमान ईरान-यात्रा ने संभवतः ईरान और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा संस्था के बीच सहयोग की गति को तेज़ किया है, लेकिन, इस से यह निष्कर्ष निकालना कि ईरान चार हफ्तों में अपनी नाभिकीय योजना में सभी अनसुलझी समस्याओं का समाधान कर सकेगा , जल्दबाजी होगी।