अब है उत्कर्ष रेडियो श्रोता संघ, नागौर राजस्तान के रामनिवास बुगारिया का पत्र आप लोगों के सामने है । उन्हों ने कहा कि हम चाइना रेडियो इंटरनेशनल के नियमित श्रोता हैं , आप के कार्यक्रमों से हमारा जज्बाती रिश्ता बन चुका है । सी .आर .आई के प्रति हमारी चाहत का आलम ये है कि हमें सी .आर.आई प्रोग्राम सुने बिना चैन ही नहीं आता है । सी .आर .आई के कार्यक्रमों को हम दिलोजान से चाहते हैं । हालत यह है कि सी .आर.आई के कार्यक्रम को जब मैं मिस कर देता हूं , तो मैं बेहद नर्वस हो जाता हूं ।
सी .आर .आई के कार्यक्रमों में मुझे आज का तिब्बत , आप की पसंद , आप का पत्र मिला , जीवन और समाज , चीनी गीत संगीत आदि बेहद अच्छे लगते हैं । कार्यक्रमों की तारीफ करने के लिए मैं क्या कहूं , मेरे पास शब्द ही नहीं है ।
सी .आर .आई के कार्यक्रम हमारा ज्ञानवर्द्धन करते हैं । सी .आर .आई के कार्यक्रम रोचक होते हैं . साथ ही स्वस्थ मनोरंजन भी प्रदान करते हैं ।
सी .आर. आई कार्यक्रम पुख्यतया हम विद्यार्थियों तथा युवा वर्ग के लिए तो ज्ञान का अपार कोष है , सी .आर .आई के कार्यक्रमों से हमें परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है , साथ ही आप की मधुर आवाज सुन कर हमारा दिल बागबाग हो जाता है। सी .आर .आई के कार्यक्रम हमारे लिए एक अच्छा टॉनिक साबित हो रहे हैं ।
सी .आर .आई के समाचार और रिपोर्ट निष्पक्ष होते हैं , जो बिना किसी का पक्ष लिए हुए सच्चे समाचार प्रस्तुत करते हैं । सी .आर .आई के समाचार ज्ञानवर्धक व सटीक होते हैं और कार्यक्रमों में ताजगी व नवीनता होती है ।
हमारे क्लब की बैठक में सी .आर .आई के प्रसारण में सुधार हेतु कुछ सुझाव भी पेश किए गए , आशा है कि आप को पसंद आएंगे और आप उन पर अवश्य विचार करेंगे ।
पहला सुझाव है कि सी .आर .आई की चार सभाएं होती हैं , इन चार सभाओं में एक ही कार्यक्रम प्रसारित होता है , कृपया ऐसा न करें । अपितु रात की सभाओं में एक कार्यक्रम दें और सुबह वाली सभा में एक कार्यक्रम दें , ताकि साप्ताहिक कार्यक्रमों की संख्या भी बढ़ सके और हमें ज्यादा कार्यक्रम सुनने को मिले ।
दूसरा सुझाव है कि पत्र मित्रता के लिए विशेष या अलग कार्यक्रम करें या श्रोता वाटिका में पतें प्रकाशित करें ।
हम रामनिवास बुगालिया को बहुत बहुत धन्यावाद देते हैं कि आप ने सी .आर .आई के कार्यक्रमों की काफी प्रशंसा की और कार्यक्रमों में सुधार के लिए अच्छे सुझाव भी पेश किए हैं । पर इस समय हमें आप के सुझावों को अमल में लाने के लिए थोड़ा सोच विचार करना पड़ेगा , हां , भविष्य में यह साकार हो सकेगा ।
पूर्णिया बिहार के अंजनी कुमार प्रेमी ने बड़े सुन्दर अक्षरों में एक पत्र लिख कर भेजा है , जो अब हमारे सामने है । अंजनी कुमार प्रेमी का यह पत्र विशेष तौर पर हमारी पूर्व उद्घोषिता दीदी सुनइंग के नाम लिखा गया है , उन्हों ने पत्र में कहा कि कुशलपूर्वक रहते हुए आप सबों की कुशलता की कामना सदा ईश्वर से करता हूं । बहन जी , हमें यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि मैं सी .आर .आई का वर्ष 1985 से 1992 -1993 तक नियमित पुराना श्रोता रहा हूं । और आप को शायद याद होगा कि जब मेरा छोटा पुत्र का जन्म 1992 में हुआ था , तो आप ही ने मेरे पुत्र का नामांकरण किया था , और रोहित नाम आप की द्वारा दिया गया था , जो आज तक है ।
हमें अफसोस एवं दुख है कि मैं विगत कुछ वर्ष आप के केन्द्र का नियमित श्रोता नहीं रह सका , हमारी कुछ घरेलू परेशानियां थीं , खैर अब मैं पुनः सी .आर .आई का नियमित श्रोता रहूंगा ।
श्री अंजनी कुमार प्रेमी का यह पत्र पढ़ कर मुझे काफी खुशी हुई और प्रेरणा मिली है कि वर्षों के बाद हमारे पुराने श्रोता मित्र फिर वापस सी .आर .आई का हिन्दी प्रसारण लौट आये , यो इस के दौरान सी .आर .आई के हिन्दी परिवार के सदस्यों में काफी तब्दील हुई है और सुनइंग आदि पुराने कार्यकर्ता रिटायर हो कर हिन्दी प्रसारम काम से अलग हो गए , लेकिन उन के द्वारा सी .आर .आई हिन्दी परिवार और श्रोताओं के बीच जो दोस्ती कायम हुई थी , वह आज तक बरकरार रही है और रहेगी भी । सुनईंग दीदी की जगह वर्तमान में जो हम नए हिन्दी परिवार सदस्य प्रसारण का काम करते हैं , वे जरूर इस मैत्री परम्परा को आगे ले जाने की कोशिश करेंगे और व्यापक श्रोताओं के साथ पुरानी दोस्ती के आधार पर नई नई दोस्ती का विकास करते रहेंगे । हमें पक्का विश्वास है कि हमारे बीच की यह मैत्री सदासदैव विकसित होती जाएगी । मैं यहां हिन्दी परिवार के सभी सदस्यों की ओर से श्री अंजनी कुमार प्रेमी का तहेदिल से स्वागत करती हूं और आशा करती हूं कि आप हमारे नए सी .आर .आई कार्यकर्ताओं के साथ मैत्री का विकास करेंगे और जैसा कि सुनईंग दीदी के वक्त की भांति आप लोगों व सी .आर .आई हिन्दी परिवार के बीच की दोस्ती बढ़ती जाएगी ।
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