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(GMT+08:00) 2008-01-10 12:09:24    
पाकिस्तान ने न्यूक्लीयर संस्थापनों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने की पूरी कोशिश दोहरायी

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पाकिस्तान सरकार ने 9 जनवरी को कहा कि एक जिम्मेदार न्यूक्लीयर हथियार संपन्न देश होने के नाते पाकिस्तान में न्यूक्लीयर संस्थापनों की कड़ी सुरक्षा प्रणाली स्थापित हो गयी है और पाकिस्तान के रणनीतिक न्यूक्लीयर संस्थापन बिल्कुल सुरक्षित स्थिति में हैं ।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महा निदेशक बारादेई ने हाल में एक मीडिया के साथ दिये साक्षात्कार में यह आशंका जतायी कि पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार चरमपंथियों के नियंत्रण में जा सकते हैं । पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक ने एक नियमित न्यूज ब्रीफिंग में इस बात की टिप्पणी करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के जिम्मेदार की हैसियत से बारादेई को अपने बयान पर जिम्मेदारी उठानी चाहिये । उन्हों ने कहा कि बारादेई के बयान ने पाकिस्तान के रणनीतिक न्यूक्लीयर संस्थापनों को बिल्कुल सुरक्षा में रखने के तथ्य पर नजरअंदाज कर दिया है । प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की असैनिक नाभिकीय परियोजनाएं पूर्ण रूप से अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के निगरानी में हैं । पाकिस्तान ने उक्त एजेंसी का कर्तव्य पूरी तरह निभाया है , साथ ही वह आगे भारी मामलों में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के साथ सहयोग करना जारी रखेगा ।

अमरीकी सी एन एन की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में करीब 50 न्यूक्लीयर हथियार हैं । पाकिस्तान में तालिबान की बची खुची शक्तियों की गतिविधियों और अमरीका के आतंक विरोधी संघर्ष में पाकिस्तान के समर्थन जैसे कारणों को ध्यान में रखकर पश्चिमी देश हमेशा उस के न्यूक्लीयर हथियारों की सुरक्षा पर चिन्तित रहे हैं । अतः जब इस देश की राजनीतिक स्थिति में कोई बड़ा बदलाव आता है , तो उस के पास न्यूक्लीयर हथियार पश्चिमी मीडिया का चर्चित मुद्दा बन सकते हैं । खासकर जब 2007 में पाकिस्तान में ताबड़तोड़ प्रमुख न्यायाधिश वारदात , लाल मस्जिद वारदात , देशव्यापी आपातकालीन स्थिति और पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या जैसे भारी वारदात पैदा हुए , तो पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार आतंकवादियों के हाथों जायेंगे या नहीं , यह सवाल पश्चिमी देशों में एक और बड़ा चर्चित सवाल बन गया है । अमरीका के एक पूर्व उच्च सरकारी अधिकारी ने कहा कि अल कायदा ने पाकिस्तान व अफगानिस्तान के सीमांत क्षेत्रों में अनेक छावनियां स्थापित की हैं और उन्हों ने पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार प्रहार के निशानों में शामिल कर लिया है । गत नवम्बर को मुशर्रफ द्वारा पाकिस्तान में देशव्यापी आपातकालीन स्थिति को घोषित किये जाने के बाद कुछ पश्चिमी मीडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अमरीका को चिन्ता है कि कहीं पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार दूसरे लोगों के हाथों न जाये , उस ने यह तदनुरूप आपातकालीन कदम निर्धारित किया है कि जरूरत पड़ने पर पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार अपने कब्जे में किये जायेंगे । अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों की दावेदार वनकर उभर रही डेमोक्रेटिक सीनेट हिलेरी क्लिंगटन ने हाल ही स्प्ष्टतः कहा कि चुनाव जीतने पर वे पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियारों की सुरक्षा के निरीक्षण के लिये अमरीका व ब्रिटेन को साझी टीम गठित करने का सुझाव देंगी ।

बाह्य चिन्ताओं के मद्देनजर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सादिक ने बार बार बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान ने 1998 में न्यूक्लीयर परीक्षण के बाद न्यूक्लीयर हथियारों की सुरक्षा के लिये जबरदस्त नियंत्रण प्रणाली कायम कर ली है , इसलिये पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियार सुरक्षित हैं , किसी के पास जाने का कोई खतरा नहीं है । सादिक ने कहा कि पाकिस्तान के न्यूक्लीयर हथियारों पर नियंत्रण केवल पाकिस्तान द्वारा किया जा सकता है ।

मजे की बात यह है कि पाकिस्तान का ख्याल रखने वाले अमरीका ने औपचारिक सरकारी मौके पर इसी संदर्भ में अपनी कोई चिन्ता नहीं जतायी । पाक पूर्व प्रधान मंत्री बेनजीर भुट्टों की हत्या से हुए नये उपद्रव पर अमरीका के पेटागन के प्रवक्ता केक ने कहा कि हमारे अनुमान के अनुसार पाकिस्तान के न्यूक्लीयर शस्त्रागार पाक सेना के नियंत्रण में हैं , हमें इस पर चिन्ता होने की कोई जरूरत नहीं है ।