भारतीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह योजनानुसार इस महीने के मध्य में चीन की औपचारिक यात्रा करेंगे। भारतीय प्रधान मंत्री बनने के बाद यह उन की पहली चीन-यात्रा है और चीनी प्रधान मंत्री श्री वन चा पाओ व चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ की भारत यात्रा के बाद भारतीय नेता की एक अहम जवाबी यात्रा भी है। वर्तमान में भारत स्थित नये चीनी राजदूत श्री जांग यान ने हमारे संवाददाता के साथ साक्षात्कार में श्री सिंह की होने वाली चीन-यात्रा का उच्च मूल्याकंन किया। उन्होंने कहा कि गत अक्तूबर में भारतीय कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सुश्री सोनिया गांधी ने चीन की यात्रा की थी। वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17वीं कांग्रेस के बाद चीन में पहली विदेशी सरकारी मेहमान बनी थीं। इस बार भारतीय प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह वर्ष 2008 में चीन सरकार के पहले विदेशी मेहमान नेता होंगे। मुझे विश्वास है कि मौजूदा यात्रा से चीन व भारत के विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग में नयी जीवनी शक्ति का संचार होगा और चीन-भारत रणनीतिक सहयोग साझेदार संबंध का दीर्घकालीन स्वस्थ विकास आगे बढ़ेगा।
गत साल चीन व भारत के मैत्रीपूर्ण सहयोग संबंधों का सिंहावलोकन करते हुए श्री जांग यान ने कहा कि चीन और भारत के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग में चौतरफा प्रगति हुई है और दोनों देशों की सरकारों व संसदों तथा सेनाओं के बीच आवाजाही व वार्ता दिन ब दिन बढ़ रही है, जिस से दोनों देशों के संबंधों के स्थिर विकास को मदद मिली है और राजनीतिक विश्वास व सहयोग बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस साल चीनी व भारतीय प्रतिनिधियों ने सीमा सवाल पर तीन बार भेंटवार्ता आयोजित की और सीमा सवाल के समाधान ढ़ांचे पर लाभदायक विचार-विमर्श किया। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय ने तीसरा रणनीतिक वार्तालाप आयोजित किया, जिस में द्विपक्षीय व समान रूचि वाले अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय सवालों पर विचारों का गहन आदान-प्रदान किया गया। दोनों देशों की थल सेनाओं ने प्रथम संयुक्त प्रशिक्षण भी आयोजित किया।
इस के अलावा, वर्ष 2007 में चीन और भारत ने रणनीतिक वार्ता, विदेशी नीति पर सलाह मशविरा, आतंक विरोधी वार्ता आदि व्यवस्थाओं की स्थापना भी की है और सिलसिलेवार अहम अंतर्राष्ट्रीय सवालों पर घनिष्ठ सहयोग व संपर्क बनाए रखकर विकासशील देशों के हितों की समान रूप से रक्षा की है। दोनों देशों की सरकारों के सकारात्मक समर्थन से दोनों देशों ने आर्थिक व सांस्कृतिक आवाजाही में भी बड़ी सफलता हासिल की है। श्री जांग यान ने परिचय देते हुए कहा कि आर्थिक व व्यापारिक सहयोग में पिछले साल दोनों देशों की व्यापार रक्म 34 अरब 20 करोड़ अमरीकी डॉलर से अधिक रही, जो वर्ष 2006 की इसी अवधि से 54 प्रतिशत अधिक है। इस गति के अनुसार दोनों देशों के नेताओं द्वारा निश्चित वर्ष 2010 में द्विपक्षीय व्यापार रक्म 4 खरब अमरीकी डॉलर पहुंचाने का लक्ष्य समय से पहले ही पूरा हो गया। परिचय के अनुसार वर्तमान में दोनों देशों ने नयी दिल्ली से क्वानचुंग तक, खुनमिंग से कोलकाता तक एयर लाइनें खोली हैं, जो अधिक गैरसरकारी आवाजाही के लिये और सुविधा प्रदान कर रही हैं।
वर्ष 2008 में पेइचिंग में आयोजित होने वाले ऑलम्पियाड की चर्चा करते हुए श्री जांग यान ने विशेष बल देते हुए कहा कि ऑलम्पियाड व ऑलम्पियाड की भावना से नये साल में दोनों देशों की जनता को आपस में और करीब आने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में चीन ऑलम्पियाड आयोजित करेगा और भारत इस से संबंधित ऑलम्पिक टार्च कार्यवाही आयोजित करेगा, दोनों देश ऑलम्पियाड की भावना के विकास के लिये पुनःमिलजुल कर सहयोग करेंगे।
अंत में श्री जांग यान ने कहा कि वे अपने कार्यकाल में चीन-भारत मैत्रीपूर्ण सहयोग के विकास के लिये योगदान करना चाहते हैं और उन की हार्दिक कामना है कि श्री सिंह की मौजूदा चीन-यात्रा सफल होगी और दोनों देशों के संबंध और आगे बढ़ेंगे।
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