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(GMT+08:00) 2008-01-08 18:00:10    
चीनी पेट्रोरसायन विशेषज्ञ मेन एन चे और वनस्पति विशेषज्ञ वु जङ यी को सर्वोच्च राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया गया

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आठ तारीख को पेइचिंग में आयोजित चीनी राष्ट्रीय विज्ञान व तकनीक पुरस्कार समारोह में चीनी पेट्रो रसायन विशेषज्ञ श्री मेन एन चे और वनस्पति विशेषज्ञ श्री वु जङ यी को वर्ष 2007 के सर्वोच्च राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित किया गया है । पुरस्कार समारोह में चीनी नेताओं ने कहा कि चीन चीनी वैज्ञानिकों और तकनीशियनों के लिए अनुसंधान के और अच्छे वातावरण तैयार करेगा और बड़ी संख्या में श्रेष्ठ वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित करेगा और पूरे समाज में विज्ञान के अध्ययन , विज्ञान के प्रयोग और ज्ञान के सम्मान तथा सुयोग्य लोगों के आदर का गाढा माहौल तैयार करेगा ।

आठ तारीख को चीनी राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक पुरस्कार समारोह पेइचिंग में धुमधाम के साथ आयोजित हुआ , जिस में चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने 2007 के सर्वोच्च राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के विजेता , चीनी पेट्रो रसायन विशेषज्ञ श्री मेन एन चे और वनस्पति विशेषज्ञ श्री वु जङ यी को पुरस्कार प्रदान किए ।

वर्ष 2000 में स्थापित चीन के सर्वोच्च राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की बड़ी प्रतिष्ठा होती है और सर्वोच्च पुरस्कार के हर विजेता को पचास लाख य्वान की ईनाम प्रदान की जाती है । अब तक चीन के कुल 12 वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार प्राप्त हुए हैं ।

मौजूदा पुरस्कार समारोह में सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार के विजेता, पेट्रो रसायन विशेषज्ञ श्री मेन एन चे चीन के तेल शौधन संवर्द्धक विज्ञान के संस्थापक माने जाते हैं । इधर के सालों में उन्हों ने पेट्रो रसायन क्षेत्र में तेल शौधन संवर्द्धन की अनेकों नयी नयी सामग्रियों के अनुसंधान में उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की हैं और उन के नए आविष्कारों का व्यवहारिक उद्योग में प्रयोग किया गया , जो देश के ऊर्जा सुरक्षा तथा सतत् विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है । इन के अलावा श्री मेन एन ची ने पर्यावरण प्रदूषण को सजड़ खत्म करने के लिए हरित रसायन तकनीकों के बुनियादी अनुसंधान में भी काम किया और बहुत सी नयी नयी उपलब्धियां भी प्राप्त की हैं । पुरस्कार समारोह में श्री मेन एन ची ने बोलते हुए कहाः

पिछले 50 सालों में चीन के तेल शौधन उद्योग में तेल विकास हुआ है , पहले चीन तेल शौधन की संवर्द्धन सामग्री की सप्लाई में आयात पर निर्भर करता था, अब चीन आत्मनिर्भर हो गया है , साथ ही निर्यात भी कर सकता है । चीन अब हर साल करोड़ टन तेल शौधन संवर्द्धन सामग्री उत्पादित करता है । पहले चीन हर साल कई लाख टन कच्चे तेल का शौधन करता था , अब चीन हर साल तीस करोड़ टन कर सकता है , जो विश्व के दूसरे स्थान पर है । अपने अनुभवों और अमलों के जरिए मुझे गहरा महसूस हुआ है कि ये सफलताएं व्यापक वैज्ञानिक व तकनीशियनों के एकजुट व अथक प्रयोसों का सुफल है ।

मौजूदा पुरस्कार समारोह में चीनी वनस्पति विशेषज्ञ श्री वु जङ यी को भी सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है । 92 वर्षीय वु जङ यी ने वनस्पति विज्ञान क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा हालिस की है और बड़ी संख्या में मूल्यवान अनुसंधान ग्रंथ संकलित किए हैं ।

वे एक ऐसे चीनी वनस्पति विशेषज्ञ हैं , जिन्हों ने चीन में सब से ज्यादा वनस्पतियों का पता लगाया है और उन का नामकरण किया है । उन्हों ने प्रकृति संरक्षण क्षेत्र तथा जंगली वनस्पति बीज बैंक की स्थापना के बारे में जो सुझाव पेश किया है , उस ने चीन में वनस्पतियों की विविधता तथा प्राकृतिक संसाधनों के सतत् विकास के लिए दूरगामी बंदोबस्त किया है ।

चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ ने समारोह में भाषण देते हुए कहा कि विज्ञान व तकनीत चीन के सामाजिक व आर्थिक विकास के इंजन व स्तंभ की हैसियत रखता है , व्यापक वैज्ञानिकों व तकनीशियनों को विश्व के अग्रिम विज्ञान क्षेत्र में बेशुमार बुनियादी व कल्याणदायी वैज्ञानिक अनुसंधान काम शुरू करना चाहिए । श्री वन चापाओ ने कहाः

व्यापक वैज्ञानिकों व तकनीशियनों को उच्च व नवीनतम तकनीक उद्योगों के विकास , पर्यावरण संरक्षण व पर्यावरण प्रबंधन , खाद्य पदार्थ सुरक्षा और सुरक्षित उत्पादन के संदर्भ में प्रमुख वैज्ञानिक अनुसंधान में भारी प्रगति पाने की कोशिश करना चाहिए और साहस के साथ सभी समुन्नत अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीकी उपलब्धियों का ग्रहण करते हुए चीन के विज्ञान तकनीक के विकास में नए खून का संचार करना चाहिए।

पुरस्कार समारोह में तीन सौ से ज्यादा मुद्दों पर विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए भी गए है ।