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(GMT+08:00) 2008-01-07 16:25:30    
लेबनान के राजनीतिक संकट व फिलिस्तीन इज़राइल स्थिति पर विचार-विमर्श कियाः अरब लीग

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अरब लीग के विदेश मंत्रियों का आपात सम्मेलन छह तारीख को काहिरा में आयोजित हुआ । अरब लीग के 22 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों व प्रतिनिधियों ने लेबनान के राजनीतिक संकट और फिलिस्तीन इज़राइल शांति वार्ता की बहाली पर विचार-विमर्श किया । 

लेबनान के राजनीतिक संकट को समाप्त करने के लिए सम्मेलन में पारित कार्यक्रम योजना में तीन कदम वाला सिद्धांत पेश किया गया । यानि लेबनान के संबंधित पक्षों से आग्रह किया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव सवाल को लेकर एकमत प्राप्त कर संविधान के अनुसार लेबनानी सेना के जनरल कमांडर मिचेल सुलेमान को नया राष्ट्रपति बनाया जाए, शीघ्र ही राष्ट्रीय संयुक्त मिली-जुली सरकार का गठन किया जाए और राष्ट्रपति चुनाव तथा राष्ट्रीय मिली-जुली सरकार की स्थापना के बाद नया चुनाव कानून बनाया जाए।

वर्तमान स्थिति से देखा जाए, तो उक्त सिद्धांत का लेबनान के दोनों पक्षों ने स्वागत किया है । संसद में बहुपक्ष और भविष्य आंदोलन के नेता साद अल हरीरी ने कहा कि यह निर्णय अरब लीग द्वारा लिया गया जिम्मेदाराना रूख वाला निर्णय है, जिस से लेबनानियों को वर्तमान मुठभेड़ की समाप्ति व नए अध्याय के लिए राजनीतिक प्रेरणा मिलेगी । लेबनान के विपक्षी पक्ष के नेता राष्ट्रीय असैम्बली के अध्यक्ष नबीह बरी ने कहा कि अरब देशों के विदेश मंत्रियों ने लेबनान के हितों की रक्षा के लिए ऐतिहासिक रूख अपनाया है।

विश्लेषकों का विचार है कि उक्त निर्णय में विभिन्न पक्षों की चिंता को शामिल किया गया है, इस लिए इस का लेबनान के बहुपक्ष व विपक्षी पार्टी ने भी स्वागत किया है। एक तरफ़ कदम ब कदम प्रस्ताव का कार्यान्वयन किया जाएगा, जिस से बहुजन पक्ष की मांग को पूरा किया जाएगा । दूसरी तरफ़ राष्ट्रीय मिली-जुली सरकार की स्थापना से विपक्षी पक्ष को सरकारी निर्णय लेने में ज्यादा आसानी होगी ।

योजनानुसार लेबनानी राष्ट्रीय असैम्बली इस माह की 12 तारीख को एक बार फिर राष्ट्रपति चुनाव सम्मेलन आयोजित करेगी, सम्मेलन में पारित संबंधित प्रस्तावों व संबंधित पक्षों के सकारात्मक रूखों से राष्ट्रपति चुनाव के लिए बेहतरीन माहौल प्रदान किया जाएगा । इस तरह लोगों की आशा है कि राष्ट्रपति के चुनाव के बाद राजनीतिक संकट का समाधान किया जा सकेगा ।

मौजूदा अरब लीग के विदेश मंत्रियों के आपात सम्मेलन में एक और महत्वपूर्ण मुद्दा है फिलिस्तीन इजराइल स्थिति पर विचार-विमर्श करना। गत वर्ष के नवम्बर के अंत में अमरीका में आयोजित मध्य पूर्ण अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन में फिलस्तीन इजराइल शांति वार्ता की बहाली निश्चित करने का फैसला किया गया है । इस के बाद इज़राइल ने यहूदी बस्तियों के विस्तार का एलान किया, जिस से फिलिस्तीन व इजराइल की शांति वार्ता पर कुप्रभाव पड़ा। फिलिस्तीनी राष्ट्रीय सत्ताधारी संस्था के अध्यक्ष श्री अब्बास का कहना है कि बस्तियों का सवाल फिलिस्तीन इजराइल शांति वार्ता में प्रमुख बाधा है।

इस सवाल को लेकर आपात सम्मेलन में एक निर्णय का प्रारूप पारित किया गया , जिस में इजराइल सरकार से बस्तियों के निर्माण को रोकने और मध्य पूर्व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में संपन्न संबंधित निगरानी व्यवस्था का पालन करने की अपील की गयी है । प्रारूप में कहा गया है कि इज़राइल द्वारा बस्तियों का विस्तार करने और गाज़ा पट्टी पर हमला करने से अन्नापोलिस सम्मेलन में प्राप्त फिलिस्तीन इजराइल शांति वार्ता की बहाली वाले परिणाम को नुकसान पहुंचेगा । मौजूदा आपात सम्मेलन में पारित निर्णय के प्रारूप में अरब लीग के 22 सदस्य देशों का समान रूख शामिल है , जिस से इजराइल पर किसी न किसी तरह दवाब डाला जाएगा ।

लोकमत है कि लेबनान का राजनीतिक संकट और फिलिस्तीन इजराइल शांति वार्ता क्षेत्रीय शांति व स्थिरता से संबंधित है , और इन्हें अरब देशों के सामने मौजूद समान सवाल भी माना जा सकता है । अरब लीग के मौजूदा आपात सम्मेलन में उक्त सवालों पर अरब देशों के रूख को समन्वित किया गया और संबंधित प्रस्ताव को पारित किया गया है, जिस से सम्मेलन में अनुमानित परिणाम निकला है । ऐसा कहा जा सकता है कि मौजूदा सम्मेलन का समय पर आयोजन करना अरब देशों की एकता को मज़बूत करने के लिए अरब लीग की एक और कोशिश है ।