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(GMT+08:00) 2008-01-17 14:20:10    
चीनी अर्थतंत्र में प्राप्त कामयाबियों की विश्व में तारीफ हुई है

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दोस्तो, वर्ष 2007 के अंत तक चीनी अर्थतंत्र में बहुत सी कामयाबियां प्राप्त हुई हैः इस साल के पहले तीन तिमाहियों में चीनी अर्थतंत्र का तेज व स्थिर विकास होता गया, शहरों व गांवों के नागरिकों का आय स्तर स्पष्ट रूप से बढ़ गया है, ऊर्जा किफायत व प्रदूषण निकासी की कटौती में नयी प्रगति हासिल भी हुई है, जिन पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकृष्ट हुआ है। कई देशी विदेशी राजनीतिक जगतों के व्यक्तियों, अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के अधिकारियों व आर्थिक शास्त्रियों ने हमारे साथ साक्षात्कार में चीनी अर्थतंत्र पर अपने विचार जताए। आज के इस कार्यक्रम में हम उन के साथ इस साल चीनी अर्थतंत्र में प्राप्त उपलब्धियों का सिंहावलोकन करेंगे।

इस साल के पहले तीन तिमाहियों में चीनी घरेलू उत्पादन मूल्य 160 खरब य्वान से अधिक हुआ है, जो गत वर्ष की इसी अवधि से 11.5 प्रतिशत से अधिक है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस साल चीनी आर्थिक वृद्धि दर 11 प्रतिशत से अधिक होगी। चीन स्थित यूरोपीय संघ के प्रतिनिधि मंडल के उपनेता श्री फ्रांज जेसेन ने चीन की तेज आर्थिक वृद्धि दर की भूरि-भूरि प्रशंसा की।

वर्ष 2000 में चीन सरकार ने आगामी 10 सालों में जी डी पी के दोगुना होने का लक्ष्य बनाया है। मुझे विश्वास है कि इस तेज वृद्धि दर के चलते चीन सरकार अपनी 11वीं पंच सालाना योजना में पेश किये गये विभिन्न लक्ष्यों को साकार करने में सफल होगी ।

आंकड़ों के अनुसार, इस साल के पहले तीन तिमाहियों में चीनी शहरों व कस्बों में नागरिकों की औसत व्यक्तिगत आय और ग्रामीण निवासियों की औसत व्यक्तिगत आय में अलग अलग तौर पर 13.2 प्रतिशत व 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस के अलावा, इस साल चीन में सामाजिक प्रतिभूति दायरे का और विस्तार हो रहा है। पेंशन बीमा, चिकित्सा बीमा और बेरोजगार बीमा आदि बीमा व्यवस्थाओं में भाग लेने वाले लोगों की संख्या ज्यादा बढ़ती गयी है, जिस का श्रेय केंद्रीय वित्तीय संस्थाओं द्वारा सामाजिक कार्यों में अधिक पूंजी लगायी जाने को जाता है। चीन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रथम प्रतिनिधि श्री अरोरा ने इस का उच्च मुल्याकंन किया। उन्हों ने कहाः

यह एक प्रोत्साहजनक बात है। स्पष्ट है कि चीन सरकार ने शिक्षा व चिकित्सा जैसे सामाजिक कल्याण क्षेत्रों में और अधिक पूंजी लगायी है, जो जनता के जीवन स्तर की उन्नति और सकल संतुलित आर्थिक विकास के लिये लाभदायक सिद्ध हुई है।

वर्ष 2007 में चीन के आर्थिक विकास में प्राप्त सफलता विभिन्न कठिनाइयों को दूर करके हासिल हुई हैं। वर्ष 2006 से पूंजी निवेश में तेज वृद्धि, कर्ज वितरण मात्रा के ज्यादा होने तथा विदेश व्यापार में प्रतिकूल संतुलन जैसे सवाल पैदा हुए है, इस साल वस्तुओं के दामों में ऊंची वृद्धि जैसी नयी समस्याएं भी उत्पन्न हुई हैं। देश के अर्थतंत्र के स्थिर विकास बनाए रखने के लिये चीन सरकार ने समग्र नियंत्रण पर जोर लगा कर मुद्रा नीति के जरिए अर्थतंत्र के अति तेज विकास पर नियंत्रण करने की कोशिश की है।

मुद्रा नीति के अलावा, ऊर्जा किफायत और कम प्रदूषण निकासी का काम भी चीन के सामग्र नियंत्रण कार्य का एक अहम तरीका बना है। आंकड़ों के अनुसार इस साल के पहले तीन तिमाहियों में चीन में प्रति इकाई जी डी पी पर ऊर्जा की खपत 3 प्रतिशत कम हो गयी और प्रमुख्य प्रदूषणों की निकासी भी घट काफी गयी। संयुक्त राष्ट्र अन्तरसरकारी जलवायु परिवर्तन संबंधी विशेष कमेटी के अध्यक्ष श्री पाचारी ने कुछ समय पहले समाप्त हुए संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में चीन में प्राप्त इन सफलता, विशेषकर पुनः उत्पादित होने वाले ऊर्जा संसाधनों के अनवरत विकास और ऊर्जा की इस्तेमाल दर की उन्नति की तारीफ की। उन का कहना हैः

चीन सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और अन्य पुनः उत्पादित होने वाली ऊर्जा के प्रयोग की भरसक कोशिश कर रहा है। चीन ऊर्जा की उपयोग क्षमता बढ़ाने और ग्रीन हाउस गैस की निकासी कम करने की भी अच्छी कोशिश कर रहा है।

विदेशी विशेषज्ञों के विचार में चीन के तेज विकसित हुए अर्थतंत्र ने विश्व के विकास के लिये बड़ा योगदान किया है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा इस साल जारी विश्व आर्थिक भविष्यवाणी रिपोर्ट में कहा गया कि इस साल चीन अमरीका का स्थान लेकर विश्व के आर्थिक विकास में सब से अधिक योगदान करने वाला देश बनेगा।

हालांकि वर्ष 2007 में चीन के अर्थतंत्र के विकास में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है, लेकिन फिर भी बहुत से सवाल भी मौजूद हैं। वर्तमान में चीन के कुछ क्षेत्रों में पूंजी निवेश में अधिक गर्मागर्मी व कर्ज वितरण में तेजी आने का दवाब भी मौजूद है और वस्तुओं के दामों में तेज बढ़ोतरी होने का रूझान विकसित हो रहा है, जो चीन के अर्थतंत्र के स्थिर व तेज विकास के लिये खतरा होंगे। कुछ दिनों पहले समाप्त केंद्रीय आर्थिक कार्य सभा में चीन सरकार ने प्रस्तुत किया कि अगले साल समग्र नियंत्रण का प्रमुख कार्य चीन के अर्थतंत्र अति गर्म होने का रोकथाम करना और मुद्रास्फीति से बचना है।

विश्व बैंक द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार समग्र नियंत्रण नीति पर जोर दिया जाने के परिणामस्वरूप अगले साल चीन के अर्थतंत्र की वृद्धि दर थोड़ी कम होगी, लेकिन आर्थिक संचालन की स्थिरता धीरे धीरे बढ़ जाएगी। विश्व बैंक के चीनी ब्यूरो के प्रधान श्री डू डा वेइ अगले साल के चीनी अर्थतंत्र पर आशावान है। उन्हों ने कहाः

मुझे लगता है कि वर्ष 2008 में चीनी अर्थतंत्र का विकास अच्छा होगा। हालांकि विश्व के आर्थिक विकास की गति धीमी हो रही है, लेकिन चीन में समग्र नियंत्रण का काम किया जाएगा, इसलिये चीन की वित्तीय नीति से विश्व आर्थिक विकास में भारी गिरावट आने के बावजूद चीन का आर्थिक संचालन अच्छा बनाए रह सकेगा।