• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Saturday   Mar 8th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2008-01-25 14:25:06    
समृद्धि पाने के लिए मशहूर महिला च्यु आईह्वा

cri

प्रस्तुत स्थानीय निवासियों की रहनुमाई करते हुए समृद्धि पाने में मशहूर महिला सुश्री च्यु आईह्वा की कहानी ।

सुश्री च्यु आईह्वा इस साल 39 साल की हैं , वह सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के दक्षिण भाग में स्थित कुरले इलाके में रहती है और खेतीबाड़ी के अच्छे तरीके अपना कर किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में असाधारण योगदान किया और वहां वह बहुत मशहूर हो गयी । उन की चर्चा छिड़ते ही स्थानीय लोग उन की तारीफ करते नहीं अघारते हैं । स्थानीय निवासी सुश्री तुंग श्योह्वा ने सुश्री च्यु आईह्वा की प्रशंसा करते हुए कहाः

आम जीवन में सुश्री च्यु आईह्वा हमारी सगी बहन के बराबर हैं । जब किसी के परिवार में कठिनाई पैदा हुई , तो जरूर उन से सलाह ली जाती है । उत्पादन के दौरान यदि किसी घर को किसी काम की जरूरत है , तो वह भी बड़े निस्वार्थ रूप से उसे मदद देने आ पहुंचती हैं , वह कभी अपनी हानि की परवाह नहीं करती हैं ।

सुश्री च्यु आईह्वा की यह विशेषता हमेशा लोगों की जुबान पर है कि वह स्थानीय लोगों को ले कर समृद्धि और प्रगति पाने में समक्ष और तत्पर हैं । वर्ष 1999 में सुश्री च्यु आईह्वा के कृषि फार्म में उत्पादन संसाधनों के प्रयोग की नयी व्यवस्था लागू की गई , जिस के अनुसार किसान ठेके पर भूमि ले कर कृषि उत्पादन करने लगे । सुश्री च्यु आईह्वा ने अपनी बहनों के साथ मिल कर 23 हैक्टर खेतों का ठेका लिया और उस पर खरबूज और शकरकंद जैसे नगदी फसलों की खेती करना शुरू किया।

फसलों की पैदावरा उन्नत करने के लिए सुश्री च्यु आईह्वा तड़के सुबह ही निकलती हैं और देर रात लौटती हैं, वह खेतों में ध्यान से फसलों के बढ़ जाने की हालत पर गौर करती हैं । उन की कड़ी मेहनत पर उन के मां बाप बहुत परेशान हो गये । च्यु आईह्वा की मां श्रीमती ह्वांग छ्वीइंग ने इस की चर्चा में कहाः

मेरी लड़की बहुत मेहनती है , घर की जमीन बहुत बड़ी है और खेती के सभी काम वह खुद करती है । वह अभी भी एक जवान स्त्री है , इतना भारी काम करने पर मेरा दिल बहुत दुखता है ।

लेकिन कड़ी मेहनत का फल बहुत मीठा है । बारीकी खेतीबाड़ी और ध्यान से देखरेख के परिणामस्वरूप सुश्री च्यु आईह्वा की फसलों की शानदार पैदावार हुई , शुरू के साल में ही ठेके पर ले गए खेतों की पैदावार से तीस हजार य्वान की आय प्राप्त हुई । कुछ समय के बाद उन्हों ने एक चार पहियों वाला ट्रैक्टर खरीदा । खेती के व्यस्त समय में वह खेत जोतने और घास निराने में ट्रैक्टर का इस्तेमाल करती हैं और खेती से अवकास के समय वह ढुलाई परिवहन का काम कर पैसा कमाती हैं । कई सालों के उपरांत , सुश्री च्यु आईह्वा कृषि उत्पादन से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकती हैं । हाथ में पैसा आने के बाद सुश्री च्यु आईह्वा को समृद्धि बढ़ाने का नया विचार सूझा कि अपने संचित धन राशि से अधिक ठेका ले कर उप्पादन के पैमाने का विस्तार किया जाए । वह चाहती हैं कि समृद्धि के रास्ते पर वह अन्य लोगों की रहनुमा बन जाए ।

वर्ष 2002 में कृषि फार्म में खेतों की दीर्घकालीन अनुबंध व्यवस्था लागू की गयी । सुश्री च्यु आईह्वा ने यह निश्चय किया कि तीन सालों के भीतर वह अपने खेतों की उर्वरता ऊंची उठायी जाए । खेतों की गुणवत्ता उन्नत करने के लिए उन्हों ने खेतों को समतल बनाकर खाद अधिक डाला । गोबर का खाद संचित करने के लिए उन के घर के सभी सदस्य चरगाहों में जाया करते हैं । कुछ सालों की अथक कोशिश से तीन सौ टन से ज्यादा खाद जमा किया गया , जिस के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरता ऊंचे स्तर पर उन्नत हो गयी । खेतों की उर्वरता शानदार फसलों का आधार होती है । सुश्री च्यु आईह्वा को खेतीबाड़ी से उत्तरोत्तर अच्छी आय प्राप्त होती गयी । स्वयं समृद्ध होने के बाद सुश्री च्यु आईह्वा ने अपने पड़ोसी के लोगों का ख्याल करना आरंभ किया । इस पर उन्हों ने कहाः

मैं समझती हूं कि अब मेरा जीवन बड़ा सुधर गया है , लेकिन मेरे आसपास बहुत से लोग आर्थिक कठिनाइयों से जूझ रहे है , मुझे उन का ख्याल कर मदद देना चाहिए , क्योंकि उन लोगों को कठिनाइयों से छुटकारा दिलाने में मदद मिलने की आवश्यकता है । मेरे माता पिता जी वर्ष 1959 में सिन्चांग के विकास में सहायता देने के लिए देश के भीतरी इलाके से यहां आए थे . उन की मेहनत और आपसी सहायता की भावना हम नयी पीढ़ी को विरासत में गृहित करना चाहिए और सिन्चांग को समृद्ध व विकसित करना हम नयी पीढी का फर्ज है । जब मेरे की आवश्यकता हो , तो मुझे बिना आगा पीछा करके सामने आना चाहिए ।

छोटी उम्र से साथ साथ पली बढ़ी कुछ सहेलियों की दुभर आर्थिक स्थिति देख कर सुश्री च्यु आईह्वा को बहुत दुख हुई , उन्हों ने खुद उन के पास जा कर समृद्धि पाने के लिए अपने अनुभवों से उन्हें समझाया बुझाया और उन्हें एक साथ मिल कर खेतीबाड़ी से समृद्धि का रास्ता अपनाने की सलाह दी ।

उन के प्रोत्साहन और मदद से क्रमशः 20 नौजवानों ने कृषि उत्पादन का धंधा आरंभ किया और समृद्धि भी प्राप्त की है । सुश्री क्वो क्वीलान ने भी ठेके पर खेत ले लिया , लेकिन कृषि उत्पादन के बारे में कम अनुभव और खेतीबाड़ी की कम कुशलता होने के कारण उस का जीवन बराबर गरीब रहा । सुश्री च्यु आईह्वा ने खुद उस के साथ पारस्परिक सहायता का रिश्ता कायम किया और उसे फसलों की उगाई की तकनीकें और उत्पादन का अच्छा अनुभव सिखाया । खेती के व्यवस्त समय पर च्यु आईह्वा ने क्वो क्वी लान के लिए भाड़े पर खेतीहर ले लिया और फसल काटने के समय वह अपने पति के साथ ट्रैक्टर से क्वो क्वी लान को खेत से फसल घर ले जाने में मदद दी ।

सुश्री च्यु आई ह्वा की मदद से क्वो क्वी लान और उस के घर वालों में खेती से समृद्धि पाने का विश्वास बहुत अधिक बढ़ गया और उस की आय भी साल ब साल बढ़ती गयी । अपने पड़ोसी के लोगों को अमीरी हासिल होते देख कर सुश्री च्यु आईह्वा को एहसास हुआ कि उन की कोशिश लायक है । इस पर उन्हों ने कहाः

मेरे मां बाप ने मुझे बताया है कि दूसरों को मदद देने में अगर खुद को कुछ नुकसान पहुंचता , तो भी वह एक सुख होता है । मैं ने अपनी यथाशक्ति अर्पित की है और रहनुमाई का काम करके स्थानीय लोगों को सहायता दी है , वह समर्पन देने के लायक है ।

सुश्री च्यु आईह्वा की उदात्त भावना और दूसरों को मदद देने के वृत्तांत से प्रभावित हो कर बहुत से अन्य समृद्ध हो चुके लोगों ने भी कठिनाइयों से घिरे लोगों को मदद देने में हाथ बटाया । कल की बंजर भूमि आज लोगों की समृद्धि का धरोहर हो गयी । कृषि फार्म के कृषक सुश्री वांग आईपिंग ने संवाददाता से कहाः

सुश्री च्यु आई ह्वा हमेशा दूसरों का ख्याल रखती हैं , हमारा यदि कोई काम अनसुलझा हुआ , तो हम जरूर उन से मदद लेने जाते हैं । वह भी हर समय मदद देने आ पहुंचती हैं । मुझे उन पर पूरा विश्वास है और वह हम जैसे जन साधारण के लिए कल्याण का काम करने में हमेशा तत्पर हैं ।

पिछले बीस सालों में कड़ी मेहनत और अच्छे योगदान के फलस्वरूप सुश्री च्यु आईह्वा कृषि फार्म के प्रगतिशील मजदूर तथा सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश के आदर्श श्रमिक के पुरस्कार से सम्मानित की गयी । अगस्त 2007 में चीनी प्रधान मंत्री वन चापाओ जब सिन्चांग का निरीक्षण दौरा करने आये , तो उन्हों ने सुश्री च्यु आईह्वा से मुलाकात की , इस पर सुश्री च्यु आईह्वा ने कहाः

मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ है और बहुत प्रभावित भी हुई हूं । इस के लिए मैं कृषि फार्म के सभी लगों की आभारी हूं और मुझे उन की ओर से समर्थन और मदद मिली है । भविष्य में मैं कृषि उत्पादन में और ठोस कदम के साथ काम करूंगी और अपनी मेहनत से समृद्धि बढाऊंगी । मैं स्थानीय लोगों को साथ लेकर खुशहाली जीवन हासिल करने के लिए आगे बढ़ूंगी ।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040