• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2008-01-02 15:15:56    
एक अमरीकी राजनयिक की सूडान में हुए एक हमले में मौत

cri

सूडान स्थित एक अमरीकी राजनयिक पहली तारीख को सूडान की राजधानी खार्तुम में गोलीबारी की एक घटना में मारे गए । यह इधर के कई वर्षों में सूडान में हुई विदेशी राजनयिकों पर हमले की प्रथम घटना है।

गोलीबारी उसी दिन तड़के चार बजे हुई। उस वक्त अमरीकी दूतावास की एक गाड़ी पर खार्तुम की एक प्रमुख सड़क पर अज्ञात सशस्त्र शक्तियों ने हमला किया, गाड़ी का सूडानी ड्राइवर घटनास्थल पर ही मारा गया। गाड़ी में अमरीकी अंतरराष्ट्रीय विकास कार्यक्रम का एक अधिकारी भी गोलीबारी में घायल हुआ और जिस की अस्पताल पहुंचने के बाद मृत्यु हो गयी। अभी तक, किसी भी संगठन या व्यक्ति ने इस घटना की जिम्मेदारी उठाने की बात नहीं कही है।

लोकमत का मानना है कि इस घटना से निस्संदेह तनावपूर्ण अमरीका-सूडान संबंध और खराब होंगे। पिछली शताब्दी के 90 के दशक से सूडान व अमरीका के संबंध बहुत अच्छे नहीं रहे हैं। अमरीका सूडान सरकार की निंदा करता रहा है कि वह अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का समर्थन करता है और दारफुर क्षेत्र में हुए कबीलाई नरसंहार में भी सूडान सरकार का हाथ है। सूडान सरकार अमरीका के इस आरोप को दृढ़ता से ठुकराती आई है। वर्ष 1988 में अमरीका ने आतंकवाद पर हमला करने के बहाने उत्तरी खार्तुम के दवाईयों के एक कारखाने पर बमबारी की, इस के बाद उस ने दारफुर समस्या के बहाने दारफुर की शांति कार्यवाई पर नियंत्रण किया। वर्ष 2007 की 29 मई को अमरीकी राष्ट्रपति बुश ने घोषणा की कि अमरीका सूडान के खिलाफ लम्बे अरसे से लगे आर्थिक प्रतिबंधों के अलावा प्रतिबंध के नए कदम उठाएगा। अमरीका के इन कदमों से सूडान के नागरिकों में अमरीका विरोधी जबरदस्त भावना पैदा हुई है। वे अक्सर गतिविधियां करके सूडान के खिलाफ अमरीका के प्रतिबंध और हस्तक्षेप का विरोध करते रहे हैं। सूडान सरकार के अधिकारियों ने भी बार-बार बलपूर्वक कहा है कि श्री बुश द्वारा सूडान के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा घृणास्पद कार्यवाई है। दारफुर की स्थिति में सुधार आने के वक्त सूडान के खिलाफ प्रतिबंध का विस्तार करना दारफुर क्षेत्र की शांति को भंग करने की कार्यवाई है। सूडान सरकार अमरीका के प्रतिबंधों के दबाव के सामने झुक नहीं रही है।

उल्लेखनीय बात यह है कि सूडान स्थित अमरीकी राजनयिक पर हमले की इस घटना के एक दिन पहले, श्री बुश ने फिर एक बार आदेश जारी करके अमरीका के विभिन्न राज्यों व स्थानीय सरकारों को तेल व ऊर्जा आदि क्षेत्रों में सूडान से संपर्क करने वाली कंपनियों की पूंजी को सील करने की अनुमति दी है। साथ ही अमरीका की कुछ पूंजी निवेश संस्थाओं को भी सूडान की प्रमुख कंपनियों के साथ वाणिज्य संधि को समय से पहले खत्म करने पर कानूनी जिम्मेदारी नहीं उठानी पड़ेगी। अमरीका द्वारा सूडान के खिलाफ प्रतिबंध को मजबूत करना इस गोलीबारी से संबंधित है या नहीं, अभी स्पष्ट नहीं है।

लेकिन, अमरीकी राजनयिक के हमले में मारे जाने के बाद कुछ स्थानीय मीडिया सस्थाओं ने अलग-अलग तौर पर कहा है कि इस घटना में अलकायदा का हाथ होगा। उन्होंने बताया कि अलकायदा का सरगना बिन लादेन तथा उस के सहायक श्री अल जवाहरी ने सूडान से पश्चिमी देशों के खिलाफ जिहाद छेड़ने का आह्वान किया था। वर्ष 2002 में जोर्डन की राजधानी अमान में इसी तरह की हमले की घटना हुई थी। बाद में यह पता चला था कि यह घटना अलकायदा की एक सशस्त्र शाखा ने रची थी। गत वर्ष सूडान स्थित अलकायदा संगठन की एक शाखा ने एक अखबार संपादक की हत्या की जिम्मेदारी उठाने की बात कही थी।

लेकिन, सूडान के विदेश मंत्रालय ने अमरीकी राजनयिक की हत्या के बाद जारी एक वक्तव्य में कहा कि गोलीबारी आतंकवादी हमला नहीं है, बल्कि एक आम गैर-राजनीतिक घटना है और वह सूडान की घरेलू परिस्थिति और सूडान तथा अन्य देशों के संबंधों पर किसी भी तरह का असर नहीं डालेगी। वक्तव्य में बलपूर्वक कहा गया है कि सूडान सरकार हमेशा ही अपने देश में रहने वाले विदेशी नागरिकों, खासकर राजनयिकों की रक्षा करने का प्रयास करती आई है। आइंदे, सूडान सरकार उन की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कोशिश करेगी। सूडान के संबंधित विभागों ने भी गोलीबारी घटना की जांच शुरु कर दी है। हत्यारों को अवश्य ही सज़ा दी जाएगी।