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(GMT+08:00) 2008-01-08 13:44:01    
श्याम अश्व गायन दल की पहली एल्बम—यौद्घा

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उत्तर चीन के भीतरी मंगोलिया के घास मैदान से आए श्याम अश्व गायन दल की स्थापना2003 में हुई। यह दल पांच युवा गायकों का दल है। वर्ष 2004 में आयोजित चीन की पहली पश्चिमी चीन में आयोजित लोकगीत प्रतियोगिता में इस दल ने भाग लिया। इन के द्वारा प्रस्तुत गीतों को लोगों ने बहुत पसंद किया। 2007 की जुलाई में श्याम अश्व गायन दल ने "यौद्घा"शीर्षक अपनी पहली एल्बम जारी की।

गीत 1 क्षितिज 

दोस्तो, अब सुनिए एक गीत जिस का शीर्षक है क्षितिज। यह गीत मंगोल जाति के एक लोकगीत पर आधारित है। इस गीत की शुरुआत सैक्साफोन के शांत मधुर संगीत से होती है और उस के बाद मंगोल जाति के पारंपरिक लोक आह्वान की ध्वनि से यह गीत गूंजने लगता है। इस गीत को सुनते हुए लोग स्वयं को एक जादू भरे संगीतमय वातावरण में महसूस करते हैं।

श्याम अश्व गायन दल की आवाज़ घुमावदार है, लहरदार नहीं। इस गायन दल ने मंगोल जाति के लोक संगीत, जीवन की विशेषताओं से प्रेरणा ले कर अपने संगीत की ऐसी निजी शैली विकसित की है जिसमें मंगोल जाति का लोकजीवन और आधुनिक जीवन एक साथ देखा जा सकता है और इस गायन दल की निजी विशेषताओं को महसूस किया जा सकता है। आम तौर पर उन के गीत मंगोल जाति के लंबे राग और पारम्परिक वाद्ययंत्रों पर आधुनिक संगीत हिपहाप और आर एंड बी, रॉक एंड रॉल, जॉज आदि के साथ मिलाकर बनाए गए हैं।

गीत 2 यौद्धा

दोस्तो, अब सुनिए श्याम अश्व गायन दल की पहली एल्बम का मुख्य गीत, जिसका शीर्षक है—यौद्धा। गीत में घास-मैदान में रहने वाले चरवाहों के जीवन और उनके मन की इच्छाओं की अभिव्यक्ति हुई है। गीत में मंगोल जाति के लोगों के जीवन और मन की उदारता को महसूस किया जा सकता है।

गीत के बोल हैं—हवा मेरा माईक है, मैं दूर आकाश में जो बादल है, उस के लिए गीत गाता हूं, मेरा दिल आकाश की तरह खुला है, मेरा संकल्प दृढ़ है, गिर कर उठने की मुझ में शक्ति है। मैं मुक्ति चाहता हूं क्योंकि मेरा दिल समुद्र की तरह विशाल है।

यौद्घा नामक यह एल्बम बहुत विशेष है। इस का आकार मंगोल जाति के पारंपरिक घर जिसे चीनी में मंगू पाओ कहा जाता है, की तरह का है और इस का कवर भीतरी मंगोल प्रेदश में पाई जाने वाली भेड़ों की ऊन से बनाया गया है।

गीत 3 वुलान पाथो की रात में हम प्यार करते हैं

दोस्तो, अब सुनिए यह गीत, जिस का शीर्षक है—वुलान पाथो की रात में हम प्यार करते हैं। इस गीत की लय तेज है। इस का विषय घास-मैदान की रोमांटिक रात है।

गीत के बोल हैं—हल्की-हल्की हवा हमारे बदन को सहला रही है। शांत जमीन घास और फूलों की सुगंध से महक रही है। शहर में रात को सड़क के दोनों ओर प्रकाश की कतारें दिखाई पड़ रही हैं। रात को हुई मुलाकात बहुत खुशी देती है। तारों भरा आकाश जगमग-जगमग जगमगा रहा है। प्रेमी अपने भविष्य के सुंदर सपने बुनते हैं।

श्याम अश्व गायन दल घास मैदान से आया है। पेइचिंग जैसे व्यस्त, बड़े, आधुनिक शहर में वह अपने लिए जगह तलाश रहा है। इस दल ने अपने गीतों से मंगोल जाति के घास मैदान, सुंदर जीवन से लोगों को परिचित कराया है। 

'यौद्धा' नामक इस एल्बम के संगीतकार चीन के प्रसिद्घ संगीतकार हैं, जिन का नाम है—सान पाओ। उन्होंने श्याम अश्व गायन दल की भूरी-भूरी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि इस दल की आवाज़ बहुत आकर्षक और दिलकश है। इस में मंगोल जाति के जीवन की विशेषताएं अभिव्यक्त हुई हैं।

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