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(GMT+08:00) 2007-12-27 11:42:06    
पाकस्तान और अफगानिस्तान के बीच आतंक विरोधी सहयोग मजबूत

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति मुशर्रफ ने 26 दिसम्बर को अपने देश की यात्रा पर गये अफगानिस्तान के राष्ट्रपति कर्जाई के साथ हुई वार्ता के बाद जताया कि ये दोनों देश सहयोग मजबूत बना कर समान हितों के जुड़े सभी क्षेत्रों में रुखों का समन्वय कर देंगे ।

उसी दिन श्री मुशर्रफ ने श्री कर्जाई के साथ हुई वार्ता के बाद संयुक्त रुप से आयोजित एक सम्वाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देश इस बात पर सहमत हुए हैं कि पाकिस्तानी व अफगानिस्तानी जनता उग्रवाद और आतंकवाद का शिकार रही है । अतीत के अर्से में पाकिस्तान से अफगानिस्तान की सीमा में प्रवेश आतंकवादी तत्वों की गतिविधियां कम हो गयी हैं , पर पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी कार्यवाहियां तो बढ़ती गयी हैं । दोनों देश आतंकवादी खतरे के कारगर मुकाबले के लिये सूचनाओं के आदान प्रदान को सुदृढ़ बनाने पर सहमत हो गये हैं ।

श्री कर्जाई ने कहा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान एक जुड़वां भाई जैसे हैं , उन का भाग्य एक दूसरे से जुड़ा हुआ है और दोनों देशों की जनता आतंकवाद व उग्रवाद का शिकार रही है । उन्हों ने श्री मुशर्रफ के साथ हुई वार्ता में दोनों देशों के सामने मौजूद सवालों पर हार्दिक विचार विमर्श किया है और कुछ संबंधित सवालों के समाधान पर समझदारी भी प्राप्त कर ली है ।

पाकिस्तान व अफगानिस्तान दोनों आतंक विरोधी संघर्ष में अमरीका के अहम संश्रयकारी ही हैं , उन्हें अमरीका से बड़ी तादाद में सशस्त्र शक्तियों विरोधी सहायता धन राशि मिल गयी है , पर चालू वर्ष में इन दोनों देशों के भीतर आतंकवादी वारदातों में स्पष्टतः वृद्धि हो गयी है । 2007 में अफगानिस्तान में जो हिंसक घटनाएं घटित हैं , वे पिछले 6 सालों में सब से अधिक मानी जाती हैं । अफगान सवाल के लिये संयुक्त राष्ट्र महा सचिव के विशेष प्रतिनिधि कोनिगस ने गत 15 अक्तूबर को सुरक्षा परिषद को प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा कि इस वर्ष में अफगानिस्तान में घटित आतंकवादी घटनाओं की संख्या गत वर्ष की समान अवधि की तुलना में करीब तीस प्रतिशत अधिक रही है । ए . पी के आंकड़ों के अनुसार चालू वर्ष के शुरू में 6 हजार से अधिक लोग हिंसक घटनाओं और मुठभेंड़ों में अपनी जान गंवा चुके हैं । इस के साथ ही पाकिस्तान में उत्पन्न आतंकवादी घटनाओं में भी बढ़ोत्तरी हुई है । अपूर्ण आंकड़ों के अनुसार अब तक लगभग 8 सौ लोगों की मुत्यु आतंकी प्रहारों में हुई । 21 दिसम्बर को कुरबान दिवस की खुशियों के उपलक्ष में पाकिस्तानी उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत में एक मसजिद में हुई आत्मघाती विस्फोट घटना में कम से कम 55 लोग मारे गये और अन्य सौ लोग घायल हुए ।

लम्बे अर्से से पाकिस्तान व अफगानिस्तान दोनों पक्ष सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को लेकर खींचतानी करने में लगे हुए हैं । कुछ अफगान अधिकारियों का विचार है कि तालिबान के कुछ सशस्त्र तत्वों ने पाकिस्तान के भीतर सशस्त्र प्रशिक्षण लेने के बाद सीमा पार करके अफगान सरकारी सेना और वहां तैनात विदेशी सेनाओं पर प्रहार किया , जबकि पाकस्तान का मानना है कि पाक अफगान सीमांत क्षेत्रों पर अपर्याप्त अफगान व विदेशी टुकड़ियों के विन्यास की वजह से अवैध सशस्त्र तत्वों की घूसपैठ की कारगर रोकथाम नहीं हो पायी है , जिस से पाकिस्तान को गम्भीर क्षति पहुंच गयी है । लेकिन आतंकवादी प्रहारों और हिंसक वारदातों के ताबड़तोड़ घटित होने की वजह से दोनों देशों की समझ में यह आ गया है कि आतंक विरोधी सहयोग करना जरूरी और फौरी है ।

इस माह की 21 तारीख को पाक मस्जिद में हुए बम विस्फोट के बाद अफगान विदेश मंत्रालय ने इस घटना पर जारी अपने वक्तव्य में निन्दा करते हुए कहा कि आतंकी प्रहारों से पीड़ित अफगान जनता पाकिस्तान के प्रति गहरी सहानुभति व्यक्त करती है और यह आशा भी करती है कि अफगान व पाक दोनों देश हाथ मिलाकर आतंकवादी तत्वों पर प्रहार कर देंगे । इस से पहले श्री मुशर्रफ ने गत अगस्त में अफगानिस्तान में आयोजित बड़े ज़िरगा सम्मेलन के दौरान श्री कर्जाई के साथ तालिबान अल कायदा के खतरों के मुकाबले पर सलाह मशविरा किया ।

चालू वर्ष में दोनों देशों के भीतर हुईं ताबड़तोड़ हिंसक व आतंकी घटनाओं से जाहिर है कि आतंक विरोधी युद्ध में जीत कोई आसान काम नहीं है । इसलिये दोनों देशों के लिये आतंकवाद व उग्रवाद विरोधी सहयोग करना निस्संदेह विवेपूर्ण विकल्प ही है ।