जल्द ही चीन की यात्रा करने आ रहे जापानी प्रधान मंत्री फ़ुकुदा यासुओ ने 25 तारीख को प्रधान मंत्री भवन में जापान स्थित चीनी संवाददाता के साथ एक विशेष साक्षात्कार में आशा जतायी कि जापान चीन संबंध के विकास को और आगे बढ़ाया जाएगा, ताकि अगला वर्ष जापान-चीन संबंध के विकास में एक लंबी छलांग वाला वर्ष बन जाए ।
श्री फ़ुकुदा ने कहा कि जापान और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों के सामान्यीकरण की 35वीं वर्षगांठ के अवसर पर चीन की यात्रा करना उन्हें बहुत खुशगवार लगेगा । यात्रा के दौरान वे चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ और प्रधान मंत्री वन च्या पाओ आदि नेताओं के साथ वार्ता करेंगे और दोनों देशों के बीच रणनीतिक व आपसी लाभ वाले संबंध, द्विपक्षीय सहयोग के जरिए दोनों देश यहां तक कि पूर्वी एशियाई क्षेत्र में योगदान करने के बारे में सलाह-मशविरा करेंगे ।
श्री फ़ुकुदा ने कहा कि हर वर्ष जापान और चीन के बीच करीब पचास लाख लोग आते-जाते हैं । द्विपक्षीय आवाजाही व पारस्परिक समझ की मज़बूति दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंध को सुदृढ़ बनाने के लिए मददगार सिद्ध होगी । उन्होंने कहा कि जापान-चीन संबंध दोनों देशों के लिए ही नहीं, बल्कि एशियाई प्रशांत क्षेत्र की शांति व समृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण हैं ।
उन्होंने कहा कि जापान इतिहास के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार करेगा और शांतिपूर्ण विकास के रास्ते पर आगे चलेगा । इस आधार पर भविष्योन्मुख जापान-चीन संबंध का विकास होगा, विभिन्न क्षेत्रों तथा विभिन्न स्तरों पर वार्ता व आवाजाही विशेष कर दोनों देशों के युवाओं के बीच आवाजाही को आगे बढ़ाया जाएगा । जापान सरकार दोनों देशों के बीच पारस्परिक समझ व विश्वास को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
जापान-चीन रणनीतिक आपसी लाभ वाले संबंध के निर्माण की चर्चा में श्री फ़ुकुदा ने कहा कि गत वर्ष के अक्तूबर में पूर्व प्रधान मंत्री अबे शिंजो की चीन-यात्रा और इस वर्ष के अप्रेल में चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ की जापान-यात्रा के जरिए द्विपक्षीय संबंध सुचारू रूप से विकसित हो रहे हैं । दोनों देशों के बीच रणनीतिक आपसी लाभ वाले संबंध के निर्माण को गहराने के लिए दोनों देशों के नेताओं के बीच एक दूसरे देश की यात्रा करना और पारस्परिक विश्वास वाले संबंध की स्थापना करना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वे चीनी नेताओं के साथ जापान-चीन संबंध, पूर्वी सागर के संसाधन का विकास, जनवादी कोरियाई सवाल तथा जलवायु परिवर्तन आदि सवालों पर विचार-विमर्श करेंगे । श्री फ़ुकुदा ने कहा कि चीन का आर्थिक विकास जापान और अंतरराष्ट्रीय सुमुदाय के लिए ही नहीं, जापान के आर्थिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है । वर्तमान में चीन जापान का सब से बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जबकि जापान चीन का सब से बड़ा पूंजी निवेशक देश है । उन्होंने कहा कि आर्थिक श्रेत्र में द्विपक्षीय आवाजाही व सहयोग को मज़बूत करना चीन व जापान के स्वस्थ आर्थिक विकास तथा एशिया व विश्व की शांति व स्थिरता के लिए भारी महत्व का है ।
चीन और जापान के पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग का जिक्र करते हुए जापानी प्रधान मंत्री श्री फ़ुकुदा यासुओ ने कहा कि पर्यावरण और ऊर्जा द्विपक्षीय सहयोग का महत्वपूर्ण भाग है । ऊर्जा किफायत और पर्यावरण सुधार के क्षेत्रों में जापान अपनी तकनीक, ज्ञान व अनुभव का प्रयोग कर ताप बिजली घर की क्षमता की उन्नति, जल-प्रदूषण की रोकथाम और चक्रीय आर्थिक विकास के समर्थन आदि क्षेत्रों में चीन के साथ सरकारी व गैर सरकारी सहयोग को आगे बढ़ाने की कोशिश करेगा।
श्री फ़ुकुदा ने जानकारी देते हुए कहा कि चीन-यात्रा के दौरान वे थ्येनचिन शहर और कंफ्युशियस की जन्मभूमि शानतुंग प्रांत के छ्वुफ़ू शहर का दौरा भी करेंगे । थ्येनचिन शहर चीन में विकास का महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जो जापान के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंध कायम कर रहा है । वे यहां का दौरा कर खुद चीनी विकास की स्थिति महसूस करेंगे । कंफ्युशियस ने जापान समेत पूर्वी एशियाई देशों पर बड़ा प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा कि राजनयिक कार्य के दौरान दूसरे देश के इतिहास व संस्कृति तथा द्विपक्षीय आवाजाही के इतिहास की जानकारी लेनी चाहिए । श्री फ़ुकुदा ने कहा कि वे सक्रिय रूख अपना कर एशिया में राजनयिक कार्य करने को तैयार है।
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