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(GMT+08:00) 2007-12-25 12:37:52    
नेपाल का राजनीतिक गतिरोध समाप्त

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नेपाली मंत्रिमंडल ने 24 दिसम्बर को सत्तारुढ़ सात दलीय गठबंधन के नेताओं द्वारा 23 दिसम्बर की गहरी रात को हस्ताक्षर 23 सूत्रीय समझौता पारित कर दिया , जिस से पिछले तीन महीने तक चला राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो गया है और प्रस्तावित संविधान सभा चुनाव और शांति प्रक्रिया की बहाली के लिये रास्ता हमवार हुआ है ।

समझौते में इस से पहले संपन्न अंतरिम संविधान में संशोधन करने , राजशाही व्यवस्था समाप्त करने और नये अंतरिम संशोधित संविधान प्रारूप में लोकतंत्र व गणतंत्र के विषयों को जोड़ने का निर्णय लिया गया है , लेकिन उक्त निर्णय संविधान सभा के चुनाव के बाद होने वाले प्रथम पूर्णाधिवेशन में पारित किये जाने के बाद ही प्रभावी हो पायेंगे । इस से पहले प्रधान मंत्री राज्याध्यक्ष की ओर से राजकीय मामलात का निपटारा करेंगे ।

समझौते में यह निर्धारण भी है कि संविधान सभा का चुनाव अगले वर्ष के अप्रैल के मध्य तक स्थगित होगा , संविधान सभा के प्रतिनिधियों की सीटें 601 होंगी , जिन में 335 सीटें प्रतिनिधियों द्वारा चुनी जायेंगी , 240 सीटें प्रत्यक्ष चुनाव के जरिये तय की जायेंगी , जबकि अन्य 26 सीटें प्रधान मंत्री द्वारा नियुक्त की जायेंगी ।

समझौते के अनुसार 18 सितम्बर को अंतरिम सरकार से हटने वाली नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी तुरंत ही फिर नये मंत्रिमंडल में शामिल होगी ।

पिछले साल के नवम्बर को नेपाली सात दलीय गठबंधन और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के बीच संपन्न शांति समझौते से पिछले 11 वर्षों तक चला आ रहा गृह युद्ध समाप्त हो चुका है । शांति समझौते के अनुसार नेपाली संविधान सभा का चुनाव होगा और संविधान सभा का प्रथम पूर्णाधिवेशन राज्य की भावी राजनीतिक व्यवस्था निश्चित करेगा । गत अप्रैल को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी कानूनी राजनीतिक पार्टी की हैसियत से अंतरिम सरकार में प्रविष्ट हो गयी है । गत सितम्बर को गणतंत्र और नयी चुनाव व्यवस्था की स्थापना की मांग पूरी न होने की वजह से नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के सभी मंत्री सामूहिक रूप से अंतरिम सरकार से अगल हो गये , जिस से पूर्व निर्धारित नवम्बर को होने वाले संविधान सभा का चुनाव दो बार स्थगित हुआ । कई दौरों की कठोर वार्ताओं के जरिये नेपाली सात दलीय गठबंधन द्वारा आखिरकार 23 सूत्रीय राजनीतिक समझौता संपन्न हो पाया , इस खबर की प्राप्ति के बाद विभिन्न पक्षों की ओर से स्वागत मिला , उन का मानना है कि संविधान सभा का चुनाव आशाजनक है और नेपाल की शांति प्रक्रिया का किरण फिर प्रकाश में आयेगा ।

सरकार से हटने वाली नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी और सात दलीय गठबंधन में नम्बर दो बड़ी पार्टी नेपाली संयुक्त मार्कवादी लेनिनवादी पार्टी शांति प्रक्रिया की बहाली पर भी आशाप्रद हैं । उन का मानना है कि 23 सूत्रीय समझौते का ऐतिहासिक महत्व है , वह नेपाल को चुनाव के पथ पर ले जायेगा और उस ने नेपाल की शांति प्रक्रिया के लिये नया विषय जोड़ दिया है । नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के उच्च स्तरीय नेता देव गुरूंग ने कहा कि नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी तुरंत ही केंद्रीय कमेटी का सम्मेलन आयोजित कर मंत्रिमंडल में वापस के लिये दो नये मंत्री चुने जायेंगे , ताकि आगामी अप्रैल के मध्य में होने वाले स्वतंत्र व निष्पक्ष संविधान सभा चुनाव के लिये प्रयास किया जा सके ।

लेकिन कुछ राजनीतिक पार्टियां इस से सहमत नहीं हैं , नेपाली राष्ट्रीय जनाशाखटी पार्टी का विचार है कि सात दलीय गठबंधन के निर्णय ने नेपाली जनता के खुद अपने द्वारा राज्य के भावी भविष्य का फैसला किये जाने के अधिकार से वंचित कर दिया है , जिस से राज्य और कठिन स्थिति में फंस जायेगा ।

विश्लेषकों का कहना है कि हालांकि विभिन्न पक्ष जल्द ही संविधान सभा के चुनाव और शांति प्रक्रिया की बहाली पर सहमत हुए हैं , पर विभिन्न पक्षों ने उक्त चुनाव की ध्यानाकर्षक तिथि फिर भी निश्चित नहीं की है । क्योंकि समझौते ने शीघ्र ही राजशाही व्यवस्था को समाप्त करने और गणतंत्र की स्थापना करने और चुनाव में प्रतिनिधियों के अनुपात जैसी नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की मांगों को पूरा नहीं किया है , इसलिये नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार में सुचारु वापसी होगी या नहीं , अब कहना मुश्किल है ।