चीन में सरकारी संपति कानून 14 सालों के विचार-विमर्श के बाद 23 तारीख को निर्माण की औपचारिक प्रक्रिया में दाखिल हो गया है।इस कानून का लक्ष्य सरकारी संपति को सुरक्षित करना और उसे पलायन से रोकना ही है।अनेक बार संशोधित हुए इस कानून के प्रारूप में सरकारी संपति की निरगारी व प्रबंधन-व्यवस्था और संचालन व बजट तथा सरकारी उद्यमों के प्रमुख मामलों पर फैसला लेने के बारे में नियम बनाए गए हैं।चीन में सरकारी संपति की निगरानी व प्रबंधन-व्यवस्था सुधार के प्राय़ोगिक दौर से गुजर रही है।ऐसे में सरकारी संपति-कानून का प्रारूप वर्तमान समस्याओं के समाधान तक सीमित नहीं है,बल्कि भावी स्थिति पर भी निगाह रखा हुआ है।
आंकड़ों के अनुसार 2006 तक चीन में उन गैर वित्तीय उद्यमों की, जिन के शेयरों पर सरकार का नियंत्रण है,सकल संपति 290 खरब चीनी य्वान रही।सरकारी संपति-कानून ठीक इतनी बड़ी सरकारी संपति की रक्षा और प्रबंध करता है।यह कानून बनाने के काम को वर्ष 1993 में विधि-निर्माण की योजना में शामिल किया गया था।संबंधित विचार-विमर्श में क्यों 14 सालों जितने समय लगाए गए हैं? चीनी राज्य परिषद की सरकारी संपति-निगरानी व प्रबंधन कमेटी के प्रधान श्री ली रूंग-रूंग ने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि चीन में सरकारी संपति की निगरानी व प्रबंधन व्यवस्था में सुधार तो हो रहा है।लेकिन मुख्य सवालों पर लोगों के विचार एक से नहीं हैं।मतलब है कि कुछ मतभेद मौजूद हैं।इसलिए सरकारी संपति-कानून के प्रारूप को 23 तारीख को राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति में विचारार्थ रखा गया है,जिस की कानून-विद्या जगत द्वारा इस तरह प्रशंसा की गई है कि वह विधि-निर्माण के क्षेत्र में अपने आप में एक बड़ी उपलब्धी है।चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की वित्तीय व आर्थिक कमेटी के उपपधान श्री शी क्वांग-शंग ने कहा कि सरकारी संपति के गंभीर पलायन और संपति अधिकार कानून के क्रियान्यवन ने सरकारी संपति कानून के विधिवत् निर्माण को और ज्यादा जरूरी व फौरी बनाया है।उन्हों ने कहाः
'कुछ सरकारी उद्यमों में सुधार के दौरान भारी मात्रा में सरकारी संपति का पलायन हुआ है,जिस की ओर आम लोगों और समाज के विभिन्न जगतों का व्यापक ध्यान चला गया है।विशेष कानून बनाने,संबंधित व्यवस्था को परिपूर्ण बनाने,सरकारी संपति संबंधी अधिकारों व हितों को ठोस रूप में बनाए रखने,सरकारी संपति के सरंक्षण को सुनिश्चित करने और राजकीय आर्थिक विकास को बढाने की मांग बुलंद होती गई है।गत मार्च में संपति अधिकार कानून जारी किया गया।तब से इस कानून के संबंद्ध नियमों के क्रियान्वयन के लिए सरकारी संपति कानून बनाना प्रमुख मांग बन गई है।'
सरकारी संपति कानून का प्रारूप 9 खंडों में 76 धाराओं से बना है,जो बड़ा और परिपूर्ण नहीं कहा जा सकता है। इस का प्रयोग सिर्फ उन सरकारी उद्योग-धंधों की संपति के संरक्षण में किया जा सकता है ,जिन्हें सरकारी वित्तीय समर्थन प्राप्त है।जहां तक सरकारी संस्थाओं,कामकाजी यूनिटों द्वारा प्रशासनिक काम के लिए इस्तेमाल की जा रही संपति तथा सरकारी भूमि,खदानों व खनिज पदार्थों एवं जंगलों जैसे संसाधन स्वरूप वाली संपति का ताल्लुक है,उन की निगरानी व प्रबंध के लिए अन्य विशेष कानून बनाए गए हैं,बनाये जा रहे हैं या बनाए जाएंगे।
5 साल पहले चीन में सरकारी संपति-प्रबंधन-व्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया शुरू हुई थी,जिस के अंतर्गत सरकारी संपति निगरानी प्रबंधन कमेटी की स्थापना की गई और सरकारी उद्योगधंधों का सुधार भी संबद्ध कानून के अनुसार किया जाना शुरु हुआ।इस के आधार पर सरकारी संपति कानून के प्रारूप में निर्धारण किया गया है कि सरकारी वित्तीय सहायता प्राप्त सभी उद्योगधंधों को सरकारी प्रतिनिधियों द्वारा संबधित कर्तव्य निभाने की हामी भरनी चाहिए और सरकार संबद्ध संस्थाओं को कर्तव्य निभाने के लिए अधिकृत कर सकती है।प्रारूप के अनुसार सरकारी उद्योग-धंधों को वित्तीय सहायता देने वाला कोई भी पक्ष तीन अधिकारों का उपभोग कर सकते हैं,यानी कि वह संपति से होने वाला लाभ प्राप्त कर सकता है,प्रमुख मामलों पर निर्णय ले सकता है और प्रबंधक तय कर सकता है।
इस कानून के प्रारूप में तीन सवाल सर्वाधिक ध्यानाकर्षक हैं।उन में एक है कि सरकारी संपति की निगरानी व प्रबंधन की व्यवस्था किस तरह से कामय की जाए? प्रारूप के अनुसार देश में समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था से मेल खाने वाली सरकारी संपति-निगरानी व प्रबंधन व्यवस्था की स्थापना की जाएगी।राज्य परिषद और स्थानीय जन सरकारों को पूर्वनिश्चित सिद्धांतों के अनुसार कर्तव्य निभाना चाहिए।श्री शी क्वांग-शंग ने कहाः
'ऐसा करना सरकारी संपति संबंधी अधिकारों व हितों को सुनिश्चित करने और सरकारी संपति के संरक्षण को बनाए रखने में मौजूद समस्याओं के समाधान के लिए हिताकारी है,बल्कि सरकारी संपति-निगरानी व प्रबंधन व्यवस्था में नए सुधार के लिए भी कुछ गुजाइश रहने को दे सकता है।यह वस्तुस्थिति में अपेक्षाकृत व्यावहारिक है।'
सरकारी संपति-कानून के प्रारूप में सरकारी संपति के संचालन संबंधी बजट,बजट के अयय-व्यय के दायरे और संबंधित आपचारिकताओं के बारे में भी नियम बनाए गए हैं।प्रारूप में तय किया गया है कि बजट के प्रबंधन के ठोस कदम और उन पर अमल करने का काम राज्य परिषद द्वारा निश्चित किए जाएंगे।लेकिन सर्वप्रथम इस के बारे में प्रस्ताव राष्ट्रीय जन प्रतिनिधित सभा की स्थाई कमेटी में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
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