चीन में 1 अरब 30 करोड़ आबादी के सुख,स्वास्थ्य और अमनचैन से संबंध रखने वाले सामाजिक बीमा-कानून बनाने की औपचारिक प्रक्रिया 23 तारीख को शुरू हुई है।इस कानून के प्रारूप में चीन की सामाजिक बीमा-व्यवस्था का बुनियादी ढांचा तय किया गया है और सामाजिक बीमा का दायरा,इस के उपभोग के लिए शर्तें और कुछ ठोस कदम स्पष्ट रूप से निश्चित किए गए हैं।
चीन में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढने के कारण वृद्धीकरण की स्थिति गंभीर होती जा रही है।इस के साथ रोजगार के ढंग विविध होते गए हैं और शहरीकरण भी बढता गया है।इस सब के लिहास से चीन में सामाजिक बीमा-व्यवस्था को परिपक्व बनाने की फौरी जरूरत है।दो महीनों पहले आयोजित चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में चीन के शीर्ष नेता राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिंग-थाओ ने चीनी सामाजिक बीमा-व्यवस्था के विकास की नीति पर प्रकाश डाला।उन्हों ने कहाः
'शहरों व गावों में सामाजिक बीमा-व्यवस्था की स्थापना को गति दी जानी चाहिए।उद्यमों,संस्थाओं और कामकाजी यूनिटों के बुजुर्गों के लिए विशेष बीमा-व्यवस्था में सुधार को बढावा दिया जाना चाहिए और गांवों में बुजुर्गों के लिए बीमा-व्यवस्था की स्थापना की कोशिश की जानी चाहिए।शहरों व कस्बों में कर्चमारियों व मजूदरों के लिए चिकित्सा बीमा-व्यवस्था और गांवों में नए ढंग की सहकारी चिकित्सा व्यवस्था की स्थापना को पूर्ण रूप से आगे ले जाया जाना चाहिए।'
चीन सरकार ने सामाजिक बीमा-व्यवस्था को समाजवादी बाजार अर्थव्यवस्था को परिपूर्ण बनाने और समाजवादी सामंजस्यपूर्ण समाज तथा संपूर्ण खुशहाल समाज बनाने की एक मुख्य रीढ़ वाली व्यवस्था निश्चित की है।सामाजिक बीमा-कानून के प्रारूप के आठवें खंड की धारा 63 के अनुसार चीनी सामाजिक बीमा में बुजुर्गों के लिए विशेष बीमा,बुनियादी चिकित्सा-बीमा,ड्यूटी पर घायल होने संबंधी बीमा,बेरोजगारी-बीमा और प्रजनन-बीमा शामिल हैं।सरकार इसी के आधार पर नागरिकों को उन की वृद्धावस्था में,बीमार होने,ड्यूटी पर घायल होने,बेरोजगार और प्रजनन की स्थिति में जरूरी भौतिक सहायता देगी।चीनी सामाजिक बीमा-कानून के प्रारूप को 23 तारीख को देश की विधि-निर्माण संस्था—राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा की स्थाई समिति में विचारार्थ रखा गया है।इस की चर्चा करते हुए चीनी श्रम व सामाजिक प्रतिभूति मंत्री श्री थ्यान छंग-फिंग ने कहाः
'इस प्रारूप ने चीन में सामाजिक बीमा-व्यवस्था का बुनियादी कानूनी ढांचा तय किया गया है और मुख्य रूप से सामाजिक बीमा के सिद्धांत,बीमा के दायरे,विषय और इस के उपभोग के लिए आवश्यक शर्तें,संबंधित संस्थाओं एवं संबंधित कोष की निगरानी संबंधी बुहिर्मुखी नीतियां भी निश्चित की गई है। '
वास्तव में चीन सामाजिक प्रतिभूति के बारे में अनेक नीतियां कब से ही बना चुका है।राज्य परिषद द्वारा जारी बेरोजगारी-बीमा नियमावलियों और ड्यूटी पर घायल होने संबंधी बीमा-नियमावियों का क्रियान्वयन हुए भी अनेक वर्ष हो गए हैं।आंकड़ों के अनुसार वर्तमान समय में बुजुर्गों के लिए विशषे बीमा,चिकित्सा-बीमा,ड्यूटी पर घायल होने संबंधी बीमा और बेरोजागरी-बीमा में शामिल होने वालों की संख्या कुल मिलाकर 30 करोड़ से भी अधिक हो गई है।किसी एक टिप्पणी में कहा गया है कि सामाजिक बीमा-कानून के निर्माण-प्रक्रिया से दिखाया गया है कि चीन में सामाजिक प्रतिभूति व्यवस्था नीतिगत कदमों से बढकर कानून की ऊचाई पर पहुंच गई है।
इस कानून के प्रारूप का लक्ष्य सभी शहरों व गांवों में सामाजिक प्रतिभूति-व्यवस्था की स्थापना करना ही है।इस तरह विभिन्न स्तरीय सरकारों,संस्थाओं और श्रमिकों के सामाजिक बीमा-क्षेत्र में अनिवार्य अधिकार और कर्तव्य पक्के कर लिए गए हैं।प्रारूप के अनुसार चीन गांववासियों को धीरे-धीरे सामाजिक प्रतिभूति-व्यवस्था में शामिल करेगी और शहरों में नौकरी कर रहे किसान-श्रमिकों को भी सामाजिक प्रतिभूति व्यवस्था का लाभ दिलाया जाएगा।
पारूप में यह भी स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है कि सामाजिक बीमा-कोष का विभिन्न स्तरों पर बजट बनाया जाएगा और इस तरह के विभिन्न विषयों पर कोष का अलग-अलग लेखा डालकर अलग-अलग रूप से हिसाब-किताब किया जाएगा।चीनी श्रम व सामाजिक प्रतिभूति मंत्री श्री थ्यान छंग-फिंग के अनुसार चीनी सामाजिक बीमा-कानून के प्रारूप में संबंधित पुराने लेकिन कारगर कदमों के लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं और व्यवहार में अपरिपक्व लेकिन रचनात्मक साबित हुए कदमों के लिए भी नियम बनाए गए हैं।
चीन में आर्थिक विकास के स्तर के अनूकूल संपू्र्ण सामाजिक प्रर्तिभूति व्यवस्था की स्थापना को अर्थतंत्र व समाज के समंवयपूर्ण विकास की तकाजा और सामाजिक स्थिरता व स्थाई राष्ट्रीय शांति की स्थापना की बड़ी गारंटी मानी गई है।
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