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(GMT+08:00) 2007-12-21 17:16:58    
चीन में राष्ट्रीय सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना

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ज़्वन-ई काउंटी के नान-पाई कस्बे का लुंग-छ्य्वान गांव दक्षिण पश्चिमी चीन के क्वेचो प्रांत का एक दूरदराज गांव है। कुछ ही महीने पहले यहां के गांववासियों को इस बात का ख्याल तक नहीं था कि इस गांव में भी कंप्यूटर और प्रोजेक्टर जैसे आधुनिक इलेक्ट्रोनिक उपकरणों से फिल्में देखने और तकनीकें सीखने की सुविधाएं मिल सकती हैं।चीन में इस गांव जैसे दूरदराज गांवों की संख्या कई हजार है । अब वे सब देश में क्रियान्वित सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना के प्रथम चरण का लाभ ले रहे हैं।

इंटरनेट को केंद्र बनाने वाला इलेक्ट्रोनिक मीडिया आज की दुनिया में सूचनाओं और जानकारियों के आदान-प्रदान का एक मुख्य साधन बन गया है। लेकिन चीन के विशाल ग्रामीण इलाकों और कुछ अविकसित क्षेत्रों में प्राकृतिक व आर्थिक परिस्थितियों के अनुकूल न हो पाने के कारण वहां के लोग इस प्रगतिशील साधन का विचारों के आदान-प्रदान व ज्ञान की प्राप्ति में इस्तेमाल नहीं कर पाए हैं।

4 साल पूर्व चीन सरकार ने इस हालत को ध्यान में रखकर खुद अपने द्वारा सार्वजनिक सेवा प्रदान किए जाने के तरीके से संबंधित सुविधाएं देने की परियोजना बनायी। वह है 2002 से शुरू होने वाली राष्ट्रीय सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना। अब तक इस परियोजना के तहत एक राष्ट्रीय केंद्र,विभिन्न स्तरों के 4226 उपकेंद्र और बुनियादी सेवक अड्डे कायम किए गए हैं। इस परियोजना के राष्ट्रीय केंद्र के महानिदेशक श्री चांग यैन-पो ने कहा :

"सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना सार्वजनिक सांस्कृतिक सेवा-व्यवस्था की बुनियादी परियोजना है। देशभर में नेटवर्क पर आधारित प्रबंध व सेवा-व्यवस्था के प्रयोग के जरिए सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग का लक्ष्य प्राप्त करना शहरी व ग्रामीण जन-समुदाय को मिलने वाली सांस्कृतिक सेवा के स्तर को उन्नत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।हमारी कोशिश है कि विकसित व अविकसित क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटकर हर गांव को डिजिटल तकनीक से सांस्कृतिक सेवा उपलब्ध करायी जाए।"

सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना का उद्देश्य यह है कि चीन के विभिन्न क्षेत्रों के करीब 3000 पुस्तकालयों के आधार पर राष्ट्रीय केंद्र और प्रांतीय स्तर के उपकेंद्रों द्वारा सभी सार्जवनिक संग्रहालयों,ललितकला संग्रहालयों,कला प्रतिष्ठानों और अनुसंधान संस्थाओं की सांस्कृतिक सूचनाओं को डिजिटलीकृत करके इंटरनेट,उपग्रहों और मोबाइल भंडारण के जरिए मुफ्त रूप से जन-समुदाय खासकर अविकसिक क्षेत्रों के किसानों की सेवा में मुहैया कराया जाए। राष्ट्रीय केंद्र की दक्षिणी चीन के क्वांगशी च्वांग स्वायत्त प्रदेश स्थित शाखा की प्रधान सुश्री य्वी-ली ने अपनी शाखा की जानकारी देते हुए कहा :

"हमारी शाखा ने प्रदेश के जातीय कला प्रतिष्ठान और प्रदेश की राजधानी क्वेलिन के पुस्तकालय से जुडी सांस्कृतिक सूचनाओं का डेटा-बेस बनाया है। इस डेटा-बेस को सांस्कृतिक सूचनाओं के समान उपभोग वाली परियोजना की व्यवस्था से जोड़ा गया है।लोग जब चाहें तब, कहीं भी-कभी भी इंटरेनट के सहारे उस का प्रयोग कर सकते हैं।"