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(GMT+08:00) 2007-12-21 11:08:33    
लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव को लेकर सीरिया और अमरीका एक दूसरे के आरोपी

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दोस्तो,20 तारीख को अमरीका और सीरिया ने लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव के आयोजन में अनिश्चित कालीन देरी होने को लेकर एक दूसरे पर आरोप लगाये हैं।

लेबनान की संसद 22 तारीख को राष्ट्रपति-चुनाव के लिए मीटिंग बुलाएगी।वास्तव में इस मीटिंग के आयोजन को 9 बार स्थगित किया जा चुका है।अमरीका के निकट पूर्वी मामला संबंधी सहायक विदेश मंत्री डेविड वेल्च ने 20 तारीख को लेबनान की तीन दिनों की यात्रा समाप्त की।लेबनान से रवाना होने से पहले उन्हों ने लेबनानी संसद में विपक्षी दल पर राष्ट्रपति-चुनाव में रोड़े अटकाने का आरोप लगाया और सीरिया की आलोचना की कि उस ने लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव में अपनी सहयाक भूमिका नहीं निभाई है।उन्हों ने बल देकर कहा कि लेबनान में राष्ट्रपति-चुनाव के कारण उत्पन्न संकट को यथाशीघ्र समाप्त किया जाना चाहिए।इस के साथ उन्हों ने यह भी कहा कि अमरीका लेबनानी जनता और लेबनानी मतदादाओं द्वारा निर्वाचित अधिकतर सांसदों की अभिलाषा का समर्थन करता है।गौरतलब है कि वेल्च ने लेबनान में अपने प्रवास के दौरान सिर्फ लेबनान के विपक्षी दल के प्रतिनिधि—संसद-अध्यक्ष श्री नाबीह बेरी से भेंटवार्ता की।वेल्च ने कहा कि उन के और लेबनानी विपक्षी दल के एक प्रमुख नेता मिचर आँएन के बीच कोई बातचीत नहीं हुई।उन्हों ने सिर्फ आँएन से लेबनान में राष्ट्रपति-चुनाव की प्रक्रिया को गतिशील बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की अपील की।20 तारीख को अमरीकी राष्ट्रपति बुश ने सीरियाई राष्ट्रपति बाशर के साथ प्रत्यक्ष वार्ता करने की संभावना से इन्कार कर दिया।उन्हों ने ह्वाइट हाउस में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह पूछे जाने पर कि क्या वे बाशर से लेबनान के राजनीतिक संकट के खात्मे पर वार्ता करने के इच्छुक है? कहा कि बाशर के प्रति उन का धर्य कब ही खपाया जा चुका है।क्यांकि बाशर ने फिलिस्तान के इस्लामिक प्रतिरोध आन्दोलन हमास का साथ दिया है,लेबनान की हेजबल्लह की सहायता की है और इस संगठन के आत्मघाती हमलावरों को इराक जाने में सुविधाएं दिलाई हैं,जिस से लेबनान में स्थिरता टूट गई है।बुश ने सीरिया से लेबनान के मामलों में हस्तक्षेप न करने की मांग की और सीरिया पर लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव में बाधक की भूमिका अदा करने का आरोप लगाया है।

अमरीकी राष्ट्रपति बुश के बयान जारी होने के कई ही घंटे बाद सीरिया ने जबरदस्त प्रतिवाद किया।सीरियाई विदेश मंत्री वालिद अल-मालिम ने संवाददाताओं के समक्ष अमरीका को यह कहकर आरोपित किया कि उस ने बहुसंख्यक दल को समर्थन देने के जरिए विपक्षी दल पर प्रहार किया है और लेबनान के घरेलू सुलह में बाधा डाल दी है,जिस से लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव संबंधी संकट के समाधान के लिए सीरिया और फ्रांस की कोशिशों को बाधित किया गया है।मालिम ने कहा कि सीरिया और फ्रांस लेबनानी राष्ट्रपति-चुनाव के लिए एक दूसरे से संपर्क में रहते आए हैं और इस तरह दोनों ने ऐसा 3 सूत्रीय सिद्धांत भी घोषित किया हैः लेबनान के संविधान में संशोधन करने से लेबनानी सेना-पति मिचर सुलेमन को सुलह-राष्ट्रपति चुन लिया जाए,लेबनानी संसद में वर्तमान दलीय संरचना के अनुसार राष्ट्रीय एकता सरकार स्थापित की जाए और लेबनान के चुनाव संबंधी कानून में न्यायोचित व निष्पक्ष संशोधन किया जाए।श्री मालिम ने सीरिया पर अमरीकी सहायक विदेश मंत्री वेल्च के आरोप का खंडन करते हुए कहा कि वेल्च ने दो बार लेबनान की यात्रा की है,लेबनानी बहुसंख्यक दल के पक्ष में अमरीका के खड़ा होने का ऐलान किया है,बहुसंख्यक दल के किसी भी फैसले का समर्थन किया है और राष्ट्रपति-चुनाव के जल्दी ही आयोजन होने की मांग की है।इस सब से जाहिर है कि अमरीका लेबनानियों में सुलह की स्थापना नहीं देखनी चाहता है, सिर्फ विजयी और पराजित दोनों पक्षों को आमने-सामने रहते देखना चाहता है,ताकि लेबनान में बहुसंख्यक दल राजनीतिक निर्णय लेने का एकाधिकार प्राप्त कर सके।

उधर सीरिया और फ्रांस इस बात पर सहमत हैं कि वे लेबनान के दोनों दलों के साथ बराबर दूरी से संपर्क करेंगे।श्री मालिम ने बलपूर्वक कहा कि लेबनान में सीरिया की रचनात्मक भूमिका हो रही है।सीरिया उस के अंदरूनी मामलों में दखल नहीं दे रहा है।आखिरकार लेबनान का अंतिम फैसला खुद लेबनानियों द्वारा किया करना ही है।