उत्तर पश्चिम चीन के सिन्चांग वेवूर स्वायत्त प्रदेश में स्थित थाछङ बेसिन के दक्षिण पूर्व भाग में एक ऐसी जगह है , जो सदियों से तेज हवा से बुरी तरह ग्रस्त रहती थी , जिसे स्थानीय लोगों के पिछले दस से ज्यादा सालों की अथक मेहनत से एक नख्लिस्थान के रूप में परिवर्तित किया गया है ।
सिन्चांग के थाछङ बेसिन में स्थित लाओ फङ ख्वो क्षेत्र चीन की ही नहीं , बल्कि विश्व में भी ऐसी जगह मानी जाती है , जो हमेशा तेज हवा से ग्रस्त हुआ करती है । यहां साल में 150 दिन तक आठ दर्जे की तीव्रता वाली तेज हवा चलती है और सर्दियों में बर्फीली तूफान उड़ता है और भूमि पर मोटो मोटी बर्फ परतें ढकी रहती हैं ।
भयानह हवा और बर्फीली तूफान से थाछङ बेसिन के 20 टाउनशिपों के 70 हजार हैक्टर खेत और चरगाह को अकसर भारी नुकसान पहुंचता है। इस गंभीर प्राकृतिक विपत्ति पर काबू पाने के लिए थाछङ क्षेत्र की सरकार ने बड़े पैमाने वाली पवन रोकथाम परियोजना शुरू की । लाओ फङख्वो पारिस्थितिकी निर्माण केन्द्र के प्रधान श्री ल्यू रनक्वांग ने कहाः
दस सालों के परीक्षण के बाद हम ने यह निष्कर्ष निकाला है कि इस विपत्ति पर काबू पाने के लिए वृक्षरोपन ज्यादा उपयोगी है । इसलिए 1992 के अंत से 2002 तक वृक्षरोपण की प्रथम परियोजना चलायी गयी , वहां पवन रोधी वृक्ष जाल बिछाया गया ।
परियोजना के तहत तेज हवा से ग्रस्त क्षेत्र में आड़ी सीधी दर्जनों वृक्ष पट्टियां निर्मित की गयीं , जिस से तेज बर्फीली हवा को रोका जा सकता है और सड़कों और स्थानीय आवासों को नुकसान पहुंचने से बचाया गया है । इस प्रकार की खराब पारिस्थितिकी वाले क्षेत्र में पेड़ लगाने का काम बहुत कठिन है , इस के लिए परियोजना के सभी निर्माताओं को कठोर संघर्ष करना पड़ा । पारिस्थितिकी निर्माण केन्द्र के पूर्व प्रधान श्री याओ जन मिन ने कहाः
उस समय , वृक्ष रोपण को सफल बनाने के लिए हम रोज दिन भर निर्माण स्थल में काम करते थे , दोपहर के भोजन में केवल नॉन और चाय का पानी खाते पीते थे । कभी कभी नमकीन सब्जी खाते थे।
थाछङ बेसिन के 4 लाख स्थानीय निवासियों के पिछले दस से ज्यादा सालों के निरंतर प्रयासों के फलस्वरूप तेज हवा और भंयकर बर्फबारी वाले क्षेत्र में 8400 हैक्टर की भूमि पर ऊंचे ऊंचे पेड़ लगाये गए , जिस से 25 किलोमीटर लम्बी पवन रोधी वृक्ष पट्टी खड़ी की गयी । अब लाओ फङख्वो में गर्मियों के मौसम हर जगह हरियाली छायी रहती है और स्थानीय आर्थिक विकास और जन जीवन का भी सुधार हुआ है । पुराने स्थानीय निवासी श्री यांग सिवुन ने कहाः
अतीत में यहां की हवा इतनी तेज थी कि वह भारी ऊंची आवाज उत्पन्न करती है , लेकिन अब पवन रोधी वन क्षेत्र में ऐसी तेज हवा नहीं सुनाई देती है और अब बर्फ भी उतनी बड़ी नहीं है और सड़कों पर भी बर्फ नहीं जमती है ।
बड़ी मात्रा में बर्फ पवन रोधी वन्य पट्टियों के बीच रोकी जाने के कारण उन के पिघलने पर वहां की भूमिगत पानी भी प्रचुर हो गया । विशेषज्ञों के अनुसार परियोजना के बाद लाओ फङख्वो में हर साल बर्फ के पिघलने से जो जल संसाधन उपलब्ध है , वह दो करोड़ 40 लाख घन मीटर वाले मझोले जलाशय के बराबर है । पर्याप्त भूमिगत जल के रहते स्थानीय वन और कृषि उत्पादन को स्थिर विकास मिला और वहां बेहतर चक्रीय प्राकृतिक विकास बना रहा । आर्थिक वृद्धि के आधार पर फिर पारिस्थितिकी निर्माण को बढाया जाएगा । स्थानीय सरकार ने वृक्षरोपण , घास मैदान के निर्माण और सहायक परियोजनाओं के विकास में दो करोड़ 70 लाख अमरीकी डालर की राशि डालने की योजना बनायी । स्थानीय सरकारी अधिकारी श्री फन चारूए ने कहाः
बहुमुखी निर्माण व प्रबंध के तहत 1300 हैक्टर भूमि पर पेड़ लगाए जाएंगे , यह परियोजना अगले साल शुरू की जाएगी । आने वाले तीन पांच सालों में थाछङ के आसपास की चार काऊँटियों में तेज हवा पर काबू पाने का काम पूरा किया जाएगा , साथ ही कृषि व पशुपालन का भी साथ साथ विकास किया जाएगा ।
पिछले 15 सालों के कठोर प्रयासों से लाओ फङख्वो क्षेत्र में खराब पारिस्थितिकी स्थिति पर नियंत्रण करने में उल्लेखनीय सफलता मिली , जो विशेषज्ञों की नजर में एक मानवी चमत्कार माना जाता है । अब यह तरीका पूरे सिन्चांग में अपनाया जा रहा है और आगे देश के अन्य स्थानों और विदेशों में भी पहुंचाया जाएगा ।
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