
मित्रो,कोरिया गणराज्य के 17वें राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम 20 तारीख के तड़के औपचारिक रूप से घोषित किया गया है।टे ग्रैंड नेशनल पार्टी से आए उम्मीदवार ली म्युंग-बाक ने भारी बहुमत से अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों—टे यूनाइटेड न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी से आए उम्मीदवार छुंग डोंग-योंग और निर्दलीय उम्मीदवार ली होई-छांग को पराजित कर चुनाव जीत लिया है।इस तरह वह कोरिया गणराज्य के नए राष्ट्रपति बन गए हैं।
श्री ली म्युंग-बाक ने चुवान में विजयी होने के बाद कहाः
'मैं देशवासियों की मुझ से बंधी अपेक्षा खूब जानता हूं।मैं बड़ी विनम्रता से देशवासियों की सेवा करूंगा और देशवासियों की इच्छा के अनुसार देश के अर्थतंत्र का पुनरूथान करूंगा,साथ ही समाज में ज्यादा सामंजस्य और एकता कायम करूंगा।
श्री छुंग डोंग-योंग और श्री ली होई-छांग ने भी अपना-अपना बयान जारी कर चुनाव के परिणाम को स्वीकार कर लिया है।उन का कहना हैः
'हालांकि हम देशवासियों का विकल्प प्राप्त नहीं कर सके हैं,लेकिन हम भविष्य में देश के लिए सभी नागरिकों के साथ मिलकर संघर्ष जारी रखेंगे।हम ने पूरी तरह देशवासियों के विकल्प को स्वीकारा है। '
कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने 20 तारीख को राष्ट्रपति-चुनाव में श्री ली म्युंग-बाक की जीत घोषित की और कहा कि यह चुनाव न्यायपूर्ण है।उन्हों ने कहाः
'वर्तमान सरकार सत्ता के बेरोकटोक हस्तांतरण की प्रतीक्षा में है और अपनी कार्यावधि के बाकी समय में विभिन्न कामों से अच्छी तरह निबटने की पुरजोर कोशिश करेगी। '
हमारे संवाददाता ने मतदान-केंद्र जाकर कुछ मतदादाओं से श्री ली म्युंग-बाक को चुन लेने का कारण पूछा।एक महिला मतदादा ने बतायाः
'मैं ने इसलिए श्री ली म्युंग-बाक के पक्ष में वो़ट डाला,क्योंकि इस समय हमारे देश में आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।मैं समझती हूं कि श्री ली म्युंग-बाक एक सक्षम इंसान हैं और वे राष्ट्रपति बनने के लायक हैं। '
इस महिला मतदादा का विचार बड़ी संख्या में मतदादाओं का ही विचार है।उन का मानना है कि इधर वर्षों में कोरिया गणराज्य में आर्थिक विकास-दर 4-5 प्रतिशत रही है,तो भी अमीरी-गरीबी खाई बड़ी होती चली है,मकानों की कीमतें तेजी से बढी हैं,बेरोजगारी की स्थिति गंभीर होती गई है और शुल्क-भार हद से ज्यादा होता गया है।इस लिहास से आम लोगों को लगा है कि उन के जीवन में स्पष्ट सुधार नहीं आया है।इसलिए उन्हों ने किसी प्रमुख उद्यम के नेता और सोल शहर के मेयर रह चुके श्री ली म्युग-बाक से बड़ी आशा बांधी है कि आर्थिक क्षेत्र में मशहूर यह शक्तिशाली इंसान राष्ट्रीय अर्थतंत्र में नया उछाल लाएंगे।बल्कि श्री ली म्युंग-बाक द्वारा चुनाव-अभियान में प्रस्तुत आर्थिक नारा भी मतदादाओं की मनोस्थिति से मेल खाता है।
कोरिया गणराज्य की मीडिया कहती है कि राष्ट्रपति बनने के बाद श्री ली म्युंग-बाक को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।पहली चुनौती है कि बीबीके कंपनी के शेयरों की कीमतों संबंधी घटना में उन के शामिल होने या न होने के मामले की संसद द्वारा की जा रही तफ्तीश का परिणाम अगले साल 25 फरवरी को उन के सुभीते से राष्ट्रपति-पद ग्रहण करने पर असर डाले या नहीं डाले।दूसरी चुनौती है कि अगले साल अप्रैल में कोरिया गणराज्य में संसद-चुनाव होगा।इस में टे ग्रेड नेशनल पार्टी द्वारा बहुमत हासिल करने का ली म्युंग-बाक के सुभीते से शासन करने से संबंध है।तीसरी चुनौती है कि ली म्युंग-बाग द्वारा राष्ट्रपति-चुनाव के अभियान में प्रस्तुत आर्थिक लक्ष्य को पूरा करना और मतदादाओं को ठोस फायदा पहुंचाना ली म्युंग-बाक के लिए एक कड़ी परीक्षा है।इस के अलावा अमरीका और जनवादी कोरिया के साथ संबंधों का किस तरह से निबटारा किया जाए? खासकर जनवादी कोरिया के प्रति रोह मू-ह्युन की वर्तमान मध्यम व वामपंथी सरकार द्वारा अख्तियार सुलह,सहयोग व शांति वाली नीति का आगे भी क्रियान्वयन किया जाए? या इस संदर्भ में नयी नीति बनाई जाए? इन सवालों पर राष्ट्रपति के रूप में श्री ली म्युंग-बाक को फैसला करना हैं।उन के रूख का कोरियाई प्रायद्वीप के अमनचैन व स्थिरता से सीधा रिश्ता है।
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