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(GMT+08:00) 2007-12-19 16:15:03    
चीनी भू-तत्वविज्ञान संग्रहालय

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दोस्तो,अगर आप चीन की राजधानी पेइचिंग में ज्यादा समय तक ठहरते हैं,तो आप जरूर यह जान सकते हैं कि पेइचिंग में विश्वविख्यात लम्बी दीवार और प्राचीन राज प्रासाद जैसे दर्शनीय ऐतिहासिक अवशेषों के अलावा बहुत से संग्रहालय भी देखने योग्य हैं। प्राचीन राज प्रासाद की उत्तर पश्चिमी बगल में स्थित चीनी भू-तत्वविज्ञान संग्रहालय उन में से एक है।

यह संग्रहालय सन् 1916 में स्थापित हुआ था । तब से ले कर अब तक यह 90 साल का लम्बा रास्ता तय कर चुका है। यह चीन में सब से पुराना सरकारी भू-तत्वविज्ञान संग्रहालय है। इस दौरान अनेक बार यह स्थानांत्रित हुआ ,कई बार इस का जीर्णोद्धार हुआ और कई बार विस्तार ,इसलिए आज इस संग्रहालय की सूरत पर समय के थपेड़ों का कोई भी निशान नहीं पढ़ा जा सकता। आज दर्शकों के सामने यह बिल्कुल एक आधुनिक निर्माण के रूप में खड़ा है।

इस संग्रहालय का मुख्य प्रदर्शनी-भवन कोई 4500 वर्गमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। दर्शक इस में संरक्षित 2 लाख से अधिक भू-तत्वीय नमूने देख सकते हैं। इन में विश्व ध्यानाकर्ष भीमकाय डायनासोर के जीवाश्म, 17 लाख साल पहले दक्षिण पश्चिमी चीन के य्वानमो क्षेत्र में रहने वाले मानव और कोई 7 लाख वर्ष पूर्व पेइचिंग में रहने वाले मानव के जीवावशेष तथा विभिन्न प्रकार के राष्ट्रीय स्तर के रत्न व जेड भी शामिल हैं।

चीनी भू-तत्वविज्ञान संग्रहालय में कार्यरत कर्मचारी श्री चाओ को-रान ने बताया :

"चीनी भू-तत्वविज्ञान संग्रहालय चीन के अन्य अनेक संग्रहालयों की तरह संरक्षण,वैज्ञानिक अनुसंधान और सामाजिक शिक्षा इन तीन विषयों की परंपरागत क्षमता रखता है। यह संग्रहालय सरकार की ओर से विभिन्न प्रकार के भू तत्वीय नमूने संरक्षित करता है। ये नमूने संख्या औऱ गुणवत्ता में एशिया में सब से आगे हैं। यहां वैज्ञानिक अनुसंधान की क्षमता भी ज्यादा है। संग्रहित चीजों पर शोध करना यहां वैज्ञानिक अनुसंधान कार्य का केंद्र है। पक्षियों और मछलियों जैसे छोटे आकार के रीढ़वाले जीवों के अनुसंधान में इस में प्राप्त उपलब्धियां दुनिया भर में जानी गयी हैं।"

भू-तत्वविज्ञान प्रेमियों के लिए यह संग्रहालय ज्ञान का एक मनोरंजन-उद्यान है। यहां के पृथ्वी-गृह, खनिज पदार्थ-गृह, रत्न-गृह, आदिम काल से पूर्व जीवाश्म-गृह, राजकीय भू-संसाधन गृह आदि प्रदर्शनी-कक्ष मल्टी मीडिया जैसे आधुनिक डिजिटल तकनीकों से चीन और विश्व के दूसरे देशों की भू-संसाधनों और पृथ्वी के बारे में समृद्ध जानकारी देते हैं।

उल्लेखनीय है कि इधर के कुछ वर्षों में इस संग्रहालय ने उन लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है,जिन्हें पहले भू-तत्वविज्ञान में ज्यादा दिलचस्पी नहीं थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस संग्रहालय में चल रहा रत्न का अनुसंधान-कार्य बाजार में रत्नों के प्रति लोगों की दिलचस्पी से मेल खाता है। पिछले 10 साल से अधिक समय में यह संग्रहालय बाजार की मांगों के अनुसार रत्न के अनुसंधान और समीक्षा के कार्य में लगा हुआ है। इस कार्य से बाजार में रत्न के उपभोग में वृद्धि को बड़ा बढावा मिला है।

पेइचिंग के नागरिक श्री थाओ-कांग भू-तत्वविज्ञान से जुड़े काम नहीं करते हैं, तो भी उन्हें तरह-तरह के खनिज पत्थरों के बारे में जानकारी इक्कठा करने में बड़ी रूचि है।चीनी भू- तत्वविज्ञान संग्रहालय में उन्हों ने अपनी पत्नी के साथ संवाददाता से कहा :

"मैं पहली बार पत्नी के साथ यहां आया हूं। यहां आने की हमारी इच्छा बहुत पहले से थी।यह संग्रहालय मेरे लिए एक बड़ा आकर्षण है। मैं जानना चाहता हूं कि विभिन्न प्रकार के खनिज पत्थर देश के किन-किन क्षेत्रों में पाए जाते हैं और इन पत्थरों की क्या-क्या विशेषताएं हैं। मेरी पत्नी और मेरी उम्र 73 साल को पार कर गयी है। हालांकि यह हमारा यहां का पहला दौरा है,पर यहां आ कर हम ने बहुत ज्ञान प्राप्त किया है। इन आम खनिज पत्थरों औऱ रत्नों के बीच कौन सा फर्क है ? यह जानने में मुझे सब से बड़ी रूचि है। मैं आगे भी जब फुर्सत मिलेगी ,जरूर यहां आया करुंगा, ताकि और अधिक ज्ञान प्राप्त कर सकूं और अपनी जिन्दगी को और अर्थवान बना सकूं।