दोस्तो, सन् 2010 में पूर्वी चीन के शांघाई शहर में होने वाले विश्व मेले का विश्वध्यानाकर्षक शुभचिंह 18 तारीख को सार्वजनिक किया गया।हाई बाओ नामक इस समुद्री नीले रंग के कार्टून वाले शुभचिंह ने विश्व के सभी देशों तक चीन का उत्साहपूर्ण निमंत्रण पहुंचाया है।इस तरह शांघाई विश्व मेले का तैयारी-काम एक नए दौर में दाखिल हुआ है।
शाँघाई विश्व मेले के शुभचिंह का खुलासा करने वाला एक भव्य समारोह 18 तारीख की रात 8 बजे शांघाई स्टेडियम-भवन में आयोजित हुआ।
शाँघाई विश्व मेला सन् 2010 की पहली मई को शुरू होगा,जो 184 दिनों तक चलेगा।पूर्वानुमान के अनुसार कोई 200 देश व अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस में प्रदर्शन के लिए हिस्सा लेंगे और 7 करोड़ से भी अधिक चीनी व विदेशी पर्यटक इसे देखेंगे।विश्व मेले के इतिहास में इस का पैमाना सब से बड़ा और इस में प्रदर्शन के लिए भाग लेने वालों की संख्या और दर्शकों की संख्या भी सर्वाधिक है।
18 तारीख को शाँघाई विश्व मेले के आयोजन में 865 दिन बाकी है। इस मेले के उसी दिन सार्वजनिक शुभचिंह का नाम हाई बाओ रखा गया है,जिस का अर्थ है सागर का रत्न।कार्टून वाले इस शुभचिंह की आकृति चीनी शब्द 'मानव' से काफी मिलती-जुलती है,जो लोगों को यह संदेश देती है कि शांघाई विश्व मेले ने बेहतर शहरी जीवन को अपना मुख्य विषय बनाया है।
समारोह के बाद आयोजित एक न्यूज ब्रीफिंग में शाँघाई विश्व मेला मामला समंवय ब्यूरो के उपप्रभारी श्री हू चिंग-चुन ने मेले के शुभचिंग की व्याख्या करते हुए कहाः
'चीनी शब्द `मानव` की आकृति दो आदमियों के एक दूसरे को हाथों से सहारा देने जैसी है।हम ने इसलिए इस के आधार पर मेले का शुभचिंग बनवाया है,क्योंकि हम चाहते हैं कि इस से साझे प्रयासों के जरिए बेहतर शहरी जीवन निर्मित करने का हमारा विचार व्यक्त किया जाए।सब जानते हैं कि विश्व के सभी लोगों द्वारा आपस में मदद करने,मानव व प्रकृति के बीच,मानव व समाज के बीच और व्यक्तियों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध होने से ही जीवन ज्यादा सुन्दर हो सकता है। '
अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शन ब्यूरो के महासचिव श्री लोस्सेर्टाल्स ने शाँघाई विश्व मेले के शुभचिंह की सराहना करते हुए कहा कि इस शुभचिंह का खुलासा शाँघाई विश्व मेले की तैयारी-प्रक्रिया में एक अहम मील-पत्थर है।तथ्यों ने भी इसे साबित कर लिया है।शाँघाई विश्व मेला मामला समंवय ब्यूरो के प्रधान श्री हुंग हाओ ने कहाः
'शाँघाई विश्व मेले के लिए सभी भवनों के निर्माण-कार्य को इस साल के अंत में नई रफतार देनी शुरू की जाएगी।सन् 2009 के अंत तक निर्माण-कार्य मोटे तौर पर पूरा किया जाएगा।बाकी रहने वाले आधे साल में हम सजावट का काम करेंगे,ताकि निश्चित समय पर यानी कि पहली मई 2010 को मेला का औपचारिक आयोजन शुरू हो जाए।'
शाँघाई विश्व मेले का उद्यान शाँघाई शहर के मरकजी इलाके में स्थित है।इस समय उस में निर्माण-कार्य जोरों पर है।मेला-केंद्र और प्रमुख भवन का निर्माण हो रहा है।संबंधित परियोजनाओं पर भी निर्माण-काम चल रहा है।गत 17 दिसेम्बर तक विश्व के 184 देश और अंतर्राष्ट्रीय संगठन शाँघाई विश्व मेले में अपनी भागीदारी को पुष्ट कर चुके हैं।श्री हुंग हाओ का कहना हैः
'184 का यहां क्या मतलब है? मतलब है कि शांघाई विश्व मेले में प्रदर्शन करने वालों की संख्या एक विश्व रिकार्ड है।वर्ष 2000 में जर्मनी के हानोवर में आयोजित विश्व मेले में 172 देशों व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने हिस्सा लिया।यह आंकड़ा उस समय का एक रिकार्ड था।184 इस से भी ज्यादा है।हमारा लक्ष्य 200 देशों व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को आकर्षित करना है। '
2010 में शाँघाई में होने वाला विश्व मेला अपने इतिहास में चीन में होने वाला प्रथम सर्वोच्च सत्र है।इस में भाग लेने की पुष्टि कर चुके बहुत से देश चीन की तरह विकासशील देश हैं।इन्हें इस मेले में अच्छे प्रदर्शन करने में मदद देने के लिए चीन सरकार ने अब तक 10 करोड़ अमरीकी डाँलर की धन-राशि प्रदान की है।शाँघाई विश्व मेला मामला समंवय ब्यूरो के प्रधान श्री हुंग हाओ ने कहाः
'हम और ज्यादा विकासशील देशों को शाँघाई विश्व मेले में भाग लेने के लिए आमंत्रित करेंगे और उन्हें उत्साहपूर्ण सहायता देंगे तथा विभिन्न क्षेत्रों में सुविधाएं मुहाया कराएंगे,ताकि इस मेले में विकासशील देश भी अपना-अपना जलवा बिखेर सके और शहरों के विकास के उज्जवल भविष्य के बारे में उन के विचार भी दर्शाए जाए।'
|