• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-12-17 10:42:37    
इस साल प्रगति हुई है कोरियाई परमाणु सवाल के समाधान में

cri

दोस्तो,वर्ष 2007 में भी कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु सवाल अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के आकर्षण का एक केंद्र रहा है।संबंधित पक्षों के समान प्रयासों से इस सवाल संबंधी 6 पक्षीय वार्ता में नई प्रगति हुई है।इस की चर्चा करते हुए चीन के उपविदेश मंत्री ऊ ता-वई ने कहाः

'इस साल की 31 दिसेम्बर से पहले योंगब्योन के प्रायोगिक नाभिकीय रिएक्टर और नाभिकीय ईधन के रूप में कल-पुर्जे निर्मित करने वाले कारखाने को निष्क्रिय बनाने का काम पूरा किया जाएगा।जनवादी कोरिया इस बात पर मंजूर हो गया है कि गत 13 फरवारी को संपन्न साझे कागजात के अनुसार आगामी 31 दिसेम्बर को अपनी तमाम न्यूक्लियर योजना के बारे में संपूर्ण और सही अर्जी पेश की जाएगी।और उसी दिन से अमरीका अपने इस वायदे पर अमल शुरू करेगा कि जनवादी कोरिया को आतंकवाद समर्थक देशों के नामसूची में शामिल करने की प्रक्रिया को फिर से नहीं शुरू किया जाए और जनवादी कोरिया विरोधी व्यापार-कानून के क्रियान्वय को बन्द किया जाए।'

चीन के उपविदेश मंत्री ऊ ताई-वई ने गत तीसरी अक्तूबर को कोरियाई परमाणु सवाल संबंधी 6 पक्षीय वार्ता के छठे दौर के एक सत्र की समाप्ति पर संबंधित साझे कागजात पढकर सुनाया।ऊ ता-वई इस सत्र की अध्यक्षता की।उन के अनुसार यह कागजात रूटमैंप जैसी एक उपलब्धी है,जो इस बात का प्रतीक माना जा सकता है कि 6 पक्षीय वार्ता की प्रक्रिया सकारात्मक व तात्विक तौर पर आगे बढी है।कोरिया गणराज्य के विदेश व व्यापार मंत्रालय के राजनय सुरक्षा अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रोफेसर जुन बोंग-गेयुन ने 6 पक्षीय वार्ता में हुई तरक्की की भूरि-भूरि प्रशंसा की।उन का कहना हैः

'कोरियाई प्रायद्वीप का परमाणु सवाल सचमुच एक जटिल व कठिन सवाल है।लेकिन इस पर चालू वर्ष हुई वार्ताओं में सकारात्मक प्रगति हुई है।संबंधित पक्षों में गत फरवरी और अक्तूबर में दो साझे कागजात संपन्न हुए हैं और संबंधित पक्षों ने इन के अमलीकरण में ठोस कदम उठाए हैं।इस तरह कोरियाई प्रायद्वीप को नाभिकीयकरण से मुक्त करने में तात्विक उपलब्धियां हासिल हुई हैं।'

6 पक्षीय वार्ता में जो भारी चरणबद्ध कामयाबियां प्राप्त हुई हैं,वे इधर एक साल में संबंधित पक्षों की अथक कोशिशों से अलग नहीं हो सकती हैं।इस वार्ता के प्रमुख पक्ष के नाते चीन ने वार्ता-प्रक्रिया को आगे बढाने में बड़ी और रचनात्मक भूमिका अदा की है।कोरिया गणराज्य के प्रोफेसर श्री जुन बोंग-गेयुन ने कहाः

'हर बार जब वार्ता मुसिबत में पड़ी है,चीन आगे आकर नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है।इस की वजह से वार्ता जारी हो पाई है।आइंदे भी चीन इस वार्ता में अपनी भारी मूमिका अदा करेगा।'

6 पक्षीय वार्ता में गत तीसरी अक्तूबर को साझे कागजात संपन्न होने के तुरंत बाद संबंधित पक्षों ने इस पर जल्द ही अमल शुरू किया है।जनवादी कोरिया के नाभिकीय संयंत्रों को निष्क्रिय बनाने का काम बेरोकटोक चला है,जो सर्वमान्य है।इस काम से जुड़े दल के एक अमरीकी सदस्य श्री किम सुंग ने कहाः

'हम ने जनवादी कोरिया के योंगब्योन में नाभिकीय संयंत्रों को देखा।हम ने पाया है कि उन्हें निष्क्रिय बनाने वाला काम बहुत अच्छी तरह से चलाया जा रहा है।इस में कामयाबियां हासिल हुई हैं।'

चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के जापानी मामला अनुसंधान कार्यालय के उपप्रधान श्री किम ही-तह का मानना है कि तकनीकी और राजनीतिक कारणों की वजह से इस साल के अंत से पूर्व जनवादी कोरिया के नाभिकीय संयंत्रो को निष्क्रिय बनाने का काम और उस की तमाम नाभिकीय योजना के बारे में संपूर्ण अर्जी पेश करने का काम पूरा नहीं किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक ओर नाभिकीय संयंत्रों को निष्क्रिय बनाने का काम सरल काम नहीं है।उसे पूरा करने में समय और धन की बड़ी आवश्यकता है।दूसरी ओर अमरीका और जनवादी कोरिया के बीच लम्बे अरसे से जारी अविश्वास रोतोंरात दूर होना असंभव है।इस में सुधार निश्चित कदमों पर निर्भर रहता है।

श्री किम ही-तई ने कहा कि कोरियाई परमाणु सवाल के समाधान की प्रक्रिया को ठंडे दिमाग और व्यवाहारिक दृष्टि से देखा जाना चाहिए।कोरियाई प्रायद्वीप में गैरनाभिकीयकरण प्राप्त करना ऐतिहासिक तौर पर अनिवार्य है,लेकिन संबंधित प्रक्रिया सुभीते से आगे बढना संभव नहीं है।यह प्रक्रिया टेढ़े-मेढे रास्ते पर आगे बढ रही है।इस दौरान सब से बड़ी अनिश्चितता अमरीका की राजनीति है।अगले साल अमरीका में राष्ट्रपति-चुनाव होगा।