
नामछो झील के पास एक चाशी प्रायद्वीप है , इस प्रायद्वीप पर स्थापित बहुत से मठों में नामछो व न्येनछिंग थांगकुरा के तिब्बती लामा बौद्ध धार्मिक अवतारों की मूर्तियां रखी हुई हैं । चरवाहे कुंगचोत्सथा ने इस का परिचय देते हुए कहा कि क्योंकि नामछो झील की चारों तरफ भौगोलिक पर्यावरण अत्यंत पैचीदा है , इसलिये बहुत तीर्थ यात्री चाशी प्रायद्वीप को सात चक्कर लगाने का विकल्प करते हैं । कारण है कि चाशी प्रायद्वीप को सात चक्कर लगाने का फासला नामछो झील का एक चक्कर लगाने के फासले के बराबर है , चाशी प्रायद्वीप लगाने में तीर्थ यात्रियों की निष्ठा बुद्ध भी महसूस कर पाते हैं । 
नामछो झील के बारे में और एक कथा स्थानीय वासियों में प्रचलित भी है । सुना जाता है कि नामछो झील एक अंदरूनी समुद्र है , चंद्रमा में आने वाले परिवर्तन के साथ साथ झील में लहरों का उतार चढाव नजर आता है , उस का रंग भी समय के साथ साथ विविधतापूर्वक बदला जाता है , कभी कभार हरा भरा नजर आता है और कुछ समय नीला भी दिखता है । स्थानीय चरवाहों के अनुसार हर वर्ष के मई व जून में मिराग का नजारा आता है , उस समय झील पर बेशुमार भेड़ बकरियां व गायं दिखते हैं , भेड़ बकरी का आकार प्रकार साधारण बकरी जितना बड़ा है , जबकि गायं साधारण गायों से तीन चार गुने से बड़ा है और बालों का रंग सफेद व काला होता है ।
इस के अतिरिक्त नामछो झील की चारों ओर चार चश्मा भी उपलब्ध हैं । कहा जाता है कि ऐसे चश्मे में स्नान करने से बहुत से रोगों का इलाज किया जाता ही नहीं , बल्कि अपने पापों की धुलाई जा सकती है ।
नामछो का रमणीय प्राकृतिक दृश्य विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों के पर्यटकों को आकर्षित कर लेता है । झील के पास हमारे संवाददाता की मुलाकात चीन के थाईवान से आये एक दंपति से हुई । वे हर वर्ष की ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में घूमने बाहर जाते हैं , अभी तक वे चीन की मुख्य भूमि के बहुत क्षेत्रों का दौरा कर चुके हैं । हमारे संवाददाता के साथ अपनी तिब्बत यात्रा की चर्चा में श्री चंग हुंग छ्वान ने कहा कि गत वर्ष में छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग पर यातायात शुरू होने के बाद मेरा मन तिब्बत जाने को कर रहा है । पहले हम ने पत्र पत्रिकाओ व टीवी कार्यक्रमों में तिब्बत के बारे में बहुत कुछ जान लिया है , यहां आने के बाद अपनी आंखों से देख लिया , यहां सचमुच बहुत सुंदर है ।
एक जापानी पर्यटक ने हमारे संवाददाता से नांमछो झील के बारे में अपना अनुभव बताते हुए कहा कि नामछो झील ने मुझ पर जो छाप छोड़ रखी है , वह बेहद सराहनीय है और अविस्मरणी भी है । यह कोई आकस्मिक बात नहीं है कि स्थानीय लोग इस झील को पवित्र झील के रूप में मानते हैं , यह झील लोगों को एक बहुत रहस्यमय आभास देती है ।
गत वर्ष में छिंगहाई तिब्बत रेल मार्ग और लिनची हवाई अड्डे को काम में लाने से विश्व के विभिन्न क्षेत्रों के पर्यटकों को तिब्बत का दौरे करने के लिये और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं और तिब्बत में आने वाले पर्यटकों की संख्या में बड़ी हद तक वृद्धि हुई है । 2007 के पूर्वार्द्ध के तिब्बती पर्यटन बाजार की चर्चा करते हुए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के पर्यटन ब्यूरो के बाजार विकास विभाग के प्रभारी चाओ शू च्वान ने कहा कि चालू वर्ष के जनवरी से जुलाई तक तिब्बत के पर्यटन कार्य का तेज गति से विकास हुआ , तिब्बत आने वाले पर्यटकों की संख्या 17 लाख से अधिक हो गयी है , जो गत वर्ष की समान अवधि से 75 प्रतिशत अधिक है और आय करीब दो अरब 50 करोड़ य्वान तक पहुंची ।
रहस्यपूर्ण बर्फिली तिब्बती पठार विश्व के विभिन्न देशों व क्षेत्रों के पर्यटकों का आकर्षण का केंद्र रहा है । विश्वास है कि तिब्ब्ती पर्यटन बाजार के विकास के चलते तिब्बती जनता और अधिक पर्यटकों की अगवानी के लिये पूरी तैयारी कर पायेगी । दोस्तो , यदि आप को मौका या अवकाश का समय मिलेगा , तो इस पवित्र स्थल का दौरा करने जरूर जायेंगे और एक अलग अनुभव हासिल कर लेंगे ।
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