पाकिस्तान के जनरल प्रोक्यूरेटर श्री मलिक मुहाम्माद कायुम ने 26 तारीख को कहा कि वर्तमान राष्ट्रपति मुशर्रफ़ भावी 29 तारीख को सेनाध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर आम नागरिक की हैसियत से राष्ट्रपति के नये पांच वर्षीय कार्यकाल का भार संभालेंगे।
श्री कायुम ने कहा कि श्री मुशर्रफ़ के पद-ग्रहण की रस्म राजधानी इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रपति भवन में होगी।सुप्रीम कोट के नए प्रमुख न्यायाधीश अब्दुल हमीद दोगार रस्म की अध्यक्षता करेंगे।
पाक सुप्रीम कोट की 10 न्यायाधीशों से गठित अदालत ने 22 तारीख को श्री मुशर्रफ़ के दुबारा राष्ट्रपति बनने के खिलाफ़ दायर याचिका को रद्द कर दिया और 23 तारीख को मुशर्रफ़ के राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का हक जायजा व कानूनी घोषित किया।24 तारीख को पाक निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोट की घोषणा के अनुसार निश्चित किया कि मुशर्रफ़ गत 6 अक्तूबर को हुए राष्ट्रपति-चुनाम में जीत प्राप्त की।इस तरह वे भावी पांच वर्षों में भी राष्ट्रपति का भार संभालेंगे।
गत दूसरी अक्तूबर को पाकिस्तान में राष्ट्रपति-पद के दो उम्मीदवारों ने सुप्रीम कोट में याचिका दायर की,जिस में विचार रखा गया है कि संविधान के अंतर्गत सेनाध्यक्ष की हैसियत से मुशर्रफ को राष्ट्रपति-चुनाव में उतरने का हक नहीं है।याचिका में राष्ट्रपति-चुवान को स्थगित कराए जाने की मांग भी की गई है।लेकिन सुप्रीम कोट ने अक्तूबर की 5 तारीख को निर्णय लिया कि चुनाव का पूर्वनिश्चित समय पर आयोजन होगा।रिपोर्टों के अनुसार मुशर्रफ ने अक्तूबर की 6 तारीख को हुए चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल की।
मुशर्रफ के सफलतापूर्वक दुबारा राष्ट्रपति बनने के साथ-साथ पाकिस्तान के विभिन्न विपक्षी दलों ने भी राजनीतिक मंच पर आगे चलने की कोशिश की है।पाक निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित राष्ट्रीय असेम्बली और सूबेवार संसद के चुनावों की कार्यसूची के अनुसार 26 नवम्बर को उम्मीदवारों की नामसूची जमा करवाने की अंतिम तिथि है।पाकिस्तान की पूर्व प्रधान मंत्री बेगम बेनजीर भुट्टो ने उसी दिन अपनी जन्मभूमि लार्काना नगर में स्थानीय चुनाव-समिति को चुनाव में भाग लेने का अपना पत्र दिया।इस के साथ उन्हों ने इस संभावना से इन्कार नहीं किया कि उन की अवामी पार्टी आखिरी घंडी पर चुनाव से मुकर जाएगी,ताकि मुशार्फ द्वारा लागू करवाई गई आपात स्थिति का बहिष्कार किया जाए।
उधर पाकिस्तान के अन्य एक पूर्व प्रधान मंत्री,विपक्षी दल मुस्लिम लीग के शरीफ समुदाय के नेता नवाज शरीफ़ ने भी 26 नवम्बर की रात को चुनाव लड़ने का अपना पत्र दिया।श्री शरीफ दो बार पाक प्रधान मंत्री रह चुके हैं।अक्तूबर 1999 में सेनाध्यक्ष के रूप में मुशर्रफ ने राष्ट्रीय सत्ता को अपने हाथ में ले लिया और शरीफ को गिरफ्तार करवाया।दूसरे साल शरीफ अपने भाई के साथ सऊदी अरब में निष्कासित किए गए।चालू साल 10 सितम्बर को शरीफ लंदन से स्वदेश लोटे,लेकिन इस्लामाबाद के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ही पाक सरकार द्वारा फिर से निष्कासित किए गए।गत 25 तारीख को शरीफ सऊदी अरब से पाकिस्तान के पूर्वी शहर लाहौर पहुंचे।बेगम बेनजीर भुट्टो ने उन के स्वदेश लौटने का स्वागत किया और कहा कि यह एक अच्छी स्थिति है,जिस से पाकिस्तान में राजनीतिक सक्रियता को नया आयाम मिलेगा।
25 तारीख को पाक मुस्लिन लीग(Quaid-e-Azam) के अध्यक्ष चौधरी ने भी चुवान में उतरने का पत्र पेश किया।उन्हों ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान बेगम बेनजीर भुट्टो और श्री शरीफ की देश के राजनीतिक मंच पर वापसी का स्वागत किया और कहा कि वे पाकिस्तान में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विकास में मदद देंगे।
पाक निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित संबद्ध कार्यसूची के अनुसार पाक राष्ट्रीय असेम्बली का चुनाव अगले साल की 8 जनवरी को कराया जाएगा।अब श्री मुशर्रफ सफलतापूर्वक दुबारा राष्ट्रपति बने हैं।कहा जाना चाहिए कि पाकिस्तान के राजनीतिक मंच पर सर्वाधिक ताकतवर व्यक्ति स्वाभाविक रूप से श्री मुशार्फ ही है।साथ ही बेगम बेनजीर भुट्टो और श्री शरीफ भी अपना अपना भारी प्रभाव डाल सकते हैं।बेगम बेनजीर भुट्टो ने राष्ट्रीय असेम्बली-चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही थी,तिस पर भी चुनाव लड़ने का पत्र दिया है।उन के रूख में आया बदलाव ध्यानाकर्षक है।दूसरी ओर शरीफ को गत सितम्बर में स्वदेश लोटने के कई मिनट बाद फिर से भगाया गया।लेकिन इस बार उन की देश-वापसी अत्यंत सुभीते से हुई।उन के प्रति पाक सरकार के रूख में हुआ परिवर्तन भी ध्यानाकर्षक है।लोकमत है कि पाकिस्तान में जैसे जैसे राष्ट्रीय असेम्बली चुनाव निकट आ रहा है,राजनीतिक मंच पर 3 प्रमुख शक्तियों में सत्ता पाने के लिए संघर्ष व सहयोग जारी रहेंगे।
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