पूर्वी एशियाई श्रृंखलाबद्ध शिखर सम्मेलन 22 नवम्बर को सिंगापुर में संपन्न हुए । सिंगापुर के प्रधान मंत्री ली स्येन लुंग ने उसी दिन मेजबान देश की सरकारी नेता की हैसियत से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में इस शिखर सम्मेलन का सारांश निकाला । उन का मानना है कि मौजूदा पूर्वी एशियाई श्रृंखलाबद्ध शिखर सम्मेलन सफल रहे हैं ।
श्री ली स्येन लुंग ने संवाददाता सममेलन में कहा कि मौजूदा पूर्वी एशियाई श्रृंखलाबद्ध शिखर सम्मेलनों में अनेक घोषणा पत्र व संधियां संपन्न की हैं और उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त कर ली हैं ।
हमारा उद्देश्य आशियान के एकीकरण को बढ़ावा देना है , यह एशियाई क्षेत्रीय सहयोग के ढांचे के अनुरूप भी है । हम ने इस शिखर सम्मेलन में एक अहम कदम रख कर आशियान चार्टर संपन्न किया है और 2015 में आर्थिक समुदाय को साकार करने के उद्देश्य से आशियान आर्थिक समुदाय प्लांट पारित किया है । इस शिखर सम्मेलन से साझेदार देशों के साथ हमारा सम्पर्क भी घनिष्ट हो गया है ।
13 वें आशियान शिखर सम्मेलन में ध्यानाकर्षक आशियान चार्टर गत दो वर्षों में अनेक दौर के सलाह मशविरे के जरिये आखिरकार संपन्न हो पाया है । इस चार्टर में प्रथम बार आशियान समुदाय की स्थापना का रणनीतिक लक्ष्य कलमबंद किया गया है , साथ ही आशियान के विकास क लक्ष्य , उसूल , स्थान और ढांचा निश्चित किया गया । चार्टर में आशियान की कुछ संस्थाओं की स्थापना व कार्यसूची के लिये कुछ नया निश्चय भी किया गया ।
मौजूदा आशियान शिखर सम्मेलन के प्रवक्ता आनदरे टान ने चार्टर के महत्व की चर्चा में कहा आशियान के दस सदस्य देशों ने आशियान चार्टर पर हस्ताक्षर किये हैं , यह आशियान की एक महत्वपूर्ण मोड़ है । चार्टर आशियान को एकताबद्ध व सार्थकता और व्यवस्थित सिद्धांत पर आधारित संगठन बना देगा । यह आशियान के पिछले 40 सालों के विकास का मील पत्थर है और इस बात का द्योतक है कि आशियान के देशों के बीच सहयोग राजनीतिक क्षेत्र से अन्य क्षेत्रों की ओर विकसित हो गया है , इसी प्रकार के बहुपक्षीय सहयोग का आधार राजनीतिक , आर्थिक , सामाजिक व सांस्कृतिक खंभा ही है ।
इस सम्मेलन में आशियान के दस सदस्य देशों के नेताओं ने आशियान आर्थिक एकीकरण के निर्माण का मार्गनिर्देशक दस्तावेज यानी आशियान आर्थिक समुदाय प्लांट संपन्न किया । इस दस्तावेज के अनुसार आगामी 2015 तक आशियान क्षेत्र में एक एकीकृत बाजार व उत्पादन अड्डा स्थापित किया जायेगा , उस समय मालों , सेवा , पूंजी निवेश व तकनीकी मजदूरों का स्वतंत्र रूप से हस्तांतरण होगा ।
इस के अतिरिक्त तीसरे पूर्वी एशियाई शिखऱ सम्मेलन में चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने आशियान के दस सदस्य देशों , भारत , जापान , कोरिया गणराज्य , ओस्ट्रेलिया और न्यूजिलैंड जैसे देशों के नेताओं के साथ जलवायु परिवर्तन , ऊर्जा व पर्यावरण से जुड़ा सिंगापुर घोषणा पत्र संपन्न किया । इस घोषणा पत्र में जलवायु परिवर्तन , ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण आदि क्षेत्रों में सहयोग बढाने का उक्त देशों का संकल्प व्यक्त हो गया है ।
श्री ली स्येन लुंग ने कहा कि विभिन्न देशों के नेताओं ने इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मुकाबले के लिये अपना कर्तव्य व दायित्व निभाने का वचन दिया है । उन का कहना है हम ने ऊर्जा , पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन पर पूर्ण रूप से विचार विमर्श किया है । सम्मेलन में विभिन्न देशों ने यह कहा है कि वे ऊर्जा , पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के सवालों का समाधान करने को संकल्पबद्ध हैं ।
चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने तीसरे पूर्वी एशियाई शिखर सम्मेलन में हाथ मिलाकर अनवरत विकास के भविष्य की समान कोशिश करो शीर्षक भाषण दिया । उन्हों ने कहा कि चीन सरकार ने वैज्ञानिक विकास के दृष्टिकोण को शासन की धारणा बनाकर अपने देश की जनता , समूची मानव जाति और संतानों की भलाई के लिये ग्रीन हाऊस गैस को कम निकालने के लिये अनेक कदम उठा दिये हैं और भारी प्रगति भी प्राप्त की है । उन्हों ने दोहराते हुए कहा कि चीन संधि व प्रोटोकोल के अनुसार अपना अंतर्राष्ट्रीय दायित्व व कर्तव्य निभाता रहेगा ।
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