इन बीस सालों के भीतर श्री मा शी मन की जीवन में बहुत चमत्कृत कहानियां भी हुई हैं , उन्हों ने अपने पूर्वजों की तरह शांगहाई में अपने कार्य का सृजन किया है।
वर्ष 1985 में शांगहाई में आने के बाद श्री मा शी मन शांगहाई के एक विश्वविद्यालय में चीनी भाषा सीखी, तीन सालों के बाद उन्हें शांगहाई विदेशी व्यापार कालेज के एक अंग्रेजी अध्यापक का पद मिला। इसी बीच उन्होंने एक शांगहाई लड़की के साथ शादी की। कुछ सालों के बाद श्री मा शी मन ने ब्रिटिश शिप कंपनी में काम करना शुरू किया। कार्य के कारण वे चीन से दूसरे देश गये । लेकिन वर्ष 1995 में वे फिर शांगहाई लौटे और ब्रिटिश P&O कंपनी की चीनी शाखा के मेनेजर बने हैं, तब से आज तक वे शांगहाई में रह रहे हैं। वर्ष 2000 में श्री मा शी मन ने अपनी नौकरी छोड़ कर अमरीकी कोर्निंग कंपनी में प्रवेश किया और कंपनी की चीनी शाखा के CEO बने हैं।
क्यों मैं ने कोर्निंग में भाग लिया। क्योंकि मैं ने देखा है कि कोर्निंग के उच्च व नव तकनीक है, जो चीन को आवश्यकता है। वर्ष 2000 से चीन ने देश में सूचना वेबसाइट की स्थापना शुरू की, जिस समय से चीन सरकार ने कोर्निंग के ओपटीकल फाइबर खरीदना शुरू किया।
कोर्निंग के काम में सूचना, पर्यावरण विज्ञान और जीव विज्ञान आदि शामिल है। श्री मा शी मन के विचार में चीन के तेज विकसित दूर संचार , इलेक्ट्रोन व कार बाजार कोर्निंग के लिये व्यपक मौका प्रदान करेगा। श्री मा शी मन द्वारा कोर्निंग में भाग लेते समय कोर्निंग में सिर्फ 140 कर्मचारी थे और एक करोड़ अमरीकी डालर की पूंजी थी । श्री मा शी मन ने कोर्निंग में भाग लेने के बाद कोर्निंग का विस्तार किया और विकास बढ़ाया। अभी तक कोर्निंग के चीन में 3000 कर्मचारी हैं और 3 अरब अमरीकी डालर से अधिक पूंजी का पैमाना है।
अभी श्री मा शी मन शांगहाई में कोर्निंग कंपनी और खुद अपने आप के विकास पर भारी विश्वसनीय हैं।
शांगहाई चीन के सेवा क्षेत्र में अपना केंद्रीय स्थान बनाए रखेगा, जो भविष्य में व्यापार के विकास के लिये आधारभूत समर्थन प्रदान करेगा।
चीन शांगहाई को अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक, वित्तीय, व्यापारिक व शिप केंद्र की स्थापना की कोशिश कर रहा है। श्री मा शी मन ने कहा कि वे शांगहाई के विकास पर आशाप्रद हैं।
शांगहाई श्री मा शी मेन के लिये अपने सुंदर जीवन का नया प्रस्थानबिंदु है। वे सचे शांगहाई वासियों की तरह इस शहर को प्यार करते हैं।
शांगहाई विदेशियों के लिये बहुत आकर्षित है। अगर आप विविधतापूर्ण जीवन बिताना चाहते हैं और स्वादिष्ट खाद्य-पदार्थ खाना चाहते हैं या चीनी भाषा सीखना चाहते हैं तो आप को शांगहाई में आना चाहिये। अगर आप कलाओं से प्यार करते हैं और संग्रहालय देखना चहाते हैं तो शांगहाई में आना ही चाहिये।
श्री मा शी मन ने शांगहाई सुधार व रक्षा कोष की स्थापना की और इस संगठन के उपाध्यक्ष भी हैं। उन्होंने अपने लिये दो लक्ष्य बनाये , एक है कि ब्रिटिश शहर लिवेर्पुल को वर्ष 2010 में शांगहाई में आयोजित विश्व मेले में भाग लेने को बढ़ाया जाए। दूसरा है कि ब्रिटेन के ओक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में कंफ्यूशियस कालेज की स्थापना की जाए। कुछ समय पहले श्री मा शी मन को शांगहाई प्रतिष्ठित नागरिक की उपाधि भी मिली ।
मेरी किस्मत बहुत अच्छी है। शांगहाई में 22 सालों तक रहते रहते मेरा परिवार ब्रिटेन-चीन संयुक्त पूंजी वाली कंपनी भी बना है, क्योंकि मेरी पत्नी शांगहाई वासी है।
ऐसा कहा जा सकता है कि मा शी मन चीनी विशेषज्ञ बन गये हैं , श्री मा शी मन चीन के इतिहास व संस्कृति से परिचित ही नहीं , अच्छी तरह से चीनी भाषा बोल लेते हैं तथा चीनी भाषी अखबार भी पढ़ सकते है, उन्हें चीनी खाद्य-पदार्थ को इतना प्यार भी है कि एक शांगहाई लड़की को अपनी पत्नी बनायी है। लेकिन घर में श्री मा शी मन को अक्सर लगता है कि वे चीन के बारे में कम जानकारी जानते है।
मेरी तुलना में मेरे बच्चे अधिक अच्छी चीनी भाषा बोल सकते हैं और वे शांगहाई बोली भी बोल सकते हैं। ब्रिटिश बच्चों के लिये कुछ चीनी भाषा सीखने से चीनियों के साथ सहयोग करने में मददगार सिद्ध होगा।
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