फिलहाल , निम्न समुद्रसतह क्षेत्र से कदम ब कदम तिब्बत के ऊंचे समुद्रसतह क्षेत्र में प्रवेश करने का पर्यटन तरीका धीरे धीरे पर्यटकों में लोकप्रिय होता जा रहा है। बहुत ज्यादा पर्यटकों ने इसी तरह का पर्यटन तरीका चुना है , ताकि वे पठार के वातावरण से और अच्छी तरह अनुकूल हो जाएं और नीचे से ऊंचे समुद्री ऊंचाइयों के भिन्न भिन्न प्राकृतिक दृश्य देखने को मिल सकें।
परिचय के अनुसार, अतीत में तिब्बत की यात्रा पर जाने के लिए पर्यटक सीधे समुद्री सतह से 3650 मीटर ऊंचे ल्हासा पहुंचते थे और प्रायः कम ओक्सिजन वाले पठारी मौसम से पीड़ित होते थे । यह स्थिति पर्यटकों के लिए तिब्बत में आने का प्रमुख बाधा बन गयी। पठारी रोग का अनुसंधान करने वाले विशेषज्ञों ने कहा कि कदम ब कदम निम्न समुद्रसतह वाले क्षेत्र से ऊंचे समुद्रसतह वाले पठार आने का पर्यटन तरीका अपने को पठारी मौसम से अनुकूल कराने में अपेक्षाकृत अच्छी भूमिका अदा कर सकता है ।
छिगहाई-तिब्बत रेल गाड़ी से तिब्बत जाना, विमान द्वारा समुद्रसतह से 1500 मीटर ऊंचे शहरों से ल्हासा जाना और मोटर गाड़ियों से तिब्बत जाना कदम ब कदम पठार की स्थिति से अनुकूल होने का अच्छा विकल्प है।
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