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(GMT+08:00) 2007-11-16 15:35:44    
चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में विशेषता वाले कृषि व चरवाही का विकास

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तिब्बत पठार की औसत ऊंचाई चार हजार मीटर है , जो बर्फीले पहाड़ों और घासमैदानों से गठित विशाल क्षेत्र है । इसी क्षेत्र में दूसरे क्षेत्रों की तरह आधुनिक कृषि का विकास करना मुश्किल है । इसलिए तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसान और चरवाहे अपनी विशेषता वाले प्रोसेसिंग और पशुपालन आदि उद्योगों का विकास करने में लगे हुए हैं ।

चवालीस वर्षीय किसान त्सीवांग तिब्बत के दक्षिण पूर्वी क्षेत्र की गूं-बू-च्यांग-डा कांऊटी के लांग-से गांव में रहते हैं । कई साल पहले सरकार की मदद में श्री त्सीवांग ने माशरूम का प्रोसेसिंग करने का काम शुरू किया । कई साल बाद उन का घर बहुत अमीर बना हुआ है ।

उन्हों ने कहा , पहले मैं और हमारा गांव बहुत गरीब था । सरकार ने एक मार्ग हमारे यहां तक प्रशस्त किया । इस के बाद मैं ने माशरूम बनाने वाला प्रोसेसिंग कारखाना खोला । मैं गांवासियों के हाथ से माशरूम खरीदता हूं , और फिर मेरे कारखाने में इन्हें प्रोसेसिंग करके बाहर तक बेचाता हूं । इसतरह मेरा परिवार और गांवासियों का सब जीवन संपन्न हो पाया है । लांग-से गांव में लोग माशरूम के सिवा दूसरे विशेषता वाले पैदावारों का उत्पादन भी करते हैं , इसतरह उन का जीवन बहुत सुधरा आया है । अब लांग-से गांव में हरेक परिवार जल, बिजली , रेडियों और टीवी आदि सब उपलब्ध है ।

इधर के वर्षों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कृषि उपज़ों के प्रोसेसिंग , सब्ज़ी उगवाई और सुरागाय आदि के उद्योगों के विकास को गति दी गयी है । तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कृषि व चरवाही ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2004 से 2006 तक तिब्बत के विभिन्न क्षेत्रों में कुल सौ से अधिक विशेष कृषि मुद्दों का विकास किया गया है । अब स्वायत्त प्रदेश में चाल लाख 30 हजार किसान और चरवाहों ने विशेष उद्योगों में काम करना शुरू किया है । स्वायत्त प्रदेश की पार्टी कमेटी के सचिव श्री चांग छींग ली ने कहा कि विशेष कृषि व चरवाही तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों व चरवाहों की आय को बढ़ाने का एक नया माध्यम है ।

उन्हों ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने में हम ने उत्पादन संरचनाओं का बदलाव करने के सिवा उन के प्रशिक्षण को भी जोर दिया है । हर वर्ष हम किसानों व चरवाहों के प्रशिक्षण में लगभग तीन करोड़ यवान की पूंजी लगाते हैं ।

आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2006 में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों व चरवाहों की औसत वार्षिक आय 2500 यवान रही , जो पांच साल पहले से सात गुणी अधिक है । स्वायत्त प्रदेश में तीन लाख किसानों और चरवाहों को साफ पेयजल की आपूर्ति और नया मकान प्राप्त हुआ । आधे किसानों व चरवाहों को भी बिजली आपूर्ति प्राप्त है ।

स्वायत्त प्रदेश में किसानों व चरवाहों के जीवन का सुधार सरकार के समर्थन का परीणाम है । स्वायत्त प्रदेश के अध्यक्ष श्री श्यांग-बा-पींग-छ्वो ने कहा कि इधर के वर्षों में केंद्र सरकार ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिए सिलसिलेवाल उदार नीतियां बनाकर भारी धनराशि भी प्रदान की है । स्वायत्त प्रदेश सरकार के सभी खर्चों का 90 प्रतिशत केंद्र से आया है । और केंद्र सरकार के समर्थन से तिब्बत के किसानों व चरवाहों को बहुत लाभ मिला है ।

उन्हों ने कहा , केंद्र सरकार की धनराशि का इस्तेमाल तिब्बत में मुख्य तौर पर मार्ग और बिजली आदि के निर्माण में किया गया है । साथ ही शिक्षा और चिकित्सा आदि भी केंद्र सरकार के समर्थन से निर्भर है । तिब्बत में निशुल्क चिकित्सा सेवा और शिक्षा कायम की जाती है , दर्जनों सालों में तिब्बती लोगों को कोई कर वसुली का बोझ नहीं रहा है । केंद्र सरकार के समर्थन से जन जीवन को बहुत सुधर गया है ।

पता चला है कि वर्ष 2006 से 2010 तक चीन सरकार तिब्बत में एक खरब यवान की पूंजी लगाकर हवाई अड्डे , पेयजल आपूर्ति , बिजली आपूर्ति आदि परियोजनाओं का निर्माण करेगी । इस के बाद तिब्बत में जन जीवन का और बहुत सुधार किया जाएगा ।