ललिताः यह एक और पत्र मैं पढ़ना चाह रही हूं जिसे भेजा है हमारे पास गांधी ग्राम राजकोट गुजरात से कलावंत सोनी, प्रवीण पुजारी, जगदीश जौहरी, पूजा पायल और प्रवीण सोनी ने।
राकेशः क्या लिखते हैं ये?
ललिताः ये लिखते हैं कि आप को हमारे परिवार की ओर से नमस्ते। हम आप के सारे कार्यक्रम सुनते हैं और आप हमारी पसंद का कोई भी गीत सुनवा दें।
राकेशः कलावंत सोनी जी और आप के परिवार के सभी सदस्यों का पत्र लिखने के लिए बहुत शुक्रिया और आप की पसंद का गीत हाजिर है। लीजिए सुनिए और आनंद उठाइए।
ललिताः यह गीत है फिल्म "पत्थर के सनम" से, मजरुह सुलतानपुरी का लिखा हुआ और लक्ष्मीकांत प्यारे लाल का संगीतबद्ध किया हुआ, मुकेश की आवाज़ में यह गीत।
राकेशः इसी गीत को सुनने की फरमाइश इन श्रोताओं ने भी की है, कस्बा शीशगढ़ मौहल्ला गौड़ी से इलियास इदरीसी, सद्दाम इदरीसी, फजील इदरीसी और नईम इदरीसी ने। तो लीजिए पेश है "पत्थर के सनम" फिल्म का यह गीत।
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