प्रिय दोस्तो , हम पहले इसी कार्यक्रम में आप के साथ चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश का दौरा कर चुके हैं , पर इस स्वायत्त प्रदेश में दर्शनीय स्थलों की संख्या अंगिनत है । आज के इस कार्यक्रम में हम आप को फिर भी इसी भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के दौरे पर ले चलते हैं । जैसा कि आप जानते हैं कि भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश में प्रसिद्ध नीला आसमान , हरे भरे विशाल घास मैदान और विशाल सुनहरा रेगिस्तान उपलब्ध हैं , साथ ही तिब्बती बौद्ध धार्मिक मंदिर यानी पुराने ऐतिहासिक क्वांग चुंग मठ भी देखने लायक है , इस मठ के बारे में हम पहले कुछ न कुछ जानकारियों से अवगत कराया है , अब आइये , इस मठ का दौरा हमारे साथ करें ।
क्वांगचुंग मठ हो लान पर्वत के पश्चिमी भाग में अवस्थित है । हरित पर्वतों से घिरा हुआ यह मठ एकदम शांत व स्वच्छ वातावरण में नजर आता है , मठ में कदम रखते ही पर्यटक ताजी ठंडी हवा महसूस कर सकते हैं ।
इस पूरे मठ में छोटे व बडे सूत्र भवन , मैत्रेय भवन , औषधी भवन समेत कुल 20 से अधिक भवन ही नहीं हैं , बल्कि बड़े भवन में बुद्ध शाक्यमुनि और लामा बौद्ध धर्म के पीला संप्रदाय के संस्थापक चुंगकपा और उन के शिष्यों की मूर्तियां रखी हुई हैं ।
क्योंकि इस मठ में छठी पीढ़ी के दलाई लामा छांगइंगचाजो के पार्थिक शरीर को रखने वाला स्तूप सुरक्षित है , इसलिये यह क्वांगचुंग मठ भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश के धार्मिक जगत में विशेष स्थान रखता है ।
छांगयांगकोजो एक धार्मिक नेता ही नहीं , एक प्रसिद्ध रोमांटिक कवि भी थे। धार्मिक बंधनों से मुक्त उन का उत्साहवर्द्धक चिंतन उनकी कविताओं में देखा जा सकता है और उन की अधिकतर कविताओं में नारी पुरुष की अमर प्रेम की कहानी का गुणगान किया गया है और हर पंक्ति व शब्द में थोड़ा बहुत दुख व परेशानी का भाव व्याप्त है ।
शनसन नामक पर्यटक दक्षिण पश्चिम चीन से आया है। उस ने प्रथम बार क्वांगचुंग मठ देखने के बाद अपना अनुभव बताते हुए कहा कि मैं ने तिब्बत के ल्हासा शहर में स्थित बड़े चुम्खांग मठ का दौरा किया था , क्योंकि छंगतु से तिब्बत जाने के लिये सुविधा उपलब्ध है । यह सौभाग्य की बात है कि आज मुझे अलाशान का क्वांगचुंग मठ देखने का मौका मिला है। शायद मैं इतिहास मेंअनुसंधान करने में लगा हुआ हूं , इसलिये मुझे मठ मंदिर संस्कृति में बड़ी रूचि है । यह क्वांगचुंग मठ इतना सुंदर है कि प्राकृतिक सौंदर्य धार्मिक संस्कृति से अत्यंत सामजंस्यपूर्ण रूप से जुड़ा हुआ है ।मैं ज्यादा से ज्यादा फोटो खींचकर अपने परिजनों व मित्रों को दिखाऊंगा ।
इधर के सालों में स्थानीय सरकार के समर्थन से क्वांगचुंग मठ के धार्मिक इतिहास व संस्कृति को अच्छा संरक्षण प्राप्त हुआ है , स्थानीय लोगों के धार्मिक विश्वास को भी सम्मान मिला है । साथ ही स्थानीय सरकार हर वर्ष इस मठ की मरम्मत व रक्षा करने में विशेष अनुदान भी देती है । स्थानीय सरकार के संबंधित विभाग ने मठ के कुछ वृद्ध लामाओं का उचित बंदोबस्त भी किया है ।
अलाशान जिले के जातीय व धार्मिक ब्यूरो के उप प्रधान श्री काउ च्येन चुंग ने हमारे संवाददाता से कहा कि स्थानीय सरकार जातीय व धार्मिक मामलों को बड़ा महत्व देती है, साथ ही तिब्बती बौद्ध धर्म के लामाओं का विशेष ख्याल भी रखती है , ताकि वे निश्चिंत रूप से जीवन बिता सके ।
अब क्वांगचुंग मठ तिब्बती बौद्ध धर्म का एक मठ ही नहीं , बल्कि भीतरी मंगोलिया स्वायत्त प्रदेश का एक प्रसिद्ध रमणीक पर्यटन स्थल भी है । इस मठ के उप संचालक सुइलाटू ने इस बात की चर्चा करते हुए कहा कि हर वर्ष लगभग एक लाख बीस हजार से डेढ़ लाख तक पर्यटक इस क्वांगचुंग मठ का दौरा करने आते हैं । उन्हों ने कहा कि हम पश्चिमी चीन की सुंदर नदियों , मठों की अलग ढंग की धार्मिक संस्कृतियों और विशेष मंगोल जातीय रंगीन परम्पराओं के सहारे देशी-विदेशी पर्यटकों को बढिया सुविधाजनक सेवाएं उपलब्ध कराएंगे ।
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