ललिताः मेरे पास यह एक पत्र है जिसे लिखा और भेजा है हमारे श्रोता श्री चुन्नीलाल कैवर्त जी ने और इन्होंने लिखा है कि ये और इन के क्लब के सभी सदस्य आप की पसंद कार्यक्रम को बड़े चाव से सुनते हैं और पसंद भी करते हैं। नौशाद साहब की पुण्यतिथि पर पेश कार्यक्रम इन्हें बहुत अच्छा लगा। उन के गीत सुनने के साथ उन के जीवन की जानकारियां भी मिलीं। इस के लिए इन्होंने हमें धन्यवाद दिया है।
राकेशः चुन्नी लाल जी और आप के क्लब के सभी सदस्यों का बहुत धन्यवाद कि आप को नौशाद साहब पर प्रस्तुत कार्यक्रम पसंद आया। हमें भी उस कार्यक्रम को बनाने के दौरान उन के बारे में रुचिकर जानकारियां मिलीं। आप सब का प्यार और प्रोत्साहन ही है जो हमें ऐसे कार्यक्रम बनाने के लिए प्रेरित करता है। आइंदा भी हमारी कोशिश रहेगी कि हम और आप सब को पसंद आने वाले कार्यक्रम बना सकें।
ललिताः ये आगे लिखते हैं कि प्रतियोगिता में सिर्फ एक विजयता को चुनने और उसे उपहार भेजने की बजाए कम से कम पांच विजयता श्रोताओं को चुनना चाहिए। और इन्होंने अपनी पसंद का गीत सुनने की फरमाइश भी की है।
राकेशः आप के इस सुझाव पर हम जरूर गौर करेंगे। लीजिए सुनिए अपनी पसंद का यह गीत।
राकेशः यह गीत था फिल्म "वक्त" से, साहिर के इस गीत को संगीत दिया था रवि ने और गाया था आशा ने। इस गीत को सुनना चाहा था हमारे इन श्रोताओं ने भी यंग स्टार रेडियो क्लब, गांव भकरोई, मथुरा, यू. पी. से श्री राजेश, किशोर कुमार, हरीश, मन्तोष, संतोष, संजय, महेंद्र, श्यामवीर और इन के साथी।
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