ललिताः यह नवंबर का महीना है न? दीवाली कब है?
राकेशः हां। दीवाली बस आजकल में ही है।
ललिताः मैं ने सुना है भारत में दीवाली का त्योहार सब से बड़ा त्योहार है।
राकेशः हां। उत्तर भारत में दीवाली उतना ही बड़ा त्योहार है जितना चीन में वसंतोत्सव। दीवाली पर लोग लक्ष्मी पूजा करते हैं, घरों की सफाई करते हैं, नए कपड़े, गहने खरीदते हैं, मिठाईयां बनाते हैं और रात को पूरा घर दीपों से सजाया जाता है और लक्ष्मी पूजा के बाद पटाखे छोड़े जाते हैं।
ललिताः फिर तो बड़ा मज़ा आता होगा।
राकेशः हां। बच्चों को बडा मज़ा आता है। वे सुबह से ही इंतज़ार करते रहते हैं कि कब रात होगी और उन्हें पटाखे छोड़ने का मौका मिलेगा। लेकिन आजकल प्रदूषण अधिक होने के कारण शहरों में लोग कम पटाखे छोड़ने लगे हैं।
ललिताः यह तो अच्छी बात है। प्रदूषण से बचने की कोशिश तो सब को करनी चाहिए। आएं अपने श्रोताओं को कार्यक्रम का अगला गीत सुनाएं।
राकेशः यह गीत था फिल्म "हमसाया" से, एस. एच. बिहारी का लिखा हुआ और ओ. पी. नैय्यर का संगीतबद्ध किया हुआ और इसे सुनने की फरमाइश की थी हमारे इन श्रोताओं ने इस्लामनगर बदायूं उत्तर प्रदेश से रतनदीप आर्य, बिपिन गुप्ता, राघव आर्य, कपिल गुप्ता, अमित गुप्ता और जी. बी. धाकड़।
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