चीनी राजकीय समाचार एजेंसी सिनह्वा ने 13 तारीख को अपने के एक लेख में कहा कि वैज्ञानिक विकास की अवधारणा की बुनियादी मांग बहिर्मुखी,सामंजस्यपूर्ण और अनवरत विकास है।
लेख में कहा गया है कि वैज्ञानिक विकास की अवधारणा द्वारा विकास के जिस ढंग का प्रवर्तन किया गया है,वह इसलिए वैज्ञानिक है क्योंकि वह बहिर्मुखी,सामंजस्यपूर्ण और अनवरत विकास है अथार्त अच्छा व तेज विकास है न कि आंशिक तौर पर व भारी कीमत पर या कहे कि संसाधनों की कीमत पर विकास है।
लेख के अनुसार वैज्ञानिक विकास की अवधारणा चतुर्मुखी विकास पर जोर देती है।इस का मतलब है कि चीनी विशेषतावाले समाजवादी कार्य की आम स्थिति के अनुसार आर्थिक निर्माण को केंद्र बनाकर चीनी विशेषतावाले समाजवाद के अर्थतंत्र,राजनीति व संस्कृति के निर्माण को पूरा बढावा दिया जाना चाहिए।सामंजस्यपूर्ण विकास का अर्थ है कि शहरों और गांवों के विकास को,विभिन्न क्षेत्रों के विकास को,आर्थिक व सामाजिक विकास को और मानव व प्रकृति के विकास को साथ-साथ किया जाना चाहिए।इस तरह के विकास में घरेलू प्रगति व विदेशों के लिए खुलेपन के कार्य को भी साथ-साथ ध्यान में रखना भी शामिल है।
सि्ह्वा समाचर एजेंसी के इस लेख में यह भी कहा गया है कि वैज्ञानिक विकास की अवधारणा के तहत अनवरत विकास का अर्थ है कि उत्पादन के विकास,जीवन की खुशहाली और पारिस्थितिकी की बेहतरी जैसे सभ्यतापूर्ण रास्ते पर कायम रहते हुए संसाधनों की किफायत वाले और मैत्रीपूर्ण वातावरण वाले समाज का निर्माण किया जाना चाहिए,ताकि जनता खुशहाल वातावरण में रह सके और अर्थतंक्ष व समान का स्थाई तौर पर सतत विकास हो सके।
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