jiचीन में 'ब्लू-कालर' स्वप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हुए लोगों की रोजगार की औसतम दर है 95.6 प्रतिशत लेकिन अत्याधिक महत्तवाकांक्षाओं के कारण कई लोगों को अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ता है। चीन के केंद्रिय शिक्षा मंत्रालय केएक उच्चाधिकारी ने ये जानकारी दी।
शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार चीन में फिलहाल तीस लाख 64 हजार लोग हैं जो स्वप्रेरणा श्कूलों से स्नातक हुए हैं और इन में तीस लाख 48 हजार मिलियन को रोजगार प्राप्त हुई हैं।
शिक्षा मंत्रालय के स्वप्रेरणा शिक्षा विभाग के उपाध्यक्ष वांग ची फिंग के अनुसार, सन् उन्नीस सौ निन्यनवे से आम तौर पर स्पप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हुए लोगों की रोजगार दर आम तौर पर काफी ऊँची रही है लेकिन सन् दो हाजर दो से हर एक वर्ष रोजगार दर नम्वे प्रतिशत से भी ऊपर रही है।
लेकिन साथ ही में वांग ची फिंग का कहना यह है की इन आंकड़ों से हमें सिर्फ यह पता लगता हैं की स्पप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हुए छात्रों को रोजगार प्राप्त करने में कोई आपत्ति नहीं होती है लेकिन ये आंकड़ें हमें वर्तमान और भविष्य के लिए आशावादी नहीं बना सकतीं।
वांग के अनुसार स्पप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हुए छात्रों को रोजगार तो मिल ही जाती है पर अत्याधिक मासिक वेतनों की आशाओं के कारण और कभी कभी खराब प्रदर्शन के कारण से अपने रोजगार से हाथ धोना पड़ता है।
वांग का कहना है की स्पप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हुए छात्रों को निर्देशन की जरुरत है ताकि वे अपने हासिल तालिम और हुनर के अनुसार रोजगार प्राप्त करें और वेतनों की मांग विवेक से करें ताकि वे अपने रोजगार से हाथ न धो बैठे।
सरकार जल्द ही एक राष्ट्रीय जानकारी तल स्थापित करने वाली है जिसके तहत बाजार में 'ब्लू-कालर' रोजगार की मांग सही तरीके से पता लगाया जा सके।
वांग ने आगे ये भी कहा की ऊँचे दर्जे के हुनर वाले कर्मचारीयों की बढ़ती मांग की वजह से स्पप्रेरणा स्कूलों को काफी बड़ा प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है। बदलते बाजार और उसके हालात में तफ्दीलियों को नजर में रखते हुए स्पप्रेरणा स्कूलों में ऐसे शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग स्पप्रेरणा स्कूलों से स्नातक हो और बाजार में रोजगार पायें।
दोस्तो, एक अन्य रिपोर्ट देखिये।
एक बहुत बड़ी व्यापार बचत चीन की विकास के लिए अच्छी नहीं है। लेकिन एक्सचेंज दर इस के लिए केवल एक मात्र कारण नहीं है।
वु षिआओलिंग, जो एक चीन के केंद्रिय बैंक के उप गवर्नर है ने कहा की चीन को इस समस्या का समाधान करने के लिए घरेलू मांग को और चीनी कंपनियों को विदेशों में पूंजिनिवेश में बढ़ावा करने में जोर देना चाहिए। भारत की यात्रा में आये वु ने मुम्बई में एक विचारघोष्ठी में भाग लेते हुए पत्रकारों से बातचीत करते हुए ये विचार प्रकट किये।
वु ने ये विचार अमेरिका के द्वारा चीन से निर्यात ग्लोसरी कागज के ऊपर एंटी-सब्सिडी ड्यूटी लगाने की फैसले के बाद प्रकट किये। अमेरिका ने चीन पर अनुचित व्यापार व्यवहार के आरोप लगाए।
अमेरिका ने पिछले वर्ष चीन के साथ द्विपक्षिय व्यापार में 233 बिलियन डालर की व्यापार में घाटा बतायी।
लेकिन विशेषज्ञों का यह मानना है की अमेरिका के इस कदम से चीन के नीतियों में कोई खास बदलाव नहीं होने वाला है।
चीन की व्यापार बचत इस वर्ष की फरवरी माह में 12-महीने के रोलिंग आधार पर 205.2 बिलियन बताया गया है। चीन ने हाल में इस बात की दावा की है की चीनी युआन को एक हद तक अंतर्राष्ट्रिय मुद्रा बाजार में हो रही तफ्दीलियों के हिसाब से उस में बदलाव आने दिया गया है। इस फेसले के वजह से चीनी युआन में पाच प्रति शत की बढ़ोत्तरी हुई है।
इसके बाद भी अमेरिका के कानूनाधिकारी, उत्पादक का यह मानना है की चीन की युआन की कीमत जबरदस्ती कम रखी गयी है जिससे चीन को काफी अनुचित फायदे होते हैं।
वु षिआओलिंग ने कहा की पिछले कुछ माहों में चीनी युआन के एक्सचेंज दर को और अधिक लचीला बनाया गया है।
चीनी युआन को व्यापार और पूंजिनिवेश के लिए परिवर्तित किया जा सकता है लेकिन साथ ही में वाणिज्यिक कारणों के लिए युआन का परिवर्तन करना सख्त मना है।
अंतर्राज्यिय व्यापार के ऊपर लगाये गये कैपिटल लेनदेन में से पाबंधियों को एक एक करके हटाया जायेगा। संपूर्ण केपिटल परिवर्तन चीनी सरकार की लंबे समय से एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य रहा है।
वु षिआओलिंग ने कहा की चीनी सरकार व्यापार बचत के कारण से हुए भुगतान में हुए राशि के बचत को लेकर अत्याधिक परेशान नहीं है और इस समस्या की समाधान के लिए उसने काफी आर्थिक और वाणिज्यिक कदम उठाये हैं। इन रचनात्मक कदमों के होते हुए भी चीन को अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए अनेक नये कदम उठाने पड़ेंगे।
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