
इन दुर्लभ पक्षियों की रक्षा के लिये चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र ने न सिर्फ जंगली लाल क्रौनेड क्रानेस के संरक्षण में सिलसिलेवार कारगर कदम उठाए हैं , बल्कि उन्हें अंडे सेने देने में मानवकृत तरीका अपनाने में भी सफलता हासिल की है । अब चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र लाल क्रौनेड क्रानेस का मानवकृत रूप से पालन करने का चीन का सब से बड़ा अड्डा बन गया है। यह प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र 1979 से अब तक मानवकृत रूप से कुल 640 से अधिक लाल क्रौनेड क्रानेस सेने देने में सफल हुआ है। इस तरह पैदा हुए नन्हें लाल क्रौने़ड क्रानेस परिपक्व होने के बाद सहज रूप से जंगली लाल क्रौनेड क्रानेस के झुंडों से जा मिले हैं । इस तरह से पैदा हुए अभी-अभी चालीस से अधिक नन्हें क्रौने़ड क्रानेस बहुत प्यारे लगते हैं और वे पालकों की सूक्ष्म देखरेख में पल रहे हैं ।
प्रिय मित्रो , जैसे हम जानते हैं चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित पर्यटन स्थल जंगली लाल क्रौनेड क्रानेट की जन्मभूमि के नाम से विख्यात है और यहां का रखरखाव बड़े ढंग से बनाये रखे हुआ है , तो इस की देन स्थानीय सरकार को जाती है । यहां के पारिस्थिकी पर्यावरण के संरक्षण के लिये स्थानीय सरकार ने पर्यटन स्थल को दलदली भूमि के बाहर रखा है और पर्यटकों को दलदली भूमि में प्रवेश करना मना है । पर्यटक एक तीस मीटर ऊंचे मंच पर खड़े होकर दूर से विशाल दलदल व लाल क्रौनेड क्रानेस देख सकते हैं ।
इन दुर्लभ पक्षियों की रक्षा के लिये चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र ने न सिर्फ जंगली लाल क्रौनेड क्रानेस के संरक्षण में सिलसिलेवार कारगर कदम उठाए हैं , बल्कि उन्हें अंडे सेने देने में मानवकृत तरीका अपनाने में भी सफलता हासिल की है । अब चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र लाल क्रौनेड क्रानेस का मानवकृत रूप से पालन करने का चीन का सब से बड़ा अड्डा बन गया है। यह प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र 1979 से अब तक मानवकृत रूप से कुल 640 से अधिक लाल क्रौनेड क्रानेस सेने देने में सफल हुआ है। इस तरह पैदा हुए नन्हें लाल क्रौने़ड क्रानेस परिपक्व होने के बाद सहज रूप से जंगली लाल क्रौनेड क्रानेस के झुंडों से जा मिले हैं । इस तरह से पैदा हुए अभी-अभी चालीस से अधिक नन्हें क्रौने़ड क्रानेस बहुत प्यारे लगते हैं और वे पालकों की सूक्ष्म देखरेख में पल रहे हैं । इस प्रकृति परिरक्षित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी श्री वांग खुन ने इस का परिचय देते हुए कहा
नन्हें लाल क्रौनेड क्रानेस के मां-बाप साल में केवल दो बार अंडे देते हैं , वर्ष के अक्तूबर के अंत से नवम्बर के शुरू तक वे अपने बच्चे को दक्षिण भाग में ले जाते हैं। दूसरे वर्ष के वसंत में वे फिर उसे वापस यहां ले आते हैं , ताकि अपना बच्चा बड़ा हो कर नए बच्चों को जन्म देने में समर्थ हो सके । लाल क्रौनेड क्रानेस बहुत मजेदार हैं , यदि एक बार उस के घौंसले से एक अंडा बाहर रखा जाता है , तो वह तुरंत ही और एक अंडा दे सकता है , यदि आप दो अंडों को घौंसले के बाहर निकालते हैं , तो वह फिर यहां कभी वापस नहीं लौटता है , क्योंकि वह यहां असुरक्षित महसूस करता है । इसलिये लाल क्रौने़ड क्रानेस को पर्यावरण निर्देशक पक्षी की संज्ञा दी गयी है , क्योंकि वे जहां रहना पसंद करते हैं , वहां का पर्यावरण सब से बढ़िया होता है । अतः इस परिरक्षित प्रकृति क्षेत्र में कार्यरत पालक मानवकृत रूप से नन्हें लाल क्रौनेड क्रानेस को सेने देने के लिये एक घोंसले में केवल एक अंडा बाहर निकालते हैं ।
पर्यटकों को नजदीकी से लाल क्रौनेड क्रानेसों को देखने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये कर्मचारी एक निश्चित विशेष दलदल भूमि में नियमित समय पर प्यारे नन्हें लाल क्रौनेड क्रानेसों को उड़ाते हैं और स्वतंत्र रूप से उड़ने देते हैं । यहां के पालक श्वी च्येन फुंग ने इस पक्षी का परिचय देते हुए कहा कि मानवकृत रूप से पोषित लाल क्रौनेड क्रानेस अत्यंत कोमल हैं और आदमी से भी नहीं डरते हैं , अब उन्हों ने पालकों के साथ मैत्रीपूर्ण भावना कायम कर ली है । हमारे संवाददाता ने उन से इन पक्षियों को पालने में उन्हें क्या अनुभव हुए ,यह जानना चाहा , तो उन्हों ने तुरंत ही उत्तर दिया बहुत अच्छा लगता है , खासकर जब वे मेरे सामने चहचहाने और नाचने लगते हैं , तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहता । जब सुबह मैं उन्हें खिलाता हूं या कई दिनों बाद उन्हें पिंजरे से निकाल कर एक चक्कर उडने देता हूं , तो वे प्रसन्न होकर मेरे पैर के पास चहचहाते हुए नाचने लगते हैं , यह देखकर बड़ा आनन्द मिलता है ।
चा लुंग प्रकृति परिरक्षित क्षेत्र में हर वर्ष बड़ी तादाद में पर्यटक इन पक्षियों को देखने के लिये आते हैं और वे मानव जाति व प्रकृति के बीच बरकरार सामंजस्यपूर्ण सौंदर्य देखकर चमत्कृत रह जाते हैं ।
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