हान हुंग चीन की उन गायक गायिकाओं में से एक है जो गायक गायिका होने के साथ-साथ गीतकार भी हैं। उस की आवाज बहुत ऊंची किंतु मधुर है और उस के विशेष निजी शैली वाले गीत लोगों को बहुत पसंद हैं।
हान हुंग का जन्म तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में छांग दु में हुआ था। उस की मां भी तिब्बत जाति की एक प्रसिद्ध गायिका हैं। घर में संगीत का माहौल मिलने के कारण हान हुंग के बचपन से ही संगीत में रुचि पैदा हो गई। 14 साल की उम्र में हान हुंग को राष्ट्रीय बाल गीत-संगीत प्रतियोगिता में अच्छा स्थान प्राप्त हुआ। इस के बाद हान हुंग ने संगीत विद्यालय में दाखिला ले कर संगीत की विधिवत शिक्षा हासिल की।
इस के बाद हान हुंग ने गीत लिखना और उसे संगीत बद्ध करके गाने का अभ्यास भी शुरू किया। वर्ष 1995 में जब वह अभी छात्रा ही थी, सी सी टी वी द्वारा आयोजित गीत-संगीत की एक प्रतियोगिता में उस ने तिब्बत शैली में "हिमालय"शीर्षक गीत प्रस्तुत किया और उसे तीसरा पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस गीत के जरिए हान हुंग की पहचान बननी शुरु हुई। इस के बाद हान हुंग "जन्मभूमि","हवा और बारिश में सुंदर"आदि गीत लेकर सामने आई, जिन्हें लोगों ने बहुत पसंद किया।
गीत 1 हिमालय
दोस्तो, कृपया सुनिए हान हुंग द्वारा गाया गया एक गीत, जिसका शीर्षक है—हिमालय। इस गीत में तिब्बत जाति की अपनी जन्मभूमि के प्रति प्रेम की भावना की अभिव्यक्ति हुई है। इस के बोल बहुत सरल और संगीत की लय बड़ी मधुर है।
गीत के बोल हैं—मैं हिमालय से आई हूं, पोटाला महल को हिमालय ने अपनी गोद में जगह दी है। घी युक्त खाना खा-खा कर मैं बड़ी हुई हूं। यालूजांगबू नदी के पानी में मैं अपने बाल धोती हूं, मेरे संबंधियों ने 'हाता' देकर मेरा सम्मान करते हुए मुझे कहा कि कभी भी अपनी जड़ें, अपना घर न भूलना। अपने सपने पूरे करने के लिए हालांकि मैं बाहर निकल रही हूं किंतु अपने घर हिमालय में मैं जरूर वापिस लौटूंगी।
हान हुंग की आवाज बहुत ऊंची, गूंज भरी किंतु हवा की तरह हल्की है। उस की गायन शैली चीनी गायक-गायिकाओं में बहुत विशिष्ट और अलग है। वर्ष 1998 में जारी की गई अपनी पहली एल्बम से पहले हान हुंग ने अनेक प्रसिद्ध गायक-गायिकाओं के लिए गीत लिखे हैं। और गीत रचना के लिए अनेक परस्कार भी जीते हैं। हान हुंग के गीतों में अल्पसंख्यक जाति और आधुनिक फैशनेबल संगीत का मिश्रण हुआ है।
गीत 2 जन्मभूमि
दोस्तो, अब सुनिए हान हुंग का खुद का लिखा हुआ और संगीत बद्ध किया गया गीत, जिसका शीर्षक है—जन्मभूमि। हान हुंग के मन में उस की जन्मभूमि तिब्बत बहुत गहरे तक बसा हुआ है। उसे तिब्बत का घी, सफेद शराब और वहां खेले जाने वाले खेल बहुत पसंद हैं। उसने कहा कि वह अपनी जन्मभूमि के लिए ही गीत गाती है।
हान हुंग बहुत सुंदर नहीं है, थोड़ी सी मोटी हैं। लेकिन लोगों में वह अपने गीत संगीत के कारण बहुत लोकप्रिय हैं। हान हुंग ने कहा कि जब मैं एक गीतकार संगीतकार बनने के लिए संघर्ष कर रही थी, उस समय जिन लोगों ने मुझे सहायता दी, मुझे कदम-कदम पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया, मैं उन सब को धन्यवाद देना चाहती हूं।
हान हुंग का तिब्बती नाम 'क सांग चुओ मा' है। तिब्बती भाषा में 'क सांग' का अर्थ है सुंदर फूल और 'चुओ मा' का अर्थ है लड़की। हान हुंग कई वर्षों से तिब्बत से बाहर है किंतु उस के गीतों में तिब्बत के प्रति उस के प्रेम को देखा जा सकता है।
गीत 3 छिंगहाई तिब्बत पठार
दोस्तो, अब सुनिए हान हुंग द्वारा गाया गया यह गीत, जिसका शीर्षक है—छिंगहाई तिब्बत पठार। यह हान हुंग के प्रतिनिधि गीतों में से एक है। अपने दसेक साल के गीतकार और गायिका के जीवन में ही हान हुंग ने न केवल अपार लोकप्रियता हासिल की है बल्कि चीन की सबसे अच्छी गायिका की पदवी भी हासिल की है।
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