• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International Wednesday   Apr 2th   2025  
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-11-05 09:27:56    
लो शीबाई---परंपरागत चीनी चित्रकला के विशेषज्ञ

cri

मित्रो,लो शी-बाई ने पिछली शताब्दी के 40 वाले दशक में पेइचिंग स्थित फूरन विश्वविद्यालय के ललितकला विभाग में पश्चिम की परंपरागत चित्रकला की शिक्षा ली।उन्हों ने पश्चिमी चित्र बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों को चीनी चित्र बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले रंगों में मिलाकर परंपरागत चीनी चित्र बनाए हैं। इस तरह रंगों के आधार पर बने चीनी चित्रों का दृश्य ज्यादा प्रकाश का एहसास कराता है। यह सृजन चीनी चित्रकला-जगत में अपूर्व है। लो शी-बाई द्वारा बनाए गए तरह-तरह की बत्तखों के चित्र बहुत लोकप्रिय हैं। उन के चित्रों में बत्तख बहुत प्यारे और चंचल हैं और कभी-कभी शैतानी मुद्रा में भी हैं। चित्रों में उन के द्वारा बनाई गई बत्तखें,छी बाई-शी द्वारा बनाए गए झींगे,प्रसिद्ध चित्रकार श्वी बे-हुंग द्वारा बनाए गए घोड़े और अन्य एक विख्यात चित्रकार ली ख-रान द्वारा बनाए गए बैल परंपरागत चीनी चित्रकला-जगत के चार बराबर के कीर्तिमान माने गए हैं। पेइचिंग के चित्रकला प्रतिष्ठान के प्रोफेसर श्री यू वन-चो यह कहकर लो शी-बाई की तारीफ कीः

"लो शी-बाई ने चित्रकला में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्हों ने अपने गुरू छी बाई-शी का कलात्मक सार ग्रहण किया है और अपनी श्रेष्ठ पहचान भी स्थापित की है। छी बाई-शी ने कभी भी बत्तख का चित्र नहीं बनाया ।जब कि लो शी-बाई ने बत्तख के चित्र बनाने में अपनी विशेषता कायम की है। करीब 30 साल पहले चीनी ललितकला भवन में उन के चित्रों की पहली प्रदर्शनी आयोजित की गई थी।उस समय चीन का परंपरागत चित्रकला जगत उन चित्रों में बनी बत्तखों से आश्चर्यचकित हो गया था।मीडिया ने भी इस प्रदर्शनी पर विस्तृत रिपार्टें दीं थीं और कहा कि बत्तखों की आकृतियों वाले चित्र बनाने में लो शी-बाई ने नया सृजन किया है।"

उम्र बड़ी होने के बावजूद लो शी-बाई चित्र बनाने में कुछ नया करने की कोशिश कर रहे हैं।चाहे चित्र का विषय हो,या चित्र बनाने का तरीका या रंगों का प्रयोग ,उन सब में वह वह कुछ नया करना चाहते हैं।लो शी-बाई का बेटा लो शु-त्से कनाडा में परंपरागत चीनी चित्रकला का पाठ्यक्रम चला रहा है।उस ने पिता जी के बारे में कहाः

"मेरे पिता जी हर साल एक अवधि तक मेरे साथ रहने आते हैं।यहां उन के कुछ मित्र हैं और कुछ छात्र भी।कला की सर्वोच्च चोटी पर पहुंचना उन की अथक कोशिश रही है।यहां मैं ने उन्हें साथ लेकर विदेशी मित्रों,चित्रकारों और अन्य कलाकारों के आयोजनों में भाग लिया है और तरह-तरह की कलात्मक प्रदर्शनियां देखी हैं।उन्हों ने बहुत शांत और खुले मन से तरह-तरह के आधुनिक फैशन स्वीकार किए हैं,बल्कि उन के हितकारी तत्व भी अपने सृजन में इस्तेमाल किए हैं। "

कुछ समय पहले चीनी ललितकला भवन में आयोजित लो शी-बाई की व्यक्तिगत चित्र-प्रदर्शनी में 150 से अधित चित्र प्रदर्शित किए गए थे।इन चित्रों में बड़े आकार वाली कृतियां कम नहीं है,जिन में से सामंजस्यपूर्ण विश्व विषयक एक बहुत बड़ा चित्र विशेष रूप से वर्ष 2008 में पेइचिंग ऑलंम्पियाड के आयोजन के लिए बनाया गया है।वह चंदे के रूप में पेइचिंग ऑलम्पिक समिति को दिया जाएगा।यह चित्र बनाने में श्री लो शी-बाई ने 3 महीनों का समय लगाया है।उन का कहना हैः

"चित्र बनाने में अर्जित जीवन संबंधी समृद्ध अनुभव होना और किसी विशेष हालत से बेहद प्रभावित होने के कारण उत्तेजना पैदा होना जरूरी है।इस के तहत ही चित्र का विषय तय किया जा सकता है और आगे चलकर सृजन किया जा सकता है।सामंजस्यपूर्ण विश्व विषयक चित्र बनाने में इसलिए तीन महीनों का समय लगा है,च्योंकि मुझे संबद्ध सामग्रियां देखने और विभिन्न संबंधित आयोजनों में हिस्सा लेने से अपने को प्रभावित होने की स्थिति में बनाए रखने की जरूरत है।पेइचिंग ऑलम्पियाड के लिए मैं ने कई चित्र बनाए हैं,लेकिन गुणवत्ता की दृष्टि से अंत में मैं ने केवल एक चुना है।"

सन् 1989 में चीन में लो शी-बाई की चित्रकला अनुसंधान सोसाइटी स्थापित की गई,जिस का लक्ष्य लो शी-बाई और उन के गुरू छी बाई-शी की कलात्मक उपलब्धियों को विरासत में लेना है।आज भी लो शी-बाई चित्र बनाने में लगे हुए हैं।विश्वास है कि उन की नयी कृतियां नयी धूम मचाएंगी।

Post Your Comments

Your Name:

E-mail:

Comments:

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040