प्रिय चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र विश्व की प्रमुख दलदली भूमियों में से एक है । उस का क्षेत्रफल कोई दो लाख दस हजार हैक्टर बड़ा है । इस प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र की दलदली भूमि पर अपार घने चीड़ उगे हुए हैं और झींगा व मछलियां खूब होती हैं , अतः यह सुंदर प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र पक्षियों की वंशवृद्धि करने का स्वर्ग माना जाता है । चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी श्री वांग खून ने इस का परिचय देते हुए कहा चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र इसलिये विश्वविख्यात है कि सर्वप्रथम वह चीन का ही नहीं , एशिया का सब से विशाल दलदल वाला क्षेत्र है और वह विश्व में चौथे स्थान पर आता है । दूसरा कारण है कि इस दलदली भूमि की भू-सूरत अत्यंत आदिम और पुरातन है , और तो और इस क्षेत्र को जरा सा भी मानवीकृत नुकसान नहीं पहुंचा है । दोस्तो , आज के इस कार्यक्रम में हम आप के साथ लाल क्रौनेड क्रानेस देखने के लिये विश्वविख्यात चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र जा रहे हैं । यह प्रसिद्ध चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र उत्तर पूर्व चीन के हेलुंगच्यांग प्रांत में स्थित है । यह प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र हरे-भरे घास के मैदान व घने छायादार पेड़ों से घिरा हुआ है । छोटी-बड़ी झीलें व विशाल दलदली भूमि वाला यह प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र जंगली जलीय पक्षियों और लाल क्रौनेड क्रानेस की जन्मभूमि के नाम से जाना जाता है । आइये , अब हम साथ मिलकर लाल क्रौनेड क्रानेस देखने इस खूबसूरत चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र चलें।
चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र विश्व की प्रमुख दलदली भूमियों में से एक है । उस का क्षेत्रफल कोई दो लाख दस हजार हैक्टर बड़ा है । इस प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र की दलदली भूमि पर अपार घने चीड़ उगे हुए हैं और झींगा व मछलियां खूब होती हैं , अतः यह सुंदर प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र पक्षियों की वंशवृद्धि करने का स्वर्ग माना जाता है । चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी श्री वांग खून ने इस का परिचय देते हुए कहा चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र इसलिये विश्वविख्यात है कि सर्वप्रथम वह चीन का ही नहीं , एशिया का सब से विशाल दलदल वाला क्षेत्र है और वह विश्व में चौथे स्थान पर आता है । दूसरा कारण है कि इस दलदली भूमि की भू-सूरत अत्यंत आदिम और पुरातन है , और तो और इस क्षेत्र को जरा सा भी मानवीकृत नुकसान नहीं पहुंचा है । साथ ही इधर के सालों में दलदली भूमि के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरूकता आई है , इसलिये अब इस चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र का रखरखाव बड़े ढंग से किया जा रहा है ।
चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र लाल क्रौनेड क्रानेस के रहने के प्रमुख स्थलों में से एक है और वह क्रौनेड क्रानेस की जन्मभूमि भी जाना जाता है । हमारी गाईड सुश्री ल्यू ना ने इस तरह बताते हुए कहा कि स्थानीय लोगों के बीच प्रचलित एक किम्वदंती चा लुंग दलदली भूमि के उद्गम और लाल क्रौनेड क्रानेस से घनिष्ट रूप से जुड़ी हुई है ।
कहा जाता है कि हेलुंग नदी में रहने वाले एक काले ड्रैगन ने एक बदमाश सफेद ड्रैगन के साथ किसी कारण से हुए झगड़े में लगातार 49 दिन की भीषण लड़ाई लडने के बाद आखिरकार बदमाश सफेद ड्रैगन को पराजित कर दिया , पर वह खुद भी गम्भीर रुप से घायल हो गया और हेलुंग नदी में वापस जाने में असमर्थ हो कर आकाश में उड़ते-उड़ते एकदम जमीन पर जा गिरा। यह स्थिति देखकर लाल क्रौनेड क्रानेस उसे बचाने के लिये बारंबार इतना ज्यादा पानी लाते रहे कि यह पूरा क्षेत्र दलदल में बदल गया ।
खैर , वह किम्वदंती है । पर असल में इस चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र का पानी बहुत साफ-सुथरा है। यहां पर लाल क्रौनेड क्रानेस मुख्य रूप से मछलियां , झींगा , सीप और वनस्पति की जड़े खाते हैं । चा लुंग प्राकृतिक परिरक्षित क्षेत्र में उगे रीड एक से तीन मीटर ऊंचे हैं और मानव जाति के लिये अंदर जाना असम्भव है। इस से यहां रहने वाले दुर्लभ पक्षियों के अस्तित्व व वंशवृद्धि करने के लिये अनुकूल स्थिति तैयार हो गयी है । हर वर्ष के मार्च में जब सुहावने मौसम में रंगबिरंगे सुंदर फूल खिलते हैं , तो झुंड के झुंड लाल क्रौनेड क्रोनेस दक्षिण से उड़कर यहां आते हैं , फिर यहां पर अंडे देने के लिये अपना घौंसला बनाते हैं ।
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