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राकेशः आज हमारे पास बहुत पत्र हैं और मैं चाहता हूं कि अधिक से अधिक पत्रों को कार्यक्रम में शामिल करें।
ललिताः हां यह तो अच्छी बात है, आप पढ़ना शुरू करें।
राकेशः यह पहला पत्र है धर्मशाला, कांगड़ा हिमाचल प्रदेश से और इसे लिखा है रमेश शर्मा, राम किशोर शर्मा, पवन, रोशनी और कमला ने। ये लिखते हैं कि इन्हें हमारे सारे कार्यक्रम बहुत पसंद आते हैं, और विशेष रूप से आप की पसंद कार्यक्रम इन्हें बहुत पसंद है। ये आगे लिखते है कि आप का यह कार्यक्रम दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होता जा रहा है। और ये चाहते हैं कि यह कार्यक्रम ऐसे ही जारी रहना चाहिए।
ललिताः रमेश शर्मा, राम किशोर शर्मा, पवन, रोशनी और कमला जी हमें पत्र लिखने और हमारे कार्यक्रम को पसंद करने के लिए शुक्रिया। आप की हौसला अफजाई से हमें सचमुच बहुत खुशी होती है।
राकेशः इन्होंने "चाइना टाऊन" फिल्म का गीत सुनने की फरमाइश भी की है।
ललिताः तो आइए हम इन्हें इन की पसंद का गीत सुनाते हैं।
राकेशः गीत सुनाने से पहले मेरे हाथों में जो ये पत्र है, मैं जल्दी से इसे पढ़ दूं। यह पत्र लिखा है धर्मपाल रत्न जी ने, रोहतक हरियाणा से।
ललिताः क्या लिखते हैं धर्मपाल जी?
राकेशः इन्होंने लिखा है श्रीमान जी सादर प्रणाम, मुझे आप का कार्यक्रम बहुत ही पसंद है और मैं इसे नियमित रूप से सुनता हूं। लेकिन पत्र पहली बार लिख रहा हूं। मुझे आशा है मेरा पत्र कार्यक्रम में जरूर शामिल किया जाएगा।
ललिताः धर्मपाल जी, हमारी ओर से भी आप को प्रणाम। पत्र लिखने और हमारा कार्यक्रम पसंद करने के लिए आप का धन्यवाद।
राकेशः ये कहते हैं कि आप अपनी पसंद का कोई भी गीत सुना दें और इन्होंने अपने मित्रों के नाम भी लिखे हैं युगल किशोर, विनोद शर्मा और विजय शर्मा। ये भी हमारी पसंद का कोई भी गीत सुनने की इच्छा रखते हैं।
ललिताः तो आइए इन के साथ हम भी सुनते हैं "चाइना टाऊन" फिल्म का यह गीत, जिसे गाया है रफी और आशा ने, और लिखा है मजरुह सुलतानपुरी ने।
राकेशः इन श्रोताओं ने भी यह गीत सुनना चाहा था गांधी चौक रोपड़ पंजाब से मीका विरक, गुलजारी लाल, विनोद पुरी और हरदेव मीका ने।
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