उत्तर प्रदेश के आबिद अली देशप्रेमी ने अपने पत्र में कहा कि आप के द्वारा प्रेषित श्रोता वाटिका के अंक , जवाबी लिफाफा और नव वर्ष के बधाई कार्ड मिले , समस्त सामग्री पा कर क्लब के सभी सदस्य हर्षित हो उठे , जिस तरह से सी. आर .आई के सभी कार्यक्रम सुन कर हम आनंदित एवं हर्षित हो उठते हैं , ठीक उसी तरह ही श्रोता वाटिका पढ़ कर हम हर्षित हो उठते हैं । क्योंकि वाटिका में प्रकाशित शाओ थांग , चंद्रिमा व वेतुंग के विचार और चीन भारत मैत्री के विषय में जानकारी हमें बहुत पसंद आयी , हमें सब का दुख है कि आप ने हमारी रचनाओं व फोटो को वाटिका में शामिल नहीं किया है , कृपया उन्हें श्रोता वाटिका में स्थान दें ।
देशप्रेमी का मनोभाव हम अच्छी तरह समझते हैं , बहुत से श्रोता मित्र चाहते हैं कि उन की रचनाएं और फोटो श्रोता वाटिका में छप जाएं , लेकिन श्रोता वाटिका के पन्ने सीमित हैं , इसलिए श्रोताओं की रचनाएं और फोटो महज बारी बारी से शामिल किये जा सकते हैं , दूसरी बात यह है कि कुछ रचनाएं और फोटो की क्वालिटी छपने के लिए काबिला नहीं है । हम समझते हैं कि हमारे श्रोता मित्र साफ और अच्छी क्वालिटी वाले फोटो और छोटी व सार्थक रचना भेजें, तो श्रोता वाटिका में प्रकाशित होने के ज्यादा मौका मिलेगा । फिर भी हम वाटिका के लिए पत्र लिखे और फोटो भेजे सभी श्रोताओं के आभारी हैं , उन की मदद के बिना श्रोता वाटिका अब जैसा लोकप्रिय नहीं हो सकता । हम आगे भी विभिन्न श्रोताओं का निरंतर समर्थन पाना चाहते हैं ।
औरेया उत्तर प्रदेश के अस्लाम खान ने हमें पत्र भेज कर कहा कि आज का तिब्बत सुना , जिस में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की 40 वीं वर्षगांठ मनायी गई । कार्यक्रम अधिकतर सामाजिक व्यवस्था पर आधारित था । तिब्बत में महिलाओं का स्थान ऊंचा है , सुन कर बड़ी खुशी हुई , लेकिन स्थान ऊंचा होने भर से कुछ नहीं होता है , जब तक महिलाओं को अधिक से अधिक कानूनी अधिकार न दिया जाए , तब तक कुछ नहीं हो सकता है । जैसे कि संपत्ति में बराबर का अधिकार। आप ने कार्यक्रम में महिलाओँ की संख्या 13 लाख और प्रतिशत पचास बताया है , यह भी बताया है कि समान काम के लिए समान वेतन दिया जाता है । आप ने सिर्फ महिलाओं के अच्छे पहलु की जानकारी दी है , आप को यह भी बताना चाहिए कि तिब्बत में महिलाओं के साथ हिंसा का क्या प्रतिशत है , घरेलू हिंसा ,दहेज समस्या , तलाक और बलात्कार जैसी घटनाएं कितनी हैं । कृपया कार्यक्रम में दोनों पहलुओं पर नजर डालने की कोशिश करें ।
अस्लाम खान भाई ने अपने इस पत्र में तिब्बती महिलाओं के बारे में विभिन्न पहलुओं की जानकारी पाने की इच्छा व्यक्त की है । वास्तव में आप एक अलग विषय वाली रिपोर्ट चाहते हैं , जिस का विषय आप की चर्चित रिपोर्ट में नहीं आ सका । हां , आप ने ठीक कहा कि चीन के विभिन्न स्थानों में भारी सामाजिक प्रगति होने के बाद भी कुछ न कुछ सामाजिक विषमताएं मौजूद हैं , जिसे दूर करने पर महत्व दिया जाना चाहिए । नए चीन की स्थापना के बाद सरकार और समाज दोनों की ओर से महिलाओं की समस्याओं के समाधान पर ध्यान दिया जा रहा है । अंततः तिब्बती महिलाओं सहित समस्त चीनी महिलाओं का सामाजिक और घरेलू स्थान जो ऊंचा किया गया है , वह पुराने जमाने से अतूल्य है । वर्तमान चीन में दहेज की समस्या आम तौर पर हल हो गयी , दहेज लेना मना है और लोग लेना भी नहीं चाहते। चीन में पति पत्नी आम तौर पर दोनों नौकरी करते हैं , इसलिए पारिवारिक संपत्ति में दोनों का हिस्सा बराबर होता है , कानून के अनुसार पैतृक संपत्ति की उत्तराधिकारी भी पुत्र और पुत्री दोनों की बराबर होती है । चीन के विवाह कानून के मुताबिक शादी के बाद प्राप्त समस्त पारिवारिक संपत्ति का पति पत्नी में बराबार हिस्सा होता है ,तलाक के बाद दोनों में संपत्ति का आधा आधा बंटवारा होता है । चीन में तलाक की भी स्वतंत्रता होती है, असल में वर्तमान चीन में तलाक अधिकांश महिलाओं से पेश होता है । पारिवारिक हिंसा और बलात्कार समस्याएं जरूर हैं , वे भी लगातार कम की जा रही हैं, क्योंकि चीन के महिला संगठन , सामाजिक कार्य संगठन तथा मीडिया इस मामले पर बड़ा ध्यान देते हैं , विभिन्न महिला संघ महिलाओं के कानूनी अधिकारों की रक्षा करने की भरसक कोशिश करते हैं । मीडिया में बराबर महिलाओं के साथ हिंसा को खत्म करने के विषय पर चर्चा होती है । चीन में अगर बलात्कार का मामला संगीन सिद्ध हुआ , तो इस के अपराधी को मौत तक की सजा भी दी जाती है । संक्षेप में कहा जाए , तो तिब्बत समेत चीन के विभिन्न स्थानों में महिलाओं के अधिकारों व हितों की अच्छी तरह हिफाजत की जाती है , महिलाओं की समस्याएं भी हैं , खास कर गांवों में समस्याएं ज्यादा हैं , किन्तु उस पर विभिन्न पक्षों से बड़ा ध्यान दिया जा रहा है ।
अस्लाम खान जी , सी .आर .आई हिन्दी सेवा के जीवन व समाज तथा सामयिक चर्चा में कभी कभार इस विषय पर रिपोर्ट सुनने को प्राप्त होती है । बराबर ये कार्यक्रम सुनने से इस विषय के बारे में श्रोताओं को विभिन्न पहलुओं की पूर्ण जानकारी मिल सकती है ।

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