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(GMT+08:00) 2007-10-24 18:33:04    
चीन के अंतरिक्ष यान के विकास इतिहास का सिंहावलोकन

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चीन के स्वनिर्मित चांद का चक्कर लगाने वाला प्रथम उपग्रह छांग अ नम्बर एक का प्रक्षेपण चौबीस तारीख को रात को छह बज कर पांच मिनट पर पश्चिमी चीन के शीछांग उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से सफलतापूर्वक किया गया । चीन का स्वनिर्मित छांग अ नम्बर एक चीन निर्मित छांगजंग नम्बर 3 ऐ राकेट से प्रक्षेपित किया गया । नीचे चीन के अंतरिक्षयान के विकास का सिहावलोकन किया जाता है ।

चीन द्वारा स्वनिर्मित समानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण विश्व का ध्यान आकर्षित करने वाली एक महान घटना है , इस की सफलता से जाहिर होगा कि चीन विश्व में रूस और अमरीका के बाद ऐसा तीसरा देश बन जाएगा , जिस ने समानव अंतरिक्ष यान की तकनीकों पर महारत हासिल की है और इस के परिणामस्वरूप अंतरिक्ष क्षेत्र में अमरीका और रूस के साथ चीन की दूरी काफी हद तक कम हो जाएगी । इसलिए यह विश्व अंतरिक्ष क्षेत्र का एक बड़ा महत्वपूर्ण काम है । चीन के इस महान कार्य के विकास के बारे में अधिक जानकारी के लिए चीन के अंतरिक्ष यान के विकास का इतिहास यहां संक्षिप्त प्रस्तुत होगा

चीन अपने देश के अंतरिक्ष कार्य के विकास पर भारी महत्व देता आया है , 20 वीं शताब्दी के पचास साठ वाले दशक में ही चीन ने अंतरिक्ष कार्य के विकास का श्रीगणेष किया , वर्ष 1958 में चीन ने अपनी शक्ति के बल पर प्रथम वाहक राकेट प्रक्षेण केन्द्र का निर्माण किया । कुछ वर्षों के अथक प्रयासों के बाद चीन 24 अप्रैल 1970 को उत्तर पश्चिम चीन के च्यु छवान उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र में देश का प्रथम उपग्रह यानी तुंग फान हुंग नम्बर एक उपग्रह छोड़ने में सफल हुआ , इस तरह चीन विश्व का ऐसा पांचवां देश बन गया , जिस ने अंतरिक्ष में अपना उपग्रह को सफलतापूर्वक छोड़ा था । 26 नवम्बर 1975 को चीन ने फिर अपना प्रथम पावस सकने वाला उपग्रह छोड़ा , अपनी कक्षा में तीन दिन परिक्रमा करने के बाद यह उपग्रह सुगम रूप से वापस पृथ्वी पर लौटाया गया , इस असाधारण सफलता से चीन विश्व का तीसरा ऐसा देश बना था , जो उपग्रह को वापस लेने में सक्षम हो गया है । इस के उपरांत चीन ने अनेक स्वनिर्मित उपग्रहों को सफलता के साथ विभिन्न कक्षाओं में स्थापित किया और विश्व के अंतरिक्ष क्षेत्र में अपना स्थान बनाया । अंतरिक्ष यान के अनुसंधान व विकास के क्षेत्र में निरंतर भारी उपलब्धियां प्राप्त होने के साथ साथ चीन ने वाहक राकेटों का अनुसंधान व विकास करने में भी उल्लेखनीय सफलता प्राप्त किया है , चीन ने पूरी तरह अपनी शक्ति पर छांग जङ नामक राकेट श्रृंखला का विकास किया , जो विश्व का एक उच्च कोटि का अंतरिक्ष वाहन माना जाता है । वर्ष 1985 में चीन ने औपचारिक रूप से घोषणा की थी कि छांग जङ वाहक राकेट अन्तरराष्ट्रीय वाणिज्यक प्रक्षेपण बाजार में डाला जाएगा ।

चीन के स्वनिर्मित समानव अंतरिक्षयान शेनचाओ-छै, जिस पर दो अंतरिक्षयात्री सवार हैं, का प्रक्षेपण आज 12 तारीख को सफलतापूर्वक उत्तर-पश्चिमी चीन के च्यूछ्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र से किया गया। यह दो साल पहले चीन के प्रथम समानव अंतरिक्षयान के प्रक्षेपण के बाद चीन द्वारा प्रक्षेपित दूसरा समानव अंतरिक्षयान है। प्रक्षेपण चीन निर्मित लांग मार्च नम्बर दो राकेट से किया गया। योजनानुसार दो चीनी अंतरिक्षयात्री शेनचाओ-छै पर कई दिनों तक उड़ान भरेंगे। वे शेनचाओ-छै की वापसी वाले हिस्से में वैज्ञानिक अनुसंधान करेंगे। यह काम समाप्त होने के बाद शेनचाओ-छै उत्तरी चीन के भीतरी मंगोलिया में तय स्थल पर वापस धरती पर उतरेगा।

शेनचाओ-छै के सफल प्रक्षेपण के बाद चीनी समानव अंतरिक्ष उड्डयन परियोजना के महानिदेशक श्री चेन पींगडे ने च्यूछ्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में घोषणा की कि शेनचाओ- छै अंतरिक्षयान का प्रक्षेपण सफल रहा है । चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ और श्री वन च्या पौ ने प्रक्षेपण की सफलता पर बधाई दी। श्री वन च्या पौ ने च्यूछ्वान उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र में दिये भाषण में कहा , चीन की समानव अंतरिक्ष उड्डयन परियोजना का ध्येय नितांत शांतिपूर्ण है। वह मानव के विज्ञान व शांति कार्य में भारी योगदान है। हम विश्व की जनता के साथ मिल कर अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण प्रयोग के लिए समान प्रयास करने को तैयार हैं। शेनचाओ-छै का सफल प्रक्षेपण इस परियोजना का महत्वपूर्ण कदम है।

शेनचाओ-छै के उड्डयन के दौरान अंतरिक्षयात्री अनेक तकनीकी परीक्षण करेंगे जिन में अंतरिक्ष में प्रजनन और सामग्रियों का निर्माण आदि शामिल है। इस के अलावा वे अंतरिक्ष की भारहीनता के शरीर के संचालन तथा दिल की पेशियों व अस्थि कोशिकाओंlपर प्रभाव का निरीक्षण करेंगे। ये दो चीनी अंतरिक्षयात्री 40 वर्षीय फ्वे चनलूंग और 41 वर्षीय न्ये हाईशंग हैं ।

प्रक्षेपण से पहले उन्हों ने पत्रकारों से बातचीत में अपनी भावना जाहिर की। श्री फ्वे चनलूंग ने कहा , इस समय मेरी भावना यही है कि शेनचाओ- छै का काम सफलतापूर्वक समाप्त हो और मेरी महान मातृभूमि चीन की राष्ट्रीय धुन अंतरिक्ष में गूंजती रहे। हम दोनों मातृभूमि और जनता द्वारा हमें सौंपे गये पवित्र ध्येय को पूरा करने को संकल्पबद्ध हैं।

यह सत्य है कि पिछले चालीस से अधिक सालों में चीन ने बिलकुल अपनी शक्ति तथा स्वावलंबन के साथ देश के अंतरिक्ष कार्य का जोरदार विकास किया और विश्व ध्यानाकर्षक असाधारण कामयाबियां हासिल की है । उपग्रह को वापस करने व एक राकेट से कई उपग्रहों को छोड़ने की तकनीकों , निम्न ताप इंधन वाली राकेट तकनीक , स्ट्राप -आन- बुस्टर राकेट तकनीक , समस्थिर उपग्रह प्रक्षेपण तकनीक तथा दूर नियंत्रण तकनीक के क्षेत्रों में चीन विश्व की अग्रिम पंक्ति में प्रवेश कर गया है । इस के अलावा चीन ने दूर -संवेदनशील उपग्रह के अनुसंधान , निर्माण व प्रयोग , दूर संचार उपग्रह के विकास , समानव अँतरिक्ष यान के परीक्षण तथा अंतरिक्ष के माइक्रो गुरूत्व के प्रयोग के क्षेत्रों में भी उल्लेखनीय उपलब्धियां प्राप्त की

चीन ने वर्ष 1992 में औपचारिक रूप से समानव अंतरिक्ष यान बनाने की योजना बनाई थी , इस परियोजना का नाम शङ चाओ समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना रखा गया , चीनी भाषा में शङ चाओ का अर्थ दिव्य नौका है । परियोजना के तहत शङ चाओ नामक समानव अंतरिक्ष यान व्यवस्था, छांग जङ नामक वाहक राकेट व्यवस्था , च्यु -छुआन उपग्रह प्रक्षेपण केन्द्र , अंतरिक्ष यान नियंत्रण व निरीक्षण व्यवस्था , दूर संचार व्यवस्था , अंतरिक्ष यात्री व वैज्ञानिक तकनीक अनुसंधान व परीक्षण व्यवस्था होती है । यह 20 वीं शताब्दी के अन्त और 21 वीं शताब्दियों के आरंभ के संगम की अवधि में चीन की सब से विशाल और सब से पैचीदा अंतरिक्ष परियोजना है । इस की सफलता के लिए चीनी वैज्ञानिकों ने बड़ी संख्या में कुंजीभूत तकनीकों पर अधिकार किया और नई नई तकनीकों का विकास किया है ।

समानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण एक बड़ी चुनौति व जोखिम देने वाला काम है , प्रक्षेपण की सफलता तथा अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए जटिल और उच्च स्तर की तकनीकों की आवश्यकता है , आकाश में अपना प्रथम समानव अंतरिक्ष यान भेजने के लिए पूर्व सोवियत संघ ने सात बार मानव रहित अंतरिक्ष यान छोड़ने का परीक्षण किया था तथा अमरीका ने 21 बार किया । चीन ने अब तक चार बार मानव रहित उड़ान भरने का परीक्षण किया , लेकिन चीन ने अमरीका और रूस के उन्नतशील अनुभवों का ग्रहन किया और बेहतर सुरक्षा व्यवस्था बनायी और सही सलामत प्रक्षेपण , सामान्य उड़ान तथा सुरक्षित वापसी के लक्ष्य तय किए एवं अनेकों श्रेष्ठ विमान चालकों से सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष यात्री चुने और चीन का शङ चाओ नामक अंतरिक्ष यान आकार में बड़ा है तथा उस के भीतर के यंत्र उपकरण आधुनिकतम सिद्ध हुए है , इस के अलावा चार बार मानव रहित परीक्षण से भी अच्छे अनुभव नसीब हुआ है ।

हमें मालूम है कि चीन ने बिलकुल अपनी शक्ति पर निर्भर रह कर अंतरिक्ष परियोजना का अनुसंधान व विकास किया है । अंतरिक्ष तकनीकों का स्तर और उस में प्राप्त सफलता किसी एक देश की आर्थिक , वैज्ञानिक व तकनीकी सकल शक्तियों का प्रतीक है , समानव अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण अंतरिक्ष तकनीकों के विकास का एक उच्च चरण है । अमरीका और रूस की तूलना में चीन अंतरिक्ष कार्य के कुछ क्षेत्रों में पिछड़ा है । समानव अंतरिक्ष यान के विकास से चीन को आधुनिक विज्ञान तकनोलोजी यानी दूर संचार , दूर संवेदन , वाहक राकेट , कम्प्युटर, नई किस्मों की सामग्री के अनुसंधान तथा कृषि के विकास में मदद व प्रेरणा मिलेगी और वाणिज्यक उपग्रह प्रक्षेपण बाजार में अपनी स्पर्धा शक्ति बढ़ जाएगी । विशेष कर चीन के अंतरिक्ष कार्य के भावी विकास के लिए आधार तैयार होगा ।

दरअसल समानव अंतरिक्ष यान छोड़ने की परियोजना सिर्फ चीन के समानव अंतरिक्ष उड़ान परियोजना का शुरूआती चरण है । चीन की अंतरिक्ष विकास परियोजना के अनुसार समानव अंतरिक्ष यान के सफल प्रक्षेपण के आधार पर चीन अंतरिक्ष में स्थाई स्टेशन स्थापित करने की कोशिश भी करेगा , ताकि वहां चीनी अंतरिक्ष यात्री रह कर अंतरिक्ष सर्वेक्षण कर सकें , इस के बाद चंद्रमा का सर्वेक्षण करने की योजना शुरू करेगा । फिर आगे मंगल का , ब्रहमांड के अन्य ग्रहों का, आदि आदि , वह दूर का सपना है , जिसे मानव जाति देखता आया है और देखता रहेगा ।

सूत्रों के अनुसार चीन समानव अंतरिक्ष उड़ान की सफलता के बाद कुछ ही सालों के अन्दर चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना का शुभारंभ करेगा, इस परियोजना का नाम रखा गया है छांग अ परियोजना , छांग अ प्राचीन चीनी पौराणिक कहानी की एक सुन्दर युवती थी, वह देव माता की दिव्य दवा खाने के बाद उड़ते हुए चंद्रमा पर जा पहुंची और वह अपनी प्यारी खरगोश के साथ बस गई । चंद्रमा जाने का सदियों पुराना प्राचीन चीनियों का यह सपना अब चीनी वैज्ञानिक पूरा करेंगे। चंद्रमा सर्वेक्षण परियोजना उपग्रह प्रक्षेपण तथा समानव अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण परियोजनाओं के बाद चीन की तीसरी महान अंतरिक्ष योजना है, जो चीन के अंतरिक्ष कार्य के लिए और एक नया मील का पत्थर होगा ।

चीन के शेनचाओ समानव अंतरिक्षयान श्रृंखला के महा डिजानर श्री चांग बाईन्यैन ने हाल में संवाददाता से बातचीत के दौरान कहा कि शेनचाओ आठ तक चीन के समानव अंतरिक्षयान का आकार तय होगा तबसे शेनचाओ समानव अंतरिक्षयान न सिर्फ चीनी अंतरिक्षयात्रियों , बल्कि दूसरे देशों के अंतरिक्षयात्रियों व मालों के लिए सेवा प्रदान करेगा ।