दिन ढलने पर ई जाति के युवक फिर मशाल लिये सड़कों पर नाचते-गाते हैं । मशाल उत्सव में भाग लेने आये मेहमान भी हाथ मिला कर उन के साथ गाते हुए नाचते हैं । ऐसे हर्षोल्लासपूर्ण वातावरण से कोई भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता । शुरु में मशाल दिवस सिर्फ ई जाति का परम्परागत त्यौहार मात्र था । उत्सव के दौरान इसे गांव वासी केवल अपने ही गांव में मनाते थे । पर बाद में शह लिन पर्यटन स्थल के विकास के साथ-साथ मशाल उत्सव शह लिन पर्यटन स्थल का प्रतीक बन गया । इसलिये अधिकाधिक देशी विदेशी पर्यटक मशाल उत्सव मनाने के लिये विशेष तौर पर शह लिन पर्यटन स्थल आने लगे हैं ।
इधर के सालों में मशाल उत्सव के उपलक्ष्य में शह लिन पर्यटन क्षेत्र के जितने भी अधिक स्थल हैं , वहां पर बड़ी तादाद में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है । दिन में कुश्ती व घुड़दौड़ व गाय दौड़ जैसी गतिविधियां होती हैं । मौके पर आसपास के मशहूर बलवानों के अच्छे प्रदर्शन बेशुमार दर्शकों को अपनी ओर खींच लेते हैं । विभिन्न जातियों के हजारों लोग बड़े तीन तारों वाले वाद्यों की लय के साथ-साथ नाचते गाते हैं या हंसीं मजाक करते हैं। शह लिन रमणीक पर्यटन क्षेत्र के प्रबंधन ब्यूरो की प्रधान सुश्री चांग युन लेइ ने कहा कि जातीय संस्कृति व पर्यटन कार्य को जोड़ने से शह लिन पर्यटन क्षेत्र में नया निखार आ गया है ।
पिछले अनेक सालों में शह लिन पर्यटन की आय केवल प्राकृतिक सौंदर्य पर निर्भर थी। ऐसा कहा जा सकता है कि शह लिन क्षेत्र का पर्यटन बाजार काफी सरल है । अब हम पर्यटन कार्य से कुछ संबंधित व्यवसायों के विकास को बढाने में संलग्न हैं । उदाहरण के लिये और अधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये जातीय संस्कृति को पर्यटन से जोड़ा गया है ।
सुश्री ली युन लेई ने परिचय देते हुए कहा कि शह लिन क्षेत्र का पर्यटन कार्य विकसित होकर अब स्थानीय औद्योगिक धंधे का रूप ले रहा है । इस के साथ ही शह लिन पर्यटन क्षेत्र ने फिर एक नया लक्ष्य सामने रखा है कि इस रमणीय पर्यटन स्थल को विश्व के अव्वल दर्जे का अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल का रूप दिया जाये । उन्हों ने कहा हाल ही में हम ने यह योजना बनायी है कि जातीय संस्कृति को पर्यटन कार्य के साथ जोड़ने के लिये विशेषताओं वाले शहर , गांव और केंद्र का नमूना बनाया जाये । उन्हों ने आगे कहा कि शहर के नमूने का मतलब है कि एक सानी प्राचीन शहर का निर्माण किया जायेगा। योजना के अनुसार शह लिन पर्यटन ब्यूरो के दफ्तर भवन , होटल व थियेटर सानी प्राचीन शहर से बाहर स्थानांतरित किये जाएंगे , ताकि पर्यटन क्षेत्र सेवा क्षेत्र से अलग किया जा सके । इस के अलावा सानी प्राचीन शहर में खाने-पीने , रहने , मनोरंजन और शॉपिंग की सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी । पर्यटक सानी शहर में ई जाति के विविधतापूर्ण स्थानीय पकवान चखने के साथ-साथ जातीय विशेषताओं वाली प्रोसेसिंग वर्कशॉप में अपनी आंखों से कसीदा जैसी लोक कला कृतियों की पूरी प्रोसेसिंग देख सकते हैं । यही नहीं , शह लिन पर्यटन क्षेत्र विश्व के होटलों की समुन्नत डिजाइन , पूंजी निवेश व प्रबंधन के आधार पर एक पंचतारा होटल निर्मित करने को भी तैयार है , ताकि पर्यटक शह लिन पर्यटन स्थल का अद्भुत प्राकृतिक दृश्य देखने के साथ-साथ अच्छी तरह विश्राम भी कर सकें ।
एक गांव के नमूने के रुप में इसी शह लिन पर्यटन क्षेत्र में प्रथम ई जातीय गांव का निर्माण किया जाएगा । पर्यटक अपनी इच्छा से इस गांव में ई जाति के परिवार के साथ रह सकते हैं और नजदीक से ई जाति की संस्कृति को महसूस कर सकते हैं । इस तरह पर्यटन कार्य से स्थानीय आर्थिक विकास को बढावा मिल सकेगा और स्थानीय ई जाति वासियों को आर्थिक लाभ भी प्राप्त होगा ।
एक केंद्र का मतलब है कि एक मनोरंजन केंद्र । पर्यटक शह लिन पर्यटन स्थल में मनमोहक प्राकृतिक दृश्यों का लुत्फ लेने के बाद इस मनोरंजन केंद्र में जाकर स्थानीय ई जातीय युवाओं के साथ जी भरकर नाच गान कर सकते हैं या स्थानीय परम्पराओं को महसूस कर सकते हैं ।
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