
यह मुजफ्फरपुर उत्तर प्रदेश के चौधरी गोरे टोमेर का पत्र , उन्हों ने कहा कि पिछले दिनों आप को कई पत्र लिखे , मगर एक को छोड़ कर अन्य को शामिल नहीं किया । क्या कारण है , पत्र मिले नहीं या प्रसारण योग्य नहीं समझा गया , कारण स्पष्ट करे । यही नहीं कि अक्तूबर 2004 के श्रोता वाटिका के अंक के बाद का कोई भी अंक प्राप्त नहीं हुआ है , क्या समझ लिया जाए कि आप मुझे भूल चुके हैं , परन्तु सी .आर .आई के श्रोताओं के प्रति प्यार को देखते हुए यह बात मानने का कोई औचित्य दिखाई नहीं देता है । आशा है कि समस्त सामग्री के साथ प्रतियोगिता के प्रश्नावली सहित आप का पत्र शीघ्र ही प्राप्त होगा । मेरे समस्त पत्रों को शामिल किया जाएगा ।
चौधरी भाई का यह शिकायत भरा पत्र है , आप भी जानते हैं कि हम किसी भी श्रोता को नहीं भूलते है , श्रोताओं के पत्रों के आने पर हम या कार्यक्रमों में शामिल करने या सीधे जवाबी पत्र या सामग्री भेजने के तरीके से उन का जवाब देते हैं , फिर भी श्रोताओं के पत्र ज्यादा ,खास कर जब ज्ञान प्रतियोगिता के दौरान उत्तर पत्र ज्यादा आने के कारण हम समय रहते जवाब देने में थोड़ा असमर्थ साबित हुए हैं और जवाब के छूटने से बचना मुश्किल होता है , आशा है कि हमारे श्रोता मित्र समझ सकते हैं । हम जरूर विभिन्न तरीकों में ज्यादा से ज्यादा पत्रों का जवाब देने की कोशिश करेंगे , ताकि कम मित्र रूष्ट हो जाएं ।
अब आप के सामने है मुजफ्फपुर बिहार के रजनीश कुमार का पत्र , उन्हों ने पत्र में लिखा है कि चीन का भ्रमण और चीन का संक्षिप्त इतिहास कार्यक्रम सुना , जिस से आप से मिले के तहत नेपाल के 78 वर्षीय व्यक्ति धर्मरचना तुला धार जी से , जो चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में अपना व्यवसाय करते हैं , बातचीत की गई और चीन का भ्रमण कार्यक्रम के तहत चीन के दर्शनीय क्षेत्रों का भ्रमण कराया गया और साथ ही चीन के इतिहास कार्यक्रम में मिनछिंग काल के राजवंशों के काल में विज्ञान व तकनोलोजी में कैसा विकास हुआ था , इस के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है , जो काफी पसंद आया । इस के लिए आप लोगों को हमारे क्लब की तरफ से कोटि कोटि धन्यावाद ।
पश्चिमी सिंघभुब झाड़खंड के प्रीती प्रकाश ने हमें पोस्ट कार्ड भेज कर यह लिखा है कि सी .आ .आर द्वारा प्रसारित होने वाले सभी कार्यक्रम हम सबों को अच्छे लगते हैं । अच्छे कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिए क्लब के सदस्यों की ओर से हार्दिक बधाई । नये साल आने वाले है , हमें वर्ष 2006 के कलैंडर भेजे ।
और है बरेली उत्तर प्रदेश के आबिद अली देशप्रेमी का पत्र, उन्हों ने कहा कि आप के द्वारा प्रेषित श्रोता वाटिका के अंक , जवाबी लिफाफा और नव वर्ष के बधाई कार्ड मिले , समस्त सामग्री पा कर क्लब के सभी सदस्य हर्षित हो उठे , जिस तरह से सी. आर .आई के सभी कार्यक्रम सुन कर हम आनंदित एवं हर्षित हो उठते हैं , ठीक उसी तरह ही श्रोता वाटिका पढ़ कर हम हर्षित हो उठते हैं । क्योंकि वाटिका में प्रकाशित शाओ थांग , चंद्रिमा व वेतुंग के विचार और चीन भारत मैत्री के विषय में जानकारी हमें बहुत पसंद आयी , हमें सब का दुख है कि आप ने हमारी रचनाओं व फोटो को वाटिका में शामिल नहीं किया है , कृपया उन्हें श्रोता वाटिका में स्थान दें ।
देशप्रेमी का मनोभाव हम अच्छी तरह समझते हैं , बहुत से श्रोता मित्र चाहते हैं कि उन की रचनाएं और फोटो श्रोता वाटिका में छप जाएं , लेकिन श्रोता वाटिका के पन्ने सीमित हैं , इसलिए श्रोताओं की रचनाएं और फोटो महज बारी बारी से शामिल किये जा सकते हैं , दूसरी बात यह है कि कुछ रचनाएं और फोटो की क्वालिटी छपने के लिए काबिला नहीं है । हम समझते हैं कि हमारे श्रोता मित्र साफ और अच्छी क्वालिटी वाले फोटो और छोटी व सार्थक रचना भेजें, तो श्रोता वाटिका में प्रकाशित होने के ज्यादा मौका मिलेगा । फिर भी हम वाटिका के लिए पत्र लिखे और फोटो भेजे सभी श्रोताओं के आभारी हैं , उन की मदद के बिना श्रोता वाटिका अब जैसा लोकप्रिय नहीं हो सकता । हम आगे भी विभिन्न श्रोताओं का निरंतर समर्थन पाना चाहते हैं ।

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