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(GMT+08:00) 2007-10-22 13:33:47    
पेइचिंग ऑलम्पियाड के शुभचिंह विषयक कार्टून धारावाहिक का प्रदर्शन शुरू

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वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलम्पियाड के शुभचिंह—पांच `फ़ूवा` की छवियों का देश-विदेश में खूब स्वागत किया जा रहा है। गत 8 अगस्त को चीन के टीवी चैनलों पर पांच `फ़ूवा` की छवियों पर सौ कड़ियों वाले कार्टून धारावाहिक का प्रदर्शन शुरू हुआ,ताकि ऑलम्पिक ज्ञान को आम बनाया जा सके।अब तक प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार यह धारावाहिक न केवल बाल-किशोरों की चहेता बना है,बल्कि बड़ी संख्या में प्रौढ़ों में भी यह बहुत लोकप्रिय हो रहा हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि इस धारावाहिक से कार्टून फिल्मों के विषय और ढंग में नयापन आया है,जो देश में बनने वाली अन्य कार्टून फिल्मों के लिए प्रेरणा का काम करेगा ।

इस कार्टून धारावाहिक का नाम है "फुवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा"।पेइचिंग टी.वी केंद्र ने इसे बनाने में करीब 5 करोड़ य्वान की भारी धनराशि लगाई है।यह धारावाहिक 100 कड़ियों का है और हरेक कड़ी 11 मिनट की है।यह अब तक की किसी ऑलम्पिक शुभचिंह पर चीन निर्मित सब से बड़े पैमाने वाली कार्टून फिल्म है।इस की कहानी यह है कि वर्ष 2008 के पेइचिंग ऑलम्पियाड के आयोजन की पूर्वसंध्या पर पेइचिंग में रहने वाले एक 8 वर्षीय लड़के—ता यो को मां-बाप द्वारा उस के जन्मदिवस पर भेजा गया उपहार मिलता है।यह उपहार पेइचिंग- ऑलम्पियाड का शुभचिंह—पांच `फूवा` है।ऐसे में ता-यो और पांच `फूवा` के बीच सिलसिलेवार कहानियां शुरू होती हैं।इस धारावाहिक में ऑलम्पिक खेलों के जन्म व विकास,संबंधित नियमों का निर्माण और ऑलम्पिक इतिहास में हुए प्रमुख प्रसंगों के बारे में जीती-जागती जानकारियां दी गई हैं।

पेइचिंग के एक दर्शक श्री तिन ई-मिंग ने कहाः

"यह धारावाहिक ऑलम्पियाड के बारे में विस्तृत जानकारियां देता है,जिस के अधिकांश भाग से मैं पहले अनभिज्ञ था।पेइचिंग- ऑलम्पियाड का शुभचिंह—पांच `फूवा` के जरिए ये जानकारियां दी जाना खासा दिलचस्प है।मेरे जैसे आम दर्शकों ने `फूवा` की प्यारी छवियों का बहुत आनन्द उठाया है। "

अनेक दर्शकों ने भी इस कार्टून धारावाहिक में अभिव्यक्त परंपरागत चीनी कला की विशेषताओं को बहुत पसन्द किया है।लिंग-लु नामक एक कुमारी ने कहा कि इन चीनी विशेषताओं ने इस कार्टून धारावाहिक को ज्यादा रूचिकर बनाया है।उन का कहना हैः

फूवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा नामक यह कार्टून धारावाहिक मेरी नजर में अब तक देश में बनी सर्वश्रेष्ठ कार्टून फिल्म है,जिस ने न केवल बाल-बच्चों को अपना दीवाना बना लिया है,बल्कि बहुत से प्रौढ़ों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है।उस के दृश्य रंगबिरंगे और समृ्द्ध हैं।धारावाहिक की समग्र सुन्दरता दूसरी कार्टून फिल्मों में बहुत कम देखने को मिलती है।"

पहले चीन में निर्मित ज्यादातर कार्टून फिल्में परंपरागत चीनी चित्रण-शैली पर आधारित थीं,जिन के रंग समृद्ध नहीं थे और आकृतियां भी सरल थीं।चित्रित करने,फिल्माने और

काटने जैसी जटिल प्रक्रिया से गुजरने के कारण एक ही कार्टून बनाने में कई साल का समय लग जाता था।बल्कि ये पुरानी कार्टून फिल्में सब लोककथाओं और पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं।हां,उन में से अनेक श्रेष्ठ मानी गई हैं।"न-ज़ा" और "हनुमान" जैसे लोकप्रिय कार्टूनों को विश्व स्तर के पुरस्कार मिले हैं।इधर एक दशक में चीन ने जापान,अमरीका व यूरोपीय देशों से बहुत सी कार्टून फिल्मों का आयात किया है।ये सब नवीन व उच्च तकनीक से बनी है।आधुनिक दौर का फैशन और अन्य तरह की प्रवृतियां इन के जरिए बहुत सजीव रूप से दिखाई दी हैं। इसलिए बहुत से चीनी बच्चे व किशोर उन के दीवाने बने हैं और उन के जीवन पर इन कार्टूनों का भारी असर पड़ा है। लेकिन चीनी कार्टून फिल्म निर्माण जगत उत्तरोत्तर जान गया है कि कार्टून फिल्मों में मूल-सृजन और राष्ट्रीय विशेषताएं सब से महत्वपूर्ण हैं।नवीन व उच्च तकनीकों और कार्टून फिल्मों के व्यापार संबंधी विदेशी अनुभवों का चीनी विशेषता वाली कार्टून फिल्में बनाने में इस्तेमाल करना अत्यंत जरूरी है।इस तरह से ही चीनी कार्टून बाजार के विकास का नया रास्ता बनाया जा सकेगा।

"फूवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा" धारावाहिक आम लोगों को ध्यान में रख कर बनाया गया है।कई साल पहले पेइचिंग टीवी केंद्र ने पूरे देश में संबंधित पटकथा लिखने की इनामी प्रतियोगिता आयोजित की थी।अल्पकाल में ही 200 से अधिक पटकथाएं इकट्ठी हो गई थीं।हालांकि इन में से किसी का कार्टून धारावाहिक "फूवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा" बनाने में प्रयोग नहीं किया गया,लेकिन पटकथाओं के लेखकों के कुछ अद्भभुत विचारों ने इस धारावाहिक के रचयिताओं के विचारों को नए आयाम दिए हैं।इस धारावाहिक में सभी पात्रों के संवाद चीन की प्रमुख हस्तियों की आवाज़ में हैं।मिसाल के लिए पांच `फूवा` में से एक `ईन-ईन` के पात्र के संवाद मशहूर गायिका चांग ल्यांग-ईन की आवाज़ में हैं।उन्हों ने कहाः

"पहले मैं ने कभी किसी भी फिल्म में डबिंग का काम नहीं किया था।लेकिन मेरी इस में बड़ी रूचि है और मित्रों के साथ खेलते हुए अक्सर कार्टून फिल्मों के पात्रों की आवाज की नकल करती रहती हूं।मुझे इस में बड़ा मजा आता है।"फूवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा" धारावाहिक में मुझे डबिंग के लिए आमंत्रित करना मुझे पेड़ों से रोटी मिलने जैसा लगता है।डबिंग के दौरान खुशी का जो अनुभव हुआ,वह शब्दों के परे हैं।शुभचिंग--`ईन-ईन`एक छोटी लड़की है,इसलिए मै ने उसे छोटी लड़की की बहुत मुधर आवाज दी है।"

पेइचिंग टीवी केंद्र के कार्टून चैनल के निदेशक श्री श्वाई-मिंग का विचार है कि इस कार्टून धारावाहिक का इसलिए बड़ा स्वागत हुआ है,क्योंकि एक तरफ इस के संचालन में बाजार के नियमों का प्रयोग किया गया है,दूसरी तरफ खुद इस धारावाहिक का विषय नया व समृद्ध है,ढंग सजीव,चतुर और हंसाने वाला है,जो आज के दौर में दर्शकों के सौंदर्य दृष्टिकोण से मेल खाता है।श्री श्वाई-मिंग ने कहा कि यह कार्टून धारावाहिक बनाने के दौरान उन्हों ने हांगकांग,मकाओ और थाइवान के भी प्रसिद्ध कार्टून चित्रकारों को आमंत्रित किया,जिन्हों ने नए सृजन के लिए बहुत सी उपयुक्त व मूल्यवान रायें ओर सलाहें दीं।

इधर के कुछ वर्षो में चीन के कार्टून फिल्म निर्माताओं के विचारों का भी नवीनीकरण हुआ है।उन्हों ने समझ लिया है कि लोककथाओं,पौराणिक कथाओं औऱ ऐतिहासिक कथाओं पर आधारित कार्टून फिल्में बनाने के पुराने तरीके आज के लोगों की आंखों को संतुष्ट करने में असक्षम हो गए हैं।कार्टून फिल्मों को वर्तमान सामाजिक जीवन से जोड़ा जाना चाहिए।

इस की चर्चा करते हुए पेइचिंग टीवी केंद्र के कार्टून चैनल के निदेशक श्री श्वाई-मिंग ने कहाः

"कोई भी कलात्मक कृति वास्तविक जीवन से जुड़ने से ही अमर हो सकती है।आज के बाल-बच्चे इतने तेज हो गए हैं कि बहुत सी ऐसी बातें उन की समझ में आती हैं,जो हमारे विचार में सिर्फ प्रौढ़ समझ सकते हैं। बाल-बच्चों को अपने मन और समझ से मेल खाने वाली नई कार्टून फिल्मों की जरूरत है। आखिरकार कार्टून-फिल्मों का बड़ा बाजार बाल-बच्चों में है। इसलिए भविष्य में हमें युगानुरुप बदलती उन की जरूरतों को भारी महत्व देना चाहिए।"

कार्टून धारावाहिक "फूवा द्वारा ऑलम्पियाड का दौरा" ने देश में धूम मचाई है,विदेशों तक उस की चर्चा हो रही है।अनेक विदेशी टीवी संस्थाओं ने चीन से यह धारावाहिक खरीदने की इच्छा व्यक्त की है।अनुमान है कि इस कार्टून धारावाहिक के निर्माता पेइचिंग टीवी केंद्र को इस के निर्यात से अपने इतिहास में सर्वाधिक मुनाफा मिलेगा।