1991 में चीन ने अपने कार्स्ट प्राकृतिक रमणीय पर्यटन स्थल की हैसियत से प्रथम बार पत्थर जंगल को विश्व प्रकृति विरासत में शामिल करने का आवेदन पेश किया था। विश्व प्रकृति संरक्षण संघ के विशेषज्ञों ने शह लिन पत्थर जंगल का सर्वेक्षण करने के बाद यह सुझाव पेश किया कि तकनीकी तैयारी के अभाव से आवेदन दस्तावेज में विश्व के अन्य कार्स्ट भू सूरतों की तुलना करने वाले विषय नहीं हैं , अतः इन संबंधित सवालों को सुलझाकर मौका आने पर फिर आवेदन पेश किया जाये । ऐसी स्थिति में शह लिन पत्थर जंगल ने अपना आवेदन-पत्र वापस ले लिया । पिछले 15 सालों में शह लिन पत्थर जंगल वासियों ने बड़ी तादाद में कठिन काम तफसील से करने की अथक कोशिश की ।
जनवरी 2006 में चीन सरकार ने विधिवत रूप से युनेस्को की विश्व विरासत कमेटी को युन्नान प्रांत के पत्थर जंगल यानी शह लिन , क्वेचओ प्रांत के ती पो और केंद्र शासित शहर छुंगछिंग के ऊ लुंग से संगठित चीन का दक्षिणी कार्स्ट नामक विश्व प्रकृति विरासत के बारे में आवेदन-पत्र पेश किया । पत्थर जंगल प्राकृतिक रमणीक क्षेत्र के प्रबंधन ब्यूरो के प्रधान ली चंग फिंग ने कहा कि पिछले 17 सालों में पत्थर जंगल प्राकृतिक रमणीक क्षेत्र में भारी परिवर्तन हुए हैं । इसी बीच पत्थर जंगल यानी शह लिन वासियों ने अपने क्षेत्र को विश्व प्रकृति विरासत में शामिल करने के प्रयास कभी बंद नहीं किए ।
चाहे व्यवस्था या निजी मामलों में सुधार , पत्थर जंगल पर्यटन कार्य के विकास पर इन का प्रभाव नहीं पड़ा है और न ही शह लिन पत्थर जंगल को विश्व प्रकृति विरासत की नामसूची में शामिल करने के विश्वास पर असर पड़ा है। क्योंकि एक तरफ , विश्व ब्रांड अकल्पनीय सामाजिक व आर्थिक लाभ लाएगा। दूसरी तरफ विश्व प्रकृति विरासत में शामिल होने से शह लिन पत्थर जंगल का और अच्छी तरह संरक्षण किया जायेगा ।
अक्तूबर 2005 में शह लिन पत्थर जंगल के प्रबंधन ब्यूरो ने विश्व प्रकृति विरासत के अनुरोध के अनुसार पुराने पर्यटन क्षेत्र को सुधारने में क्रमशः 30 करोड़ य्वान की धन राशि जुटाई । वर्तमान में शह लिन पत्थर जंगल पर्यटन क्षेत्र ने कुल 13 हजार वर्गमीटर के फालतू निर्माणों को हटा दिया , फिर इन जगहों पर चीनी , अंग्रेजी , फ्रांसीसी , जापानी और कोरियाई इन पांच भाषाओं में लिखित 180 निर्देशन बोर्ड लगाए हैं । इस के अलावा कुछ पारिस्थितिक संरक्षित बाथरूम और अंतर्राष्ट्रीय स्तर वाले सुविधाजनक सत्कार केंद्र स्थापित किए हैं , खासकर एक लाख 50 हजार वर्गमीटर वाले आशमा पारिस्थितिकि सांस्कृतिक उद्यान कायम किया गया है । इस पारिस्थितिकि सांस्कृतिक उद्यान में मूर्तियों , छायादार पेड़ों , मानवकृत पहाड़ों जैसे माध्यमों के जरिये अल्पसंख्यक जातियों में से ई जाति की सानी शाखा की जातीय संस्कृति , पर्यटन संस्कृति और पत्थर संस्कृति को सजीव रूप से दर्शाया गया है। साथ ही देशी-विदेशी पर्यटकों को अल्पसंख्यक जातियों के दैनिक जीवन को महसूस करने और विश्राम करने और पारिस्थितिक सांस्कृतिक गतिविधियां करने की गुंजाइश उपलब्ध करवाई गयी है ।
शह लिन पत्थर जंगल पर्यटन स्थल के प्रबंधन ब्यूरो के प्रधान ली चंग फिंग ने कहा कि विश्व प्रकृति विरासत में शह लिन पत्थर जंगल के शामिल होने से एक नया प्रस्थान बिंदु शुरू हुआ है ।शह लिन पत्थर जंगल को पर्याप्त धन राशि जुटाकर विश्व प्रकृति विरासत को शानदार आदर्श मिसाल के रूप में निर्मित करने के लिये प्रयास किया जायेगा ।
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