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(GMT+08:00) 2007-10-11 14:40:52    
तिब्बत के शिकाचे प्रिफेक्चर के किसान फूदेन का सुखमय जीवन

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पश्चिमी तिब्बत के शिकाचे प्रिफेक्चर से लगभग 12 किलोमीटर दूर जाछ्वोशोंग नामक एक जिला है। वह तिब्बत स्यावत प्रदेश का एक बड़ा जिला है, जिस की आबादी 12000 से ज्यादा है और प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आमदनी लगभग चार हजार चीनी य्वान है। वह सारे तिब्बत में सब से बड़ा कृषि जिला है, जिस का वार्षिक अनाज-उत्पादन 15 लाख किलोग्राम है। दीना गांव जाछ्वोशोंग जिले का सब से समृद्ध गांव है।

जब हम दीना गांव पहुंचे, तो हम ने लाल व नीली छतों वाले तिब्बती शैली वाले मकानों को देखा। श्री फूदान का मकान इस गांव में है। वह एक दो मंजिला इमारत है, जो बहुत बड़ी है। मकानों में सभी आधुनिक घरेलू उपकरण उपलब्ध हैं, जिन्हें देखकर हम शहरों से आए लोग भी वाह-वाह कह उठते हैं। मकान के मेजबान श्री फूदेन ने गौरव से हमें बताया,

इस मकान का निर्माण करने के लिए 10 लाख से ज्यादा चीनी य्वान का खर्च हुआ था, जिस में फर्नीचर पर हुआ खर्च शामिल नहीं है। आंगन को छोड़कर मेरे यहां का कुल क्षेत्रफल 997 वर्गमीटर है, जिस में आठ बेड रुम और चार बैठक के कमरे हैं। तिब्बती और हान जाति के मेहमानों की अच्छी तरह मेज़बानी करने के लिए मैंने अलग-अलग तौर पर तिब्बती और हान जाति की विशषता वाले बैठक कमरों की सजावट की है। हर एक बैठक की सजावट पर 20 हजार चीनी य्वान से अधिक का खर्चा हुआ है। इस मकान का निर्माण करने के लिए देश ने 10 हजार चीनी य्वान की सहायता दी, बाकी पैसे सभी मैंने जुटाए।

हालांकि इस वर्ष श्री फूदेन 60 के हो गए हैं, फिर भी वे बहुत स्वस्थ दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने हमें बताया कि उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ एक ही पत्नी से विवाह किया है । यह सुनकर हमें अत्यन्त आश्चर्य हुआ। चूंकि चीन के अन्य क्षेत्रों में, हर एक पति की केवल एक पत्नी होनी चाहिए। हमें आश्चर्य चकित देख कर वृद्ध फूदेन ने मुस्कराते हुए बताया कि यह स्थिति उन की गांव में सामान्य बात है। पहले यहां के लोग बहुत गरीब थे। यदि परिवार में एक पत्नी दो पति होंगे, तो घर में श्रमिकों की संख्या ज्यादा होगी और आसानी से समृद्ध बन सकेंगे। इसी वजह से इस गांव में यह रीति-रिवाज अभी तक बरकरार है। उन के दो बेटों ने भी एक पत्नी से विवाह किया है। लेकिन, श्री फूदेन ने हमें बताया कि आजकल लोगों के विचार में कुछ परिवर्तन हुआ है और ज्यादा से ज्यादा लोग एक पति-एक पत्नी वाली शादी करना चाहते हैं।

श्री फूदेन के घर में कुल मिलाकर 10 आदमी हैं, जिन में स्कूल में पढ़ने वाले चार पोते-पोती भी शामिल हैं। वे सब लोग मेल-मिलाप से एक साथ रहते हैं। अपने आज के जीवन के प्रति श्री फूदेन बहुत संतुष्ट हैं।

भारी परिवर्तन हुआ है। आज का जीवन बहुत अच्छा है। अब एक ही वर्ष में मैं 15 लाख से ज्यादा चीनी य्वान कमा सकता हूं, और गाड़ियों के लिए तेल और मजदूरों के वेतन आदि के खर्चे को निकाल कर मैं पांच छह लाख चीनी य्वान प्राप्त बचा लेता हूं।

नये चीन की स्थापना से पहले मेरे पास कोई भी चीज नहीं थी। खाना पीना ही बड़ी समस्या थी। भर पेट खाना भी नहीं मिल पाता था।

अपने आज के सुखमय जीवन का कारण श्री फूदेन ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की उदार नीतियों को बताया। चीन में रुपांतरण व खुलेपन की नीति लागू होने के बाद, श्री फूदेन के गांवों में भी लोग खेती में काम करने के अलावा, बाहर मजदूरी भी करने लगे हैं। वर्ष 1982 में श्री फूदेन ने पांच सौ चीनी य्वान लाकर बैंक से 2500 चीनी य्वान का कर्ज लेकर एक ट्रैक्टर खरीदा। पहले वह केवल शिकाचे शहर में परिवहन का काम करता था। उस समय वह एक वर्ष में एक दो हजार चीनी य्वान की आमदनी हासिल कर पाता था। जबकि पहले खेती में काम करने से एक ही वर्ष में केवल 450 चीनी य्वान की ही कमाई हो पाती थी। चूंकि घर में पुरुष ज्यादा हैं, तो वह बाहर जाकर परिवहन का काम करना चाहता था। वर्ष 1987 में श्री फूदेन ने एक मिनी बस खरीदी और परिवहन का काम करना शुरु किया। उन के अनुसार,मैं ने 30 हजार चीनी य्वान से एक मिनी बस खरीदी। शुरु में मैं केवल शिकाचे और च्यांग ज के बीच परिवहन का काम करता था। एक वर्ष में लगभग 50 हजार चीनी य्वान कमा लेता था। दो वर्ष के बाद मैंने अस्सी हजार चीनी य्वान का कर्ज लेकर एक बड़ी यात्री बस खरीदी, जिस से मेरा व्यापार दिन ब दिन बढ़ा है।

श्री फूदेन को जल्दी समृद्ध होता देखकर गांव के अन्य लोगों ने भी बैंकों से कर्ज लेकर यात्री बसें खरीदीं । कुछ ही सालों में यह गांव यात्री बस गांव के नाम से पूरे शिकाचे में मशहूर हो गया। यह गांव शिकाचे का प्रथम समृद्ध गांव भी बन गया। श्री फूदेन के अनुसार,

हमारे गांव में कुल 38 परिवार हैं, केवल दो परिवार अपेक्षाकृत गरीब हैं। गरीब किसानों की मदद करने के लिए मैंने उन के लिए अपने यहां काम करने का इन्तजाम किया है।मैं ने उन्हें पैसे देकर गाड़ी चलाने का प्रशिक्षण दिलवाया। अब वे लोग मेरे अच्छे सहायक हैं और उन की जीवन-स्थिति भी बेहतर हो गयी है।

श्री फूदेन ने हमें बताया कि अगले वर्ष वे और कुछ यात्री बस खरीदेंगे और अपने व्यापार का विस्तार करेंगे। उन के विचार में खुद समृद्ध होने के बाद दूसरे लोगों की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव के कुछ लोग गाड़ियां तो खरीद लेते हैं, फिर भी उन्हें काम करने का मौका नहीं मिल पाता है। इसलिए, श्री फूदेन अकसर गांववासियों का नेतृत्व करके बाहर काम करते हैं, लिनजी प्रिफेक्चर की सड़कों के निर्माण में श्री फूदेन और उन के गांववासियों का बड़ा योगदान है। इतना ही नहीं, स्थानीय पर्यटन का विकास करने में भी उन लोगों की गाड़ियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अब श्री फूदेन के घर में पांच बड़े ट्रैक्टर, कई यात्री बसें और दो मोटर गाड़ियां हैं।

परिवहन के अलावा, इधर के वर्षों में, श्री फूदेन ने सर्वप्रथम चीन के भीतरी इलाके से गायों का आयात किया और गांव वासियों का श्रेष्ठ गायों का पालन करने के लिए आह्वान किया। उन के नेतृत्व में अब दीना गांव के हर परिवार में गायों का पालन किया जा रहा है । तिब्बती जनता के दैनिक जीवन में घी खाना बहुत आवश्यक है। हम सब जानते हैं कि घी दूध से बनाया जाता है। दीना गांव में गायों का पालन करने के बाद अब स्थानीय लोगों को घी खरीदने की जरुरत नहीं है।

पिछले वर्ष के मई माह से जाछ्वोशोंग जिले ने अपनी अधीनस्थ गांवों में मुर्गी पालन की परियोजना शुरु की।दीना गांव को फिर एक बार इस परियोजना से लाभ मिला। जाछ्वोशोंग जिला के प्रधान श्री मीमाजाशी ने हमें बताया,केवल इस परियोजना से हर एक किसान की वार्षिक आमदनी में लगभग 400 चीनी य्वान की वृद्धि हुई है। इस परियोजना के अनुसार, देश ने हमारे यहां चार सौ परिवारों को मुर्गी पालन का विशेष परिवार घोषित किया है। हमारे यहां हर वर्ष 3000 मुर्गी पालन करने वाले परिवारों की संख्या 15 हैं, जबकि कुछ परिवारों में 10 हजार से ज्यादा मुर्गियां भी हैं।

श्री मीमाजाशी ने कहा कि देश के किसानों को समृद्ध बनाने की नीति से लाभ उठाकर स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में उन्नति हुई है। किसान फूदेन ने हमें बताया कि वे अकसर अपने बच्चों को मेहनत से पढ़ने और काम करने की शिक्षा देते हैं।मैंने उन्हें कहा कि हम सब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की अच्छाई को नहीं भूल सकते। अब घर के वृद्धों में केवल मैं खुद पढ़-लिख सकता हूं। मैंने जान लिया कि ज्ञान हासिल करना बहुत जरुरी है। मैं आशा करता हूं कि मेरे बेटे-बेटियां हालिया स्थिति से संतुष्ट न होंगे और मेहनत से काम करेंगे। मेरे पोते-पोतियां मेहनत से पढ़ेंगे और बाद में समाज के लिए उपयोगी आदमी बन सकेंगे। चूंकि वे ही देश का भविष्य हैं।

साक्षात्कार के अंत में श्री फूदेन ने हमें अपनी एक इच्छा भी बतायी।चूंकि रोज़ वे काम में व्यस्त रहते हैं और बाहर पर्यटन करने के लिए समय नहीं निकाल पाते । उन्हें आशा है कि उन के बेटे-बेटियां यथाशीघ्र ही उन की जगह लेकर घर का व्यापार संभालेंगे । उस समय वे अपने पत्नी के साथ चीन के भीतरी इलाके, यहां तक कि विदेशों की यात्रा भी करेंगे।