• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-10-09 19:02:06    
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में लाबा जाति का नया जीवन

cri

चीन में कुल 55 अल्पसंख्यक जातियां है, जिस में लोबा जाति अल्प जन संख्या वाली जातियों में से एक है । आज के इस लेख में आप हमारे साथ तिब्बत के नानई टाउंशिप के छाइ चाओ गांव का दौरा करेंगे और जानेंगे वहां रहने वाली लोबा जाति के जीवन के बारे में ।

तिब्बत के दक्षिण पूर्वी भाग में चारों ओर प्राकृतिक जंगल से घिरा हुआ मिलिन कांउटी में नानईगो नामक क्षेत्र है । यहां कई किसान परिवार बसे हुए हैं, पहाड़ की तलहटी में गायों और बकरों के झुंड दिखाई देते हैं। यह है लोबा जाति का आवास स्थान----तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के लिनची प्रिफैक्चर में नानई लोबा टाउनशिप ।

नाई लोबा टाउनशिप में कुल तीन गांव हैं, जहां 453 व्यक्ति रहते हैं, जिन में 355 लोग लोबा जाति के हैं । वर्ष 1985 में लम्बे समय से पहाड़ों में रहने वाले लोबा जाति के लोग बाहर आए । सरकार ने उन्हें छाइचाओ गांव बसा कर दिया । गांववासी आम तौर पर परम्परा से कृषि और पशुपालन में लगे हुए हैं । गांव वासियों के रिहायशी मकानों का निर्माण गत शताब्दी के अस्सी वाले दशक में हुआ था, इस तरह आज ये मकान देखने में पुराने लगते हैं । लोबा जाति के किसानों व चरवाहों के रिहायशी मकानों की स्थिति को सुधारने और छाईचाओ गांव के व्यवसायिक ढांचे को बदलने के लिए वर्ष 2006 में स्थानीय सरकार ने चालीस लाख य्वान लगाकर गांव का पुनर्निर्माण किया । इस तरह छाईचाओ गांव के बुनियादी संसाधन, मार्ग और ऊर्जा निर्माण आदि क्षेत्रों में नयापन आया है । गांव के सभी 36 परिवारों को वास्तविक लाभ मिला है । हर परिवार अब नए मकान में रह रहा है। नानई टाउनशिप की सरकार के अधिकारी श्री तङ छांगसोंग ने जानकारी देते हुए कहा:

"नए रिहायशी मकानों के निर्माण का मापदंड हर परिवार की जन संख्या के अनुसार बनाया गया है । आठ जन वाले परिवार के रिहायशी मकान का क्षेत्रफल रसोई घर के बिना 117 वर्गमीटर है, मात्र रसोई घर का क्षेत्रफल 40 वर्गमीटर है । आठ जन से कम वाले परिवार के रिहायशी मकान का क्षेत्रफल 112 वर्गमीटर है । कंकरीट से बने हुए मकान बहुत मज़बूत हैं । मकान बाहर से लकड़ियों और बांस से सुसज्जित हैं, जोकि लोबा जाति के रीतिरिवाज़ों के अनुसार है । लेकिन कमरे में आधुनिक सामान रखा हुआ हैं । इस तरह के मकान में रहना बहुत सुविधाजनक है ।"

35 वर्षीय लोबा जाति महिला याच्या के परिवार में कुल छह सदस्य हैं । पहले परिवार के सभी सदस्य साठ वर्गमीटर वाले छोटे कमरे में रहते थे, उन का जीवन बहुत असुविधाजनक था । गत वर्ष याच्या और परिजनों ने खुशी के साथ 112 वर्गमीटर वाले मकान में प्रवेश किया । इस की चर्चा में लोबा जाति की महिला याच्या ने कहा:

"अब हमारे रिहायशी मकान की स्थिति बहुत अच्छी है । पहले वर्षा के दिनों में पानी मकान के अंद घुस आता था । लेकिन आज हमारा मकान पहले से कहीं बड़ा है और मज़बूत भी है । सोने वाला कमरा और रसोई घर अलग-अलग हैं । हम ने नया फ़र्नीचर खरीदा है । मुझे नया मकान बहुत पसंद है ।"

सुश्री याच्या ने कहा कि पहले परिवार की कमाई तोंगछुंग शाछाओ की खुदाई पर निर्भर करती थी । तोंगछोंग श्याछाओ चीन के तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में एक साल में एक बार पैदा होने वाली एक विशेष किस्म की जड़ी-बूटी, की खुदाई करता था। यह जड़ीबूटी गर्मियों में घास के रूप में और सर्दियों में कीड़े के रूप में दिखती है। अंग्रेज़ी में इसे कोर्दिसेप्स कहा जाता है । कोर्दिसेप्स की खुदाई से प्राप्त आय कम थी, इस तरह पहले याच्या परिवार का जीवन कठिन था । लेकिन आज याच्या 12 याक पालती हैं और शीशे के बाड़े का निर्माण कर सब्ज़ियां उगाती हैं । गत वर्ष उन्होंने एक ट्रेक्टर खरीदा । खेती के काम के अवकाश के समय इस का प्रयोग कर परिवहन का काम भी लिया जाता है । वर्तमान में हर वर्ष घर की आय आठ हज़ार य्वान से ज्यादा है । अब याच्या का घर गांव में मध्य स्तर की आय वाले परिवारों में से एक है । याच्या के चार बच्चे हैं । इन में दो मीडिल स्कूल में पढ़ते हैं और बाकी दो बच्चों की उम्र छोटी है । याच्या अपने जीवन से बहुत संतुष्ट है ।