• हिन्दी सेवा• चाइना रेडियो इंटरनेशनल
China Radio International
चीन की खबरें
विश्व समाचार
  आर्थिक समाचार
  संस्कृति
  विज्ञान व तकनीक
  खेल
  समाज

कारोबार-व्यापार

खेल और खिलाडी

चीन की अल्पसंख्यक जाति

विज्ञान, शिक्षा व स्वास्थ्य

सांस्कृतिक जीवन
(GMT+08:00) 2007-09-28 10:19:54    
पृथ्वी पर्वत

cri

एक दिन जमीन और आसमान एक दूसरे से टक्कर गया , आसमान पर एक विराट दरार पड़ा और जमीन का विस्फोट हुआ , जमीन के फट पड़ने के बाद तपती हुई लाव की लपटें भू-तल से निकल आई , जिस ने जंगलों को अपने लपेट में ले लिया ,बाढ़ घाटी के भीतर से बह कर बाहर आयी , जिस से पहाड़ प्रवाहित हो गए , भूत प्रेत और नरसंहारी जानवर खून खराब मचाने लगे , मानव अपार संकट में पड़ गया ।

मानव का हाहाकार न्यु वा के कानों पड़ा , उस ने सर्वप्रथम भूत प्रेतों तथा नरसंहारी जानवरों को मार कर खत्म कर दिया , बाढ़ के प्रकोप को शांत कर दिया और फटे हुए आसमान की मरम्मत करना शुरू किया ।

न्यु वा ने विभिन्न स्थानों से घास लकड़ी बटोर कर आसमान के दरार के पास रखा , जब घास लकड़ी का ढेर आसमान तक ऊंचा जा पहुंचा , तो न्यु वा ने आसमान के रंग सरीखे नीले पत्थर ढूंढना आरंभ किया , जमीन पर पर्याप्त नीले पत्थर नहीं मिलता था , तो उस ने सफेद , पीले , लाल और काले पत्थर भी लाये और सभी पत्थरों को ईंधन के ढेर पर रख दिया ।

फिर उस ने भूतल से निकली लाव की आग से घास लकड़ी जलायी , लकड़ी में आग धधकने लगी , जिस से सारा ब्रहमण जगजमा हो उठा , पांच रंगों के पत्थर लाल लाल हो गए , धीरे धीरे पिघल हुआ , जो गाढ़ा पानी के रूप में आसमान पर पड़े दरार में भरा हुआ ,जब ईंधन खत्म हुई, तब आसमान का दरार भी पूरी तरह भर गया ।

फटे आसमान की ठीक मरम्मत की गई , लेकिन उस का मूल रूप वापस नहीं आ पाया , इसी कारण से आसमान उत्तर पश्चिम की दिशा में थोड़ा तिरछा हुआ ।

तो सूरज और चांद उत्तर पश्चिम की दिशा में घूमने लगे , दक्षिण पूर्व की जमीन पर एक गहरा गड्ढ़ा नजर आया , जिस की ओर सभी छोटी बड़ी नदियां बहते हुए जा मिलती , वहां असीम जल राशि जम कर समुद्र के रूप में बदली ।

पो हाई समुद्र के पूर्व में एक गहरा गड्ढा था , जिस का तल कहीं भी पता नहीं था , गड्ढा का नाम था क्वी श्यु । जमीन पर का पानी हो या समुद्र का पानी सब का सब इस गहरे गड्ढे के अन्दर जा मिलता था ।

लेकिन क्वी श्यु गड्ढा कभी भी भरा नहीं पाया , उस का पानी हमेशा बराबर दिखता था , न वृद्धि आई , न ही कटौती हुई , इस लिए मानव उस से हमेशा सुरक्षित रहा ।

क्वी श्यु गड्ढे में पांच देवी गिरी थी , नाम थे त्येयु , युन्नछो , फांगहु , यंगचो और फङलाई । हर गिरी तीस हजार मील ऊंची थी , वे एक दूसरे से सहत्तर हजार मील दूर थे ।

गिरी पर सोने से निर्मित महल थे , जेड की जंगलाएं थीं , वहां बहुत से देवता रहते थे ।

देवी गिरि में सभी पशु पक्षी श्वेत रंग के थे , अनोखे पेड़ वृक्ष थे , पेड़ पौधों के फल मोती और रत्न की भांति स्वादिष्ट थे , उसे खाने से मानव दीर्घआयु हो सकता था । देवता स्वच्छ व सफेद वस्त्र पहनते थे , पीठ पर छोटा सा पर पंख थे, वे समुद्र के ऊपर और आकाश में पक्षी की तरह उड़ते विचरते थे , वे पंचों गिरियों के म्यांन आते जाते थे और रिश्तेदारों व मित्रों से मिलते थे , उन का जीवन अपार खुश और आनंदित है ।