प्रिय दोस्तो , आज के चीन के भ्रमण कार्यक्रम में हम आप के साथ दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत के शह लिन क्षेत्र का दौरा करने जा रहे हैं । युन्नान प्रांत के शह लिन क्षेत्र में चीनी अल्पसंख्यक जातियों में से एक ई जाति की सानी शाखा रहती है । इस सानी शाखा ने शह लिन क्षेत्रीय आशमा संस्कृति और रंगारंग जातीय नृत्य गान रचे हैं । आइये , अब हम सानी शाखा के वासियों से मिलने चलते हैं ।
छोटे शह लिन पर्यटन क्षेत्र में एक स्वच्छ पानी वाली झील स्थित है । इस झील के तट पर एक पत्थर चोटी है । इस पत्थर चोटी का आकार प्रकार सुंदर सानी युवती जैसा जान पडता है । इसलिये हर रोज बड़ी संख्या में पर्यटक इस चोटी को देखने और फोटो खिंचवाने के लिये यहां आते हैं । हमारी गाईड सुश्री पी युन ह्वा ने इस पत्थर चोटी की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह प्रसिद्ध आशमा पत्थर चोटी है । यहां की सभी युवतियों को आशमा कहा जाता है ।
हमारी गाईड सुश्री पी युन ह्वा ने कहा कि हमारे यहां सभी युवतियों को आशमा कहा जाता है। ई जाति में आशमा का अर्थ है खूबसूरत युवतियां । जबकि युवकों को आहे भइया कहा जाता है। मतलब है मेहनती और बहादुर ।
आशमा पत्थर चोटी के बारे में यहां एक मर्मस्पर्शी पौराणिक कहानी अभी तक खूब प्रचलित है । कहा जाता है कि एक गरीब परिवार में एक बहुत सुंदर बच्ची का जन्म हुआ । उस के मां बाप ने उस का आशमा नाम रखा । बड़ी होकर आशमा को नाचने और गाने में खूब महारत हासिल हो गई। अतः बहुत से स्थानीय युवक आशमा से प्यार करने लगे । युवती आशमा ने अपने गांव के अनाथ गरीब युवक आहे से प्रेम किया और उस के साथ शादी करने की कसम भी खायी । एक साल मशाल उत्सव में आशमा और आहे ने बंधन का रिश्ता पक्का कर लिया । गांव के जमींदार के बेटे को भी आशमा पसंद आ गई और उस ने शादी का संबंध तय करने के लिये एक परिचायक को आशमा के घर भेजा । पर युवती आशमा किसी भी शर्त पर उस के साथ शादी करने को तैयार नहीं हुई। एक दिन जब आहे भइया बकरियों को चराने के लिये बाहर गया , तो जमींदार ने इस मौके का फायदा उठाकर युवती अशमा का अपहरण कर लिया और उसे अपने बेटे के साथ शादी करने पर मजबूर कर दिया। पर युवती आशमा अंतिम दम तक इस बात पर राजी नहीं हुई । युवक आहे ने जब वापस लौटकर सुना कि युवती आशमा का अपहरण हो गया है , तो वह शीघ्र ही जमींदार के घर जा कर युवती आशमा को मुक्त करा कर बाहर भागा । जमींदार यह जानकर बहुत आग बबूला हुआ । उस ने बदला लेने के लिये युवती आशमा और युवक आहे का पीछा किया । जब वे दोनों उफनती पार कर रहे थे , तो जमींदार ने नदी के तेज बहाव में उन दोनों को डुबो दिया । बाद में इंग शान की युवती ने आशमा को बचा लिया , फिर आशमा ने एक पत्थर चोटी का रूप धारण कर लिया ।
ई जाति की सानी शाखा पीढ़ी दर पीढ़ी शह लिन क्षेत्र में रहती आई है । यहां के वासी आम तौर पर पत्थर के मकानों में रहते है। पिछले कई सालों में यहां पत्थर के मकान बनाने और सड़कें निर्मित करने की परम्परा बनी हुई है । स्थानीय कामों का अध्ययन कर रहे ह्वांगशिंग ने हमें बताया कि शह लिन क्षेत्र की पत्थर संस्कृति बहुत पुरानी है ।
उन का कहना है कि क्योंकि पिछले लम्बे अर्से से हमारे पूर्वज इसी कार्स्ट भूतत्वीय सूरती क्षेत्र में रहते आये हैं, इसलिये उन्हों ने 8 लाख साल पहले पत्थरों से प्रकृति के साथ संघर्ष करने का पता लगाया , फिर धीरे-धीरे पत्थरों से समृद्ध संबंधित संस्कृति रची । उदाहरण के लिये पुरातन पाषाण युग के कुछ औजारों से लेकर आज के कुछ उत्पाद साधन पत्थरों से जुडे हुए हैं ।
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