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(GMT+08:00) 2007-09-27 16:16:00    
17 वीं पार्टी कांग्रेस चीन की विकास प्रक्रिया में एक बेहद महत्वपूर्ण सम्मेलन होगी

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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 17 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस अक्तबूर के मध्य में पेइचिंग में आयोजित होगी । संबंधित चीनी विशेषज्ञों का कहना है कि 17 वीं कांग्रेस का आयोजन चीन के सुधार व खुलेपन कार्य के एक कुंजीभूत काल में हो रहा है , इसलिए सम्मेलन में पिछले तीस सालों में प्राप्त सफल अनुभवों का निचोड़ निकाला जाएगा और वैज्ञानिक विकास व सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण के सिद्धांत को अंजाम देने को गति दी जाएगी । सम्मेलन की उपलब्धियां चीन के भावी विकास पर अहम प्रभाव डालेंगी ।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की राष्ट्रीय कांग्रेस हर पांच साल में एक बार होती है । मौजूदा कांग्रेस चीन के सुधार व खुलेपन कार्य की तीसवीं वर्षगांठ की पूर्ववेला में हो रही है । इस पर संबंधित चीनी विशेषज्ञ , प्रोफेसर त्ये येनचुन ने कहा कि पिछले तीस सालों में प्राप्त अनुभवों का निचोड़ निकालना , खास कर पार्टी की 16 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में प्रस्तुत रणनीतिक विचारधाराओं और सत्ता संचालन के अनुभवों का सारांश निकालना 17 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस के ध्यानाकर्षक विषय होंगे । उन्हों ने कहाः

17 वीं कांग्रेस ऐसे समय पर होगी , जब चीन के सुधार व खुलेपन की नीति लागू हुए तीस साल हो गए है , पिछले तीस सालों में बहुत से मूल्यवान अनुभव प्राप्त हो चुके हैं , जिस का संजीदगी से निचोड़ निकाला जाना चाहिए । इस के अलावा 16 वीं कांग्रेस के बाद पिछले पांच सालों में नए सत्र के केन्द्रीय नेतृत्व ने सिलसिलेवार रणनीतिक विचारधाराएं पेश की हैं , जिन ने पार्टी निर्माण और समाज विकास में अहम भूमिका अदी की है , इन के बारे में भी बहुत से अनुभव हासिल हुए हैं । इसी दृष्टि से 17 वीं कांग्रेस बहुत महत्वपूर्ण है ।

वर्ष 2002 में हुई पार्टी की 16 वीं कांग्रेस के बाद चीन के आर्थिक व सामाजिक विकास में सर्वमान्य सफलता प्राप्त हुई है । चीन का औसत प्रतिव्यक्ति जी डी पी अब 2000 अमरीकी डालर को पार गया , पार्टी द्वारा प्रवर्तित सुधार व खुलेपन कार्य भी विकास के स्वर्ण युग में दाखिल हुआ । किन्तु चीन के समाज में प्रायः सामंजस्यपूर्ण स्थिति होने के बावजूद कुछ विषमताएं मौजूद हैं , मसलन्, शहरी व ग्रामीण विकास असंतुलित है , पर्यावरण संरक्षण पर भारी दबाव है तथा गरीबी और अमीरी के बीच खाई लम्बी हो गयी है ।

इन विषमताओं को दूर करने के लिए पार्टी की केन्द्रीय कमेटी ने वर्ष 2003 में वैज्ञानिक विकास की अवधारणा पेश की और मानव पर प्राथमिकता देते हुए संपूर्ण , संतुलित व अनवरत विकास की विचारधारा पेश की , ताकि आर्थिक व सामाजिक व मानवी विकास को साथ साथ बढ़ाया जाए । वैज्ञानिक विकास की अवधारणा सुधार व खुलेपन कार्य में प्राप्त सफल अनुभवों पर आधारित है और विश्व के अन्य देशों के विकास में प्राप्त अनुभवों व सबकों के अध्ययन के बाद प्रस्तुत हुई है , जिस में विकास सवाल पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नए दृष्टिकोण व्यक्त हुए है। वर्ष 2004 में पार्टी की केन्द्रीय कमेटी ने सामंजस्यपूर्ण समाजवादी समाज के निर्माण का रणनीतिक कार्य पेश किया और 2006 में 2020 तक सामंजस्यपूर्ण समाजवादी समाज की स्थापना का स्पष्ट लक्ष्य पेश किया।

इस लक्ष्य पर गत 7 मार्च को पार्टी के महा सचिव हु चिनथाओ ने संयुक्त निर्माण में साझे उपभोग और साझे उपभोग में संयुक्त निर्माण वाले उसूल पर प्रकाश डाला । उन्हों ने कहाः

जन समुदाय के प्राथमिक स्थान व सृजन भावना का सम्मान करते हुए ज्यादा से ज्यादा उन के कार्य उत्साह तथा सृजन शक्ति को विकसित किया जाए , अधिक से व्यापक जन समुदाय के मूल हितों की रक्षा की जाए और संयुक्त निर्माण व साझे उपभोग वाले सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण को संपूर्ण प्रक्रिया में रखा जाए ।

पार्टी के इस सिद्धांत के निर्देशन में चीन सरकार ने जनता के जीवन को प्राथमिक स्थान पर रखा , जन जीवन पर महत्व दिया , जन जीवन की गारंटी व सुधार को सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण का मुख्य मुद्दा बनाया और सिलसिलेवार कामयाबियां हासिल कीं ।

वैज्ञानिक विकास व सामंजस्यपूर्ण समाज के बारे में पार्टी की विचारधारा ने चीन के सुधार व खुलेपन कार्य को आगे बढ़ाने के लिए सैद्धांतिक आधार प्रदान किया । केन्द्रीय पार्टी स्कूल के प्रोफेसर वु चुंगफा ने इस सिद्धांत के समर्थन में कहाः

चीन एक अहम परिवर्तनशील काल में प्रवेश कर गया है । सुधार व खुलेपन कार्य सृजन के नए काल से गुजर रहा है । पार्टी की 17 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस ऐसी स्थिति में हो रही है , इसलिए व्यवस्थाओं के सृजन के लिए वैज्ञानिक विकास अवधारणा और सामंजस्यपूर्ण समाज सिद्धांत ने एक बहुत अच्छा सैद्धांतिक आधार पेश किया है ।